Lalu Yadav Story : 'Lalu Yadav' कैसे बनें भारत के सबसे सफल रेल मंत्री!

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Lalu Yadav Story : 'Lalu Yadav' कैसे बनें भारत के सबसे सफल रेल मंत्री!

 भारत में अभी तक बहुत से दिग्गज नेताओं ने रेल मंत्री (Rail Minister) की कमान संभाली,लेकिन कोई बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के (Lalu Prasad Yadav) जैसा सफल नहीं हो पाया। भले ही लालू यादव पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगें। लेकिन लालू यादव के रेलमंत्री के रूप में किए गए काम आज भी काबिल तारीफ हैं। पहली बार लालू यादव (Lalu Yadav), UPA -1 की सरकार में 23 मई, 2004 में रेल मंत्री बनें। लालू यादव भारत सरकार के 31 वें रेलमंत्री थे।

लालू यादव ने अपने कार्यकाल में रेलवे को 90 हज़ार करोड़ का मुनाफा दिलाया। जब तक लालू रेलवे मंत्री रहें, उन पांच वर्षों में रेलवे में 2 लाख 30 हजार करोड़ का निवेश हुआ। लालू ने अपने गृह राज्य बिहार को काफी अच्छी ट्रेनें मुहैया कराई, जिसका आज भी हर बिहारवासी शुक्रियादा करते नहीं थकता। लालू यादव के कार्यकाल में ट्रेन दुर्घटना में काफी कमी हुई। 2004 से 2009 में रेलवे ने माल ढुलाई में 9 प्रतिशत वृद्धि दर होने का श्रय लालू यादव को ही जाता है। (Lalu Yadav) के रेल कार्यकाल में 5 वर्षों में 8 प्रतिशत की दर से विकास हुआ था, जो एक बड़ी बात है। लालू यादव ने ट्रेन की सीटों को अपग्रेड करवाके रेलवे को लाखों का फ़ायदा करवाया। दिल्‍ली-अमृतसर, हावड़ा-हल्दिया, दिल्ली-पटना बुलेट ट्रेन का प्रस्ताव लालू यादव ने ही रखा। गरीब रथ ट्रेन, जिसमें कम पैसे में भी AC का आनंद लोग ले रहें हैं। वह भी लालू यादव की देन हैं। हालांकि अब कई गरीब रथ ट्रेनें बंद करदी गयी हैं। इनके ही कार्यकाल में कश्मीर घाटी को रेलवे से जोड़ा गया। कुल मिलाकर देखा जाएं तो लालू यादव के रेलमंत्री के कार्यकाल में रेलवे को कभी घाटे का सौदा नहीं हुआ। लालू यादव 25 मई , 2009 तक रेल मंत्री रहें। लालू यादव के बाद रेलमंत्री की कुर्सी TMC प्रमुख ममता बनर्जी ने संभाली। 

रेल मंत्री (Rail Minister) रहते हुए लालू यादव (Lalu Yadav) का एक किस्सा भी काफी लोकप्रिय हुआ था। लालू प्रसाद, गेस्ट फैक्लटी के रूप एक बार भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) के विद्यार्थियों को प्रबंधन का ज्ञान देने अहमदाबाद पहुंचे थे और IIM के करीब 70 विद्यार्थियों को अपने प्रबंधन ज्ञान से प्रभावित किया था। उस समय IIM के छात्रों को रेल मंत्री लालू प्रसाद का “रेलवे देसी गाय नहीं, जर्सी (दुधारू नस्ल) गाय है”। वाला जुमला बेहद ही पसंद आया था, जिससे सभी छात्र हसतें-हसते लोट-पोट हो गए थे। 

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