Pawan Singh controversy: भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार और अब एक बार फिर बीजेपी में लौटे पवन सिंह इन दिनों सिर्फ अपनी फिल्मों या राजनीति को लेकर नहीं, बल्कि अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी जबरदस्त चर्चा में हैं। पार्टी में वापसी के कुछ ही दिनों बाद एक ऐसा पारिवारिक विवाद सामने आया है, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। उनकी पत्नी ज्योति सिंह के पिता रामबाबू सिंह ने मीडिया के सामने बेहद भावुक होकर पवन सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं, और अब मामला सीधे राजनीति के मैदान तक पहुंच गया है।
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“मैंने पैर पकड़कर रोया, लेकिन…” – ससुर का भावुक बयान
पवन सिंह के ससुर रामबाबू सिंह ने आरोप लगाया कि दामाद ने उनके और उनकी बेटी के साथ बहुत निष्ठुरता से व्यवहार किया। उन्होंने कहा कि पवन सिंह यह दावा कर रहे हैं कि उन पर ज्योति को राजनीति में लाने का दबाव था, लेकिन यह सरासर झूठ है।
रामबाबू सिंह का कहना है, “मेरी कोई पार्टी है क्या जो मैं विधायक बनाने का दबाव डालूंगा? मैं तो सिर्फ एक बाप हूं, जो अपनी बेटी की इज्जत की भीख मांग रहा था। तीन महीने पहले मैं पवन के पास गया था। उनके पैर पकड़कर रोया और कहा, ‘बाबू, मेरी बेटी को अपना लीजिए। वो आपके चुनाव में दिन-रात मेहनत करेगी। मेरी इज्जत बचा लीजिए।'”
लेकिन उनके मुताबिक, पवन सिंह का जवाब बेहद ठंडा था – “जो होगा, कोर्ट से होगा।” इसके बाद न उन्होंने फोन उठाया, न कोई जवाब दिया।
ज्योति सिंह की एंट्री से बढ़ा सस्पेंस, निर्दलीय लड़ेंगी चुनाव? Pawan Singh controversy
इस पारिवारिक ड्रामे ने अब राजनीतिक रंग भी ले लिया है। रामबाबू सिंह ने बताया कि पवन सिंह के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान ज्योति सिंह का जनता से गहरा जुड़ाव बना। लोगों ने उन्हें “भाभी” कहकर सम्मान दिया और जब पवन सिंह हार गए, तब भी लोग लगातार संपर्क में रहे।
रामबाबू का दावा है कि अब ज्योति सिंह खुद चुनाव लड़ने का मन बना रही हैं और अगर लड़ेंगी तो किसी पार्टी से नहीं, बल्कि निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में काराकाट सीट से मैदान में उतरेंगी। यानी वही इलाका जहां से पहले पवन सिंह ने चुनाव लड़ा था।
बीजेपी में वापसी के बाद पवन के लिए बढ़ी मुश्किलें
पवन सिंह ने कुछ ही दिन पहले बीजेपी में ‘घर वापसी’ की थी और बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव में बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी में हैं। लेकिन अब उनकी निजी जिंदगी से जुड़ा यह विवाद उनके राजनीतिक करियर के लिए एक मुश्किल मोड़ बन सकता है।
अगर वाकई ज्योति निर्दलीय चुनाव लड़ती हैं, तो पवन सिंह को न सिर्फ एक मजबूत राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी का सामना करना पड़ेगा, बल्कि ये टकराव निजी रिश्तों की बुनियाद पर खड़ा होगा जिसे जनता भी बड़े दिलचस्प अंदाज में देखेगी।
पारिवारिक कलह से राजनीतिक टकराव तक
यह पूरा मामला अब सिर्फ घरेलू कलह नहीं रह गया, बल्कि यह बिहार की चुनावी राजनीति में एक नए और भावनात्मक एंगल के साथ एंट्री कर चुका है। पवन सिंह जैसे सेलेब्रिटी चेहरे के लिए यह विवाद उनकी छवि पर सीधा असर डाल सकता है।
जहां एक तरफ बीजेपी को पवन सिंह के स्टारडम से उम्मीदें हैं, वहीं दूसरी तरफ उनकी पत्नी द्वारा उठाया गया यह कदम उन पर राजनीतिक और सामाजिक दबाव दोनों बढ़ा सकता है।
अब सभी की नजर इस बात पर टिकी है कि क्या ज्योति वाकई चुनाव लड़ेंगी, और अगर हां, तो क्या पवन सिंह को अपनी ही पत्नी से एक बड़े राजनीतिक मुकाबले का सामना करना पड़ेगा? बिहार की सियासत में यह कहानी आने वाले दिनों में और भी दिलचस्प मोड़ ले सकती है।