Justice Surya Kant becomes CJI: हाल ही में जस्टिस सूर्यकांत भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) बने हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस सूर्यकांत को शपथ दिलाई है। वही हालिय कार्यभार सभाल रहे सीजेआई बी.आर. गवई (CJI B.R. Gavai) ने केंद्र सरकार को उनके नाम की सिफारिश की है।
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कौन है जस्टिस सूर्यकांत? Who is Justice Suryakant
जस्टिस सूर्यकांत (Justice Surya Kant) देश के 53वें चीफ जस्टिस बन गए हैं, उनका कार्यकाल 15 महीने का होगा, इस पद पर वो 9 फरवरी 2027 तक रहेंगे, जस्टिस सूर्यकांत ने CJI भूषण आर गवई की जगह ली सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आने से पहले वह हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट (Himachal Pradesh highcourt) के मुख्य न्यायाधीश थे। मई 2019 में उनकी नियुक्ति शीर्ष अदालत में हुई, उन्होंने 1981 में हिसार के गवर्न्मेंट पोस्ट ग्रेजुएक कॉलेज से Graduation और 1984 में रोहतक के महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री ली। आपको बता दें कि अपने अब तक के कार्यकाल में जस्टिस सूर्यकांत कई अहम फैसलों का हिस्सा रहे हैं…इन फैसलों में अनुच्छेद 370 हटाने, SIR और पेगासस स्पाइवेयर केस शामिल हैं।
हाल ही में उन्होंने बिहार SIR पर सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग को आदेश दिया था कि मतदाता सूची से निकाले गए 65 लाख मतदाताओं के नाम सार्वजनिक किए जाएं, इसके अलावा जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने गुलामी के काल में बने राजद्रोह कानून के तहत कोई भी नया मामला दर्ज न करने का आदेश दिया था, राज्य के विधेयकों के संबध में राज्यपाल और राष्ट्रपति की शक्तियों पर टिप्पणी करने वाली बेंच में भी जस्टिस सूर्यकांत शामिल थे।
सूर्यकांत द्वारा किये गए कार्य
इतना ही नहीं जस्टिस सूर्यकांत ने सभी बार एसोसिएशन में एक-तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने के निर्देश दिए थे, वहीं वन रैंक-वन पेंशन योजना को संवैधानिक रूप से वैध ठहराया था, जबकि सशस्त्र बलों में स्थायी कमीशन में समानता की मांग करने वाली महिला अधिकारियों से संबंधित मामलों की सुनवाई जारी रखी, आने वाले दिनों में जस्टिस सूर्यकांत संवैधानिक कानून, साइबर लॉ, आपराधिक न्याय एवं चुनावी निष्पक्षता से जुड़े मुद्दों पर सुनवाई करेंगे।
मिडल क्लास परिवार में जन्मे सूर्यकांत
दरअसल, हरियाणा के हिसार जिले के पेटवार गाँव में 10 फ़रवरी, 1962 को एक मिडल क्लास परिवार में जन्मे, उन्होंने 1981 में हिसार के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। जिसके बाद उन्होंने 1984 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक (Maharshi Dayanand University, Rohtak) से विधि स्नातक (LLB) की उपाधि प्राप्त की।
सूर्यकांत के करियर की शुरुआत
उन्होंने 1984 में हिसार जिला न्यायालय (Hisar District Court) में वकालत शुरू की। 1985 में, वे पंजाब (Punjab) एवं हरियाणा उच्च न्यायालय (Haryana High Court) में वकालत करने के लिए चंडीगढ़ (Chandigarh) चले गए। इसके बाद, 7 जुलाई, 2000 को उन्हें हरियाणा का सबसे युवा महाधिवक्ता (Advocate General) नियुक्त किया गया। 9 जनवरी, 2004 को वे पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय (Punjab and Haryana High Court) के स्थायी न्यायाधीश बने।
