P Chidambaram: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने हाल ही में एक चौंकाने वाला बयान दिया है, जिसमें उन्होंने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई न करने के फैसले के पीछे के कारणों का खुलासा किया। चिदंबरम का कहना है कि तत्कालीन यूपीए सरकार ने भारी अंतरराष्ट्रीय दबाव और विशेष रूप से अमेरिका की विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस के रुख को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई न करने का निर्णय लिया था।
चिदंबरम ने एक प्रमुख समाचार चैनल से बातचीत करते हुए कहा, “जब हमला हुआ, तो मेरे मन में बदला लेने का विचार आया था, लेकिन सरकार ने सैन्य कार्रवाई न करने का निर्णय लिया।” उन्होंने बताया कि जब वह केंद्रीय गृह मंत्री के पद पर नियुक्त हुए, तो कोंडोलीजा राइस दो-तीन दिन बाद उनसे और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलने आईं थीं और स्पष्ट तौर पर युद्ध शुरू करने से मना किया था। चिदंबरम ने यह भी कहा कि यह एक गंभीर राजनीतिक निर्णय था, और उनकी बातों का बड़ा असर था।
अमेरिका के दबाव का खुलासा– P Chidambaram
चिदंबरम ने यह भी बताया कि कोंडोलीजा राइस ने उनसे और प्रधानमंत्री से कहा था कि वे पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई न करें। उन्होंने इस दौरान यह स्पष्ट किया कि उनके मन में बदले की भावना थी, लेकिन विदेश मंत्रालय और भारतीय विदेश सेवा (IFS) के प्रभाव के कारण सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कोई शारीरिक कार्रवाई नहीं की। चिदंबरम ने स्वीकार किया कि पीएम और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ इस पर चर्चा की गई, लेकिन अंततः यही निष्कर्ष निकला कि सैन्य कार्रवाई से परहेज किया जाए।
2008 में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े दस पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई में आतंक का तांडव मचाया था। इन हमलों में कुल 175 लोग मारे गए थे, और भारतीय सुरक्षा बलों ने अजमल कसाब सहित कुछ आतंकवादियों को पकड़ने में सफलता पाई थी। कसाब को बाद में 2012 में फांसी दे दी गई थी।
बीजेपी का तीखा पलटवार
चिदंबरम के इस बयान पर बीजेपी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि यह कुबूलनामा “बहुत कम और बहुत देर से” आया है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश पहले से ही जानता था कि मुंबई हमलों को “विदेशी ताकतों के दबाव के कारण गलत तरीके से संभाला गया था।”
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इस मामले में सवाल उठाए और कहा कि चिदंबरम और उनकी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई से क्यों बचने का फैसला किया। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चिदंबरम पर दबाव डाला था। पूनावाला ने यह आरोप भी लगाया कि यूपीए सरकार अमेरिका के दबाव में आकर पाकिस्तान को ज्यादा सहानुभूति दे रही थी, जबकि भारत को अपनी सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए थे।
कांग्रेस पर आरोप
बीजेपी ने कांग्रेस पर और भी गंभीर आरोप लगाए। शहजाद पूनावाला ने दावा किया कि यूपीए सरकार ने न केवल पाकिस्तान को “क्लीन चिट” दी थी, बल्कि मुंबई हमलों और 2007 के समझौता एक्सप्रेस बम धमाकों पर भी उसे बिना सजा दिए छोड़ दिया था। इसके अलावा, उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस ने “हिंदू आतंकवाद” की कहानी को बढ़ावा दिया और पाकिस्तान के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।