Who is Hiren Joshi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी माने जाने वाले और PMO के भीतर एक अहम भूमिका निभाने वाले हिरेन जोशी एक बार फिर राजनीतिक विवाद के केंद्र में आ गए हैं। कांग्रेस ने इस बार सीधे उनका नाम लेते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय पर पारदर्शिता की कमी और गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं। पार्टी का कहना है कि हिरेन जोशी के खिलाफ कई सवाल लंबे समय से उठते रहे हैं, लेकिन सरकार हर बार चुप्पी साध लेती है।
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बुधवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने हिरेन जोशी पर तीखा हमला बोला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधे घेरा। उन्होंने कहा, ‘हिरेन जोशी कोई छोटा नाम नहीं है। प्रधानमंत्री कार्यालय में सबसे ताकतवर व्यक्ति, जिसने इस देश के लोकतंत्र की हत्या में महत्वपूर्ण काम किया और अब चर्चा में भी हैं। उनके साथ एक हैं, जो लॉ कमीशन में एक साल पहले ही आए थे। उनको आनन-फानन में बाहर कर दिया गया। सरकारी घर भी खाली करा दिया। क्या हो रहा है? देश को जानने का हक है।’
Hiren Joshi चर्चा में हैं। उनके साथी को law commission से बाहर कर दिया गया। वो कौन सी Betting App में उनकी हिस्सेदारी थी, वो क्या PMO में बैठ कर क्या कर रहे थे?
विदेशों में इनका क्या इंटरेस्ट था? वो अमेरिका में किस से मिले? अब पीएम के कार्यालय पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा हो गया है?… pic.twitter.com/W8hhZTtqo7
— Harmeet Kaur K (@iamharmeetK) December 3, 2025
‘हिरेन जोशी का पूरा मामला देश के सामने आना चाहिए (Who is Hiren Joshi)
पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हाल ही में हिरेन जोशी के एक करीबी को लॉ कमीशन से अचानक बाहर किया गया, और उनसे सरकारी आवास भी खाली करा लिया गया। उनका आरोप है कि यह फैसला बिना किसी स्पष्टीकरण के लिया गया, जो अपने आप में कई सवाल खड़े करता है।
खेड़ा ने कहा, “हिरेन जोशी कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं। वे प्रधानमंत्री कार्यालय में सबसे ताकतवर और प्रभावशाली इंसान हैं। जिनके इशारों पर लोकतंत्र से जुड़ी कई प्रक्रियाओं को मोड़ा गया। अब उनके साथी को लॉ कमीशन से हटाया गया है आखिर क्यों? देश को सच जानने का अधिकार है।”
कांग्रेस ने यह भी सवाल उठाया कि क्या PMO में रहते हुए हिरेन जोशी किसी बेटिंग ऐप या किसी बिजनेस से जुड़े थे? अगर हां, तो क्या इनमें उनका कोई हित था? इसके साथ ही विदेश यात्राओं से जुड़े उनके संपर्कों पर भी सवाल खड़े किए गए।
खेड़ा ने आरोप लगाया, “विदेशों में इनके क्या लिंक थे? विदेश यात्राओं के दौरान क्या किसी राष्ट्रीय हित से समझौता किया गया? सरकार इस मुद्दे पर चुप क्यों है?”
सुप्रिया श्रीनेत का आरोप: PMO में कुछ ‘ठीक नहीं’
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि हिरेन जोशी, जो प्रधानमंत्री के सबसे करीबी OSD रहे, उन्हें अचानक “हटा दिया गया” है। हालांकि, इस दावे की सरकार की ओर से कोई पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रसार भारती के चेयरमैन नवनीत सहगल का अचानक दिया गया इस्तीफा भी कई सवाल खड़े करता है।
अचानक से
▪️प्रधानमंत्री के बेहद करीबी रहे OSD हीरन जोशी जिनके इशारों पर मीडिया ताथैया करता रहा, उन्हें एकदम से हटा दिया जाता है
▪️प्रसार भारती के चेयरमैन नवनीत सहगल का यकायेक इस्तीफा हो जाता है
सुनने में आ रहा है – आने वाले दिनों में और इस्तीफे होंगे
👉लेकिन वो क्या चीज़…
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) December 4, 2025
उनके अनुसार, “PMO में कुछ तो गड़बड़ है, नहीं तो इतने बड़े स्तर पर इतने तेज़ फैसले क्यों लिए जा रहे हैं?”
हिरेन जोशी पर पहले भी लगे हैं कई गंभीर आरोप
यह पहली बार नहीं है जब हिरेन जोशी चर्चा या विवाद में आए हों। उनसे जुड़े आरोपों का एक लंबा इतिहास है।
- 2022 में पूर्व दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि हिरेन जोशी मीडिया पर दबाव डालते हैं कि AAP की खबरें न दिखाई जाएं।
- सुब्रमण्यम स्वामी कई बार सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि मीडिया को धमकियां देने का काम PMO के भीतर से होता है और इसमें हिरेन जोशी की भूमिका होती है।
- स्वामी ने आरोप लगाया था कि BJP IT सेल के लोग उनके खिलाफ ऑनलाइन हमले हिरेन जोशी के इशारे पर करते हैं।
जून 2023 में स्वामी ने एक्स पर लिखा था, “भारतीय और विदेशी मीडिया को ज्यादातर धमकियां PMO के हिरेन जोशी से मिलती हैं। मोदी को उन्हें हटाना चाहिए या खुद जिम्मेदारी लेनी चाहिए।”
Most of the threats to Indian and Foreign media in India come from PMO’ s Moron Hiren Joshi. So Anurag Thakur is merely a file pusher. Visits and summoning is done by Joshi. Obviously Modi must sack him or own responsibility.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 14, 2023
आखिर कौन हैं हिरेन जोशी?
हिरेन जोशी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंख और कान के तौर पर जाना जाता है। वह 2019 से PMO में कम्युनिकेशंस और IT के OSD हैं। वह 2008 से नरेंद्र मोदी से जुड़े हुए हैं। वह एक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर और पहले असिस्टेंट प्रोफेसर रह चुके हैं। वह RSS बैकग्राउंड से हैं, लेकिन हमेशा लो प्रोफाइल रहे हैं।
ओपन मैग्ज़ीन के मुताबिक, हिरेन जोशी हर सुबह मोदी से मिलकर सोशल मीडिया और देशभर में चल रही डिजिटल गतिविधियों की विस्तृत ब्रीफिंग देते हैं। वे यह तय करते हैं कि PM नरेंद्र मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट पर क्या पोस्ट होगा, कौन सा संदेश कब जारी किया जाएगा, किस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रिया दी जानी चाहिए। चुनावी रैलियों में भी वे मोदी की टीम का हिस्सा रहते हैं और भाषणों की हाइलाइट्स को सोशल मीडिया पर फैलाने की रणनीति तैयार करते हैं।
मोदी और हिरेन जोशी की पहली मुलाकात
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि मोदी और हिरेन जोशी की पहली मुलाकात बेहद अनोखी थी। गुजरात सरकार का एक बड़ा इवेंट था, जहां तकनीकी खराबी आ गई। हिरेन जोशी ने मिनटों में इसे ठीक कर दिया और मोदी उनकी दक्षता से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उन्हें सीधे गुजरात CMO में OSD बना दिया।
इसके बाद हिरेन जोशी ने मोदी के लिए ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया, जो उनकी पूरी दिनचर्या, मीटिंग्स, संवाद सब कुछ ऑटोमेटिक ट्रैक करता था। 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद जोशी भी दिल्ली आ गए और तब से मोदी की डिजिटल उपस्थिति का पूरा ब्लूप्रिंट वही तैयार करते रहे।
ट्विप्लोमेसी: जिसने हिरेन जोशी को सुर्खियों में ला दिया
2014 में जब मोदी पहली बार जापान दौरे पर जा रहे थे, तो उनके एक्स (तब ट्विटर) अकाउंट से जापानी भाषा में किए गए 8 ट्वीट अचानक वायरल हुए। यह भारत की तरफ से डिजिटल डिप्लोमेसी का पहला बड़ा प्रयोग माना गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन ट्वीट्स की स्क्रिप्ट पहले टोक्यो एंबेसी भेजी गई, वहां ट्रांसलेट हुई। इसके बाद विदेश मंत्रालय ने वेरिफाई किया फिर एक विशेष सॉफ्टवेयर से जापानी फॉन्ट में पोस्ट किया गया। इस पूरे ऑपरेशन की योजना हिरेन जोशी ने बनाई थी।
PMO में उनकी भूमिका कितनी बड़ी है?
हिरेन जोशी प्रधानमंत्री के डिजिटल मंत्रिमंडल की धुरी माने जाते हैं। वे तय करते हैं कि प्रधानमंत्री कब और क्या पोस्ट करेंगे, और इस दिशा में उनकी रणनीति सरकार की डिजिटल दुनिया में अहम भूमिका निभाती है। 2014 और 2019 के दोनों चुनावों में सोशल मीडिया अभियान का नेतृत्व उन्होंने ही संभाला, जिससे उनकी योजना और कार्यक्षमता की गहराई साफ दिखाई देती है। इसके अलावा PMO की वेबसाइट और प्रधानमंत्री की निजी वेबसाइट narendramodi.in की डिजिटल प्लानिंग भी उनके हाथ में है। हर रात 11:30 बजे वे प्रधानमंत्री को ऑनलाइन गतिविधियों और सोशल मीडिया पर चल रहे संदेशों की पूरी रिपोर्ट देते हैं, ताकि हर कदम रणनीतिक और प्रभावी हो। उनकी टीम देशभर में फैली है, जो सोशल मीडिया की हर गतिविधि का विश्लेषण कर रिपोर्ट PMO तक पहुंचाती है।
PMO में क्या पद और कितनी सैलरी?
जून 2019 में हिरेन जोशी को PMO में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (OSD) के रूप में नियुक्त किया गया। वे लेवल-14 के अधिकारी हैं और इस पद के साथ उन्हें मासिक आधार पर ₹1,77,400 की बेसिक सैलरी मिलती है, जो उनके कार्य और जिम्मेदारियों के अनुरूप तय की गई है।
क्या उन्हें PMO से हटाया गया?
वहीं बात करें उनके PMO से बाहर होने कि तो कांग्रेस का दावा है कि हिरेन जोशी को PMO से बाहर कर दिया गया है, लेकिन सरकार ने न तो इसकी पुष्टि की और न ही खंडन किया है। यही चुप्पी विवाद को और बढ़ा रही है।
कांग्रेस का कहना है कि अगर किसी बड़े अधिकारी को हटाया गया है तो वजह बताई जाए। इतना ही नहीं, उनके संपर्कों, आर्थिक गतिविधियों और विदेश यात्राओं की जांच हो और पूरा मामला देश के सामने रखा जाए।










