Rekha Gupta Attacked: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुआ हमला जितना गंभीर था, उससे कहीं ज़्यादा चिंता की बात है उस हमले के बाद शुरू हुई राजनीति। एक तरफ आरोपी की गिरफ्तारी और उसके आपराधिक इतिहास की जांच जारी है, वहीं दूसरी ओर इस पूरे मामले को राजनीतिक रंग देकर एक फर्जी तस्वीर के ज़रिए नया विवाद खड़ा कर दिया गया। और ये सब तब हुआ जब देशभर में AI के संभावित खतरों को लेकर चर्चा गर्म है।
हमला और तुरंत शुरू हुई राजनीति- Rekha Gupta Attacked
20 अगस्त 2025 को एक जनसुनवाई के दौरान फरियादी बनकर आया राजेशभाई खिमजीभाई सकारिया नाम का व्यक्ति अचानक सीएम रेखा गुप्ता पर हमला कर देता है। हमला चौंकाने वाला था लेकिन इससे भी ज़्यादा हैरान करने वाली बात यह थी कि कुछ ही घंटों के भीतर इसका सियासी इस्तेमाल शुरू हो गया।
बीजेपी विधायक हरीश खुराना ने इस घटना को आम आदमी पार्टी से जोड़ने की कोशिश की। उन्होंने X (पहले ट्विटर) पर एक तस्वीर शेयर की, जिसमें हमले के आरोपी को आम आदमी पार्टी के विधायक गोपाल इटालिया के साथ दिखाया गया। खुराना ने इस तस्वीर को प्रमाण बनाकर दावा किया कि रेखा गुप्ता पर हुआ हमला एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा था, जिसमें आप पार्टी की भूमिका संदिग्ध है।
जिसका शक था वही हुआ । @ArvindKejriwal के खास @Gopal_Italia के साथ फोटो बहुत कुछ कह रही है।
यानी आज हुए @gupta_rekha जी के ऊपर हुए हमले का कनेक्शन @AamAadmiParty से जुड़ता है ऐसा साफ़ नज़र आ रहा है।इस फ़ोटो की सच्चाई केजरीवाल जी बताए?
केजरीवाल जी प्लीज़ एक्सप्लेन “यह रिश्ता… pic.twitter.com/eOvkkVs92y
— Harish Khurana (@HarishKhuranna) August 20, 2025
फोटो की हकीकत: AI से गढ़ी गई कहानी
सोशल मीडिया पर जब ये तस्वीर वायरल हुई तो काफी लोगों को इस पर यकीन हो गया, लेकिन जैसे ही पत्रकारों और फैक्ट-चेकर्स ने इसकी जांच शुरू की, सच्चाई सामने आ गई।
आज तक की फैक्ट-चेक टीम ने फोटो का रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया कि तस्वीर गोपाल इटालिया के एक पुराने वीडियो से छेड़छाड़ कर बनाई गई थी।
- जिस फ्रेम को तस्वीर में इस्तेमाल किया गया, वह 6 अगस्त को यूट्यूब पर अपलोड किए गए एक मीटिंग वीडियो का हिस्सा है।
- आरोपी राजेश की जो तस्वीर उसमें जोड़ दी गई, उसमें रौशनी, ऐंगल और गुणवत्ता मेल नहीं खाते।
गोपाल इटालिया का पलटवार
बीजेपी विधायक के दावों पर आम आदमी पार्टी के विधायक गोपाल इटालिया ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आरोप लगाया कि हरीश खुराना ने जानबूझकर उनके पुराने वीडियो से स्क्रीनशॉट लेकर AI के ज़रिए फर्जी फोटो बनाई और उसे शेयर कर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश की।
इटालिया ने कहा, “विधायक बनने के बाद मुझे आप जैसे ट्रोलर्स को सफाई देनी पड़ रही है, यह मेरे लिए दुर्भाग्य की बात है।” उन्होंने खुराना के इस कृत्य को “घिनौना” करार दिया और कहा कि “सीएम का बेटा होकर भी ऐसा करना शर्मनाक है।”
हरीश खुराना जी, आप की ख़ुद की तो किसी ट्रोलर से ज़्यादा इज्जत है नहीं लेकिन ऐसी घटिया हरकत करने से पहले अपने पिताजी मदनलाल जी की इज्जत की तो परवाह कर लेते?
दो रूपिये Per ट्वीट के हिसाब से काम कर रहे भाजपाई छुटभैये से भी निम्न स्तर के आप के कारनामे देखकर स्वर्गीय मदनलाल खुराना… https://t.co/KjeG09XACl
— Gopal Italia (@Gopal_Italia) August 20, 2025
खुराना का जवाब और उलझते सवाल
जब एक टीवी शो में हरीश खुराना से पूछा गया कि फोटो का सोर्स क्या है और क्या उन्होंने उसकी सत्यता जांची, तो उनका जवाब था कि वे खुद मीडिया में 14 साल रह चुके हैं, लेकिन वे फोटो का स्रोत नहीं बता सकते।
उन्होंने यह जरूर कहा कि तस्वीर की जांच होनी चाहिए, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने फिर से गोपाल इटालिया से सवाल पूछा कि “फोटो की सच्चाई केजरीवाल बताएं।”
AI का राजनीतिक इस्तेमाल: लोकतंत्र पर खतरा?
इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या अब AI का इस्तेमाल फर्जी साजिशें रचने और राजनैतिक विरोधियों को बदनाम करने के लिए होगा?
- जब कोई आम इंसान ऐसी हरकत करता है तो वह भी निंदनीय होती है, लेकिन जब कोई विधायक वह भी पूर्व सीएम का बेटा ऐसा करता है, तो यह सीधे लोकतंत्र की नींव पर वार है।
- इस घटना ने साफ कर दिया कि अब सोशल मीडिया पर किसी की भी फर्जी तस्वीर बनाकर उसे किसी भी विवाद में घसीटना बेहद आसान हो गया है।
- इससे न केवल किसी व्यक्ति की छवि खराब होती है, बल्कि पूरे राजनीतिक माहौल में भ्रम फैलता है, और असली मुद्दा पीछे छूट जाता है जैसे कि यहां रेखा गुप्ता पर हमला।
AI की निगरानी की ज़रूरत
भारत में अभी AI के गलत इस्तेमाल को लेकर कोई स्पष्ट कानून नहीं है। जबकि कई देशों में Deepfake और फर्जी AI जनरेटेड कंटेंट को लेकर सख्त कानून बनाए जा रहे हैं, भारत में अब भी यह क्षेत्र लगभग अनियंत्रित है।
ऐसे में अगर नेताओं द्वारा फर्जी तस्वीरें बनाकर दूसरों पर कीचड़ उछाली जाए, तो यह न केवल राजनीतिक शिष्टाचार का उल्लंघन है, बल्कि देश की जनता के साथ धोखा भी है।