Mokama Murder Case: मोकामा में चुनावी हिंसा और दुलारचंद यादव की हत्या के बाद बिहार की सियासत में उबाल आ गया है। बढ़ते तनाव के बीच अब चुनाव आयोग एक्शन मोड में नजर आ रहा है। आयोग ने राज्य प्रशासन को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि प्रदेश में शांति बनाए रखने के लिए अवैध हथियारों की बरामदगी अभियान को तेज किया जाए और जिनके पास लाइसेंसी हथियार हैं, उन्हें भी तत्काल जमा कराया जाए। आयोग का कहना है कि हिंसा रोकने और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर कड़ी निगरानी जरूरी है।
CEC ने की बिहार की कानून-व्यवस्था की समीक्षा (Mokama Murder Case)
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार की कानून-व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की। इस बैठक में राज्य के वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस प्रशासन और जिला चुनाव अधिकारी शामिल हुए।
बैठक के दौरान मोकामा में हाल ही में हुई चुनावी हिंसा और दुलारचंद यादव हत्याकांड पर विस्तार से चर्चा की गई। CEC ने अधिकारियों को सख्त लहजे में चेतावनी दी कि “किसी भी कीमत पर चुनावी हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” आयोग ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां हर संवेदनशील इलाके में पैनी नजर रखें और किसी भी उपद्रवी तत्व को बख्शा न जाए।
मोकामा हिंसा में लगातार बढ़ रही हैं FIR
दुलारचंद यादव की हत्या के बाद मोकामा में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इस घटना ने इलाके में कानून-व्यवस्था की स्थिति को और जटिल बना दिया है। अब तक इस मामले से जुड़ी चार एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं।
ताजा मामला पंडारक थाने का है, जहां आरजेडी प्रत्याशी वीणा देवी के समर्थकों की ओर से एक नई FIR दर्ज की गई है। आरोप है कि शुक्रवार को दुलारचंद यादव की शव यात्रा के दौरान पंडारक में हंगामा हुआ था, जिसमें वीणा देवी के काफिले की गाड़ी में तोड़फोड़ की गई। इस मामले में सुमित, सोनू और गोलू नाम के तीन लोगों को आरोपी बनाया गया है।
पहले से दर्ज हैं तीन अन्य एफआईआर
इससे पहले मोकामा हत्याकांड से जुड़ी तीन एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं।
पहली FIR दुलारचंद यादव के पोते नीरज कुमार की शिकायत पर दर्ज की गई थी, जिसमें पूर्व विधायक अनंत सिंह, उनके भतीजे राजवीर और कर्मवीर, साथ ही छोटन सिंह और कंजय सिंह को नामजद किया गया है।
दूसरी FIR अनंत सिंह के समर्थक जितेंद्र कुमार की ओर से दर्ज कराई गई, जिसमें जनसुराज प्रत्याशी प्रियदर्शी पीयूष, लखन महतो, बाजो महतो, नीतीश महतो, ईश्वर महतो और अजय महतो को आरोपी बनाया गया है।
तीसरी FIR पुलिस ने खुद दर्ज की है, जबकि चौथी FIR पंडारक थाने में वीणा देवी के समर्थकों द्वारा दर्ज कराई गई।
कुल मिलाकर अब तक मोकामा हिंसा से जुड़ी चार एफआईआर सामने आ चुकी हैं—तीन भदौर थाने में और एक पंडारक थाने में।
चुनाव आयोग की सख्ती और आगे की रणनीति
चुनाव आयोग ने राज्य प्रशासन को दो टूक निर्देश दिए हैं कि मोकामा जैसी घटनाएं दोबारा न हों। आयोग ने कहा है कि इलाके में पुलिस गश्त बढ़ाई जाए, अवैध हथियार रखने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो और राजनीतिक रंजिश को भड़काने वालों पर सख्त नजर रखी जाए।
इसके साथ ही, आयोग ने साफ कर दिया है कि शांति भंग करने या चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने की किसी भी कोशिश पर तुरंत कार्रवाई होगी।
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