Maithili thakur in politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की राजनीति में एक नई एंट्री होने वाली है, जिसे लेकर अब सियासत गरमाने लगी है। दरअसल सुप्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर(maithili thakur) ने अभी कुछ दिनों पहले ही राजनीती में आने की ख्वाहिश जाहिर की थी और अब वो राजनीति की राह पर चलने को तैयार है। इतना ही नहीं उन्होंने बीजेपी के कई बड़े नेता गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े से मुलाकात भी की है। वहीं मैथिली ठाकुर के फिर से दिल्ली से बिहार लौट आने को लेकर उन्हें बुरी तरह से ट्रोल भी किया जा रहा है। जानिये क्या कह रही है बिहार की जनता।
पिता का विवादित बयान Maithili thakur in politics
राजनीति में आने को लेकर हुई घोषणा के बाद से ही सोशल मीडिया पर मैथिली को काफी ट्रोल किया जा रहा है। इसी बीच उनके पिता रमेश ठाकुर का एक बयान भी काफी वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने लालू प्रसाद यादव के शासन में होने वाले बिहार में भ्रष्टाचार को लेकर उन पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने बिहार में नौकरी की काफी तलाश की, लेकिन जब लगा कि अब अगर बिहार में रहे तो भूखे मर जायेंगे, तो बिहार छोड़ कर दिल्ली भाग गए। वहीं अब जब जब बेटी को एमएलए बनाना है तो बिहार के राग अलाप रहे है। अपने भागने की वजह आरजेडी सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव के जंगलराज को बता रहे है।
मैथिली ठाकुर का आया बयान
मैथिली ठाकुर के राजनीति में आने को लेकर होने वाले विवादों के बीच मैथिली का भी बयान सामने आया है। मैथिली ने कहा कि वो तो अभी राजनीति में आई भी नहीं है, और उन पर लोगो का कटाक्ष शुरु कर दिया है। मैथिली ने वोट चोरी के आरोपो को लेकर कहा कि बीजेपी और सीएम नीतिश कुमार से सभी काफी खुश है, ये कोई मुद्दा ही नहीं है। वो राजनीति में आकर अपने लोगो की सेवा करना चाहती है। हैरानी की बात है कि कभी बिहार की स्थिति पर बात तक वहीं की वो जनता की सेवा करेंगी।
कभी बिहार में नहीं रही मैथिली Who is Maithili thakur
बिहार विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनने की चाह रखने वाली मौथिली का जन्म 25 जुलाई 2000 को बिहार में मधुबनी जिले के बेनीपट्टी इलाके में हुआ था, लेकिन उनके पिता 1995 में ही लालू यादव के जंगलराज के दुखी होकर, या ये कहें कि नौकरी न मिलने के कारण बिहार से पलायन कर गए थे। मैथिली कभी बिहार में नहीं रही है, केवल बिहार की लोकगायिका बनी, जिसे असल में बिहार की मिट्टी से कोई खास लेने देना नहीं है। लेकिन आज बिहार में चुनाव के नाम पर बिहार के गुण गाये जा रहे है।
मैथिली के फैसले से जनता नाखुश
वहीं सोशल मीडिया पर भी लोगो की अलग अलग प्रतिक्रिया आ रही है। लोगों ने मौथिली को राजनीति में न आने की सलाह दी है। क्योंकि ये केवल बीजेपी को फायदा पहुंचायेगी, लेकिन उनकी इमेज पूरी तरह से खराब हो जायेगी। वो बेहतरीन लोक गायिका है उसे ही आगे बढ़ाना चाहिये लेकिन राजनीति में उनकी साफ सुथरी छवि धूमिल हो जायेगी। वहीं मैथिली को पावर स्टार पवन सिंह से उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे लोगो को बिहार की जनता वोट नहीं करती। पवन सिंह का ही हाल देख लिजिये, बहुत भौकाल था उनका, लेकिन फिर भी हाल गए..हालांकि पवन सिंह लोकप्रियता ने उनके विपक्षियों की नींदे जरूर उड़ा दी थी। बीजेपी कहीं न कहीं मैथिली ठाकुर को लोक क्षेत्र का चेहरा बना कर वोटर्स को लुभाने की कोशिश कर रही है।
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फैंस ने कहा लालची
मैथिली ठाकुर असल में बिहार खादी उद्योग की ब्रांड एंबेसडर है, लेकिन लोगो का कहना है कि उन्होंने मैथिली को कभी किसी सोशल वर्क को करते नहीं देखा, कभी जरूरतमंदों के लिए खड़े होते हुए नहीं देखा, फिर वो राजनीति में अच्छा करेंगी, किस आधार पर कहा जा सकता है। इतना ही नहीं लोगो की तो ये भी प्रतिक्रिया आई कि खुद को सभ्य संस्कारी दिखाने वाले मैथिली ठाकुर का परिवार काफी लालची है। वो कभी भी चैरिटी के लिए कार्यक्रम नहीं करते है। यहां तक कि छोटे बजट के कार्यक्रमों में तो वो लोग जाते ही नहीं है, अगर पैसे कम मिले तो भी वो काम करने से इंकार कर देते है। ऐसे में कैसे मान लें कि वो जनता की सेवा के लिए राजनीति में कदम रख रही है। जबकि आज तक एक सेलीब्रिटि होने के नाते क्या किया है उन्होंने लोगो के लिए। बताते चले कि अटकले लगाई जा रही है कि मैथिली अलीपुर से चुनाव लड़ सकती है, जो कि उनके नानी का घर है।