Rohini Acharya Controversy: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। महागठबंधन और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को NDA के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा। महागठबंधन को महज 25 सीटों पर जीत मिली, जबकि एनडीए ने भारी बहुमत के साथ सत्ता पर कब्जा जमाया। इस राजनीतिक तूफ़ान के बीच लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने एक बड़ा और चौंकाने वाला फैसला लेते हुए राजनीति और परिवार दोनों से दूरी बनाने की घोषणा कर दी है।
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शनिवार को रोहिणी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर पोस्ट किया कि वे संजय यादव और रमीज की सलाह पर यह कदम उठा रही हैं और ‘सारी जिम्मेदारी खुद ले रही हैं।’ उनका यह कदम ऐसे समय आया जब महागठबंधन की हार के बाद पार्टी और परिवार दोनों में हलचल थी।
तेज प्रताप की बगावत और JJD का सफर- Rohini Acharya Controversy
इससे पहले लालू यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को सोशल मीडिया पोस्ट के बाद पार्टी और परिवार से निष्कासित कर दिया था। तेज प्रताप ने इस फैसले के बाद ‘टीम तेज प्रताप यादव’ के नाम से नया राजनीतिक मंच बनाया और बाद में जनशक्ति जनता दल (JJD) की स्थापना की। हालांकि JJD ने इस बार सभी सीटों पर बुरी तरह हार का सामना किया और तेज प्रताप खुद महुआ सीट हार गए, जिसे उन्होंने 2015 में जीता था।
किडनी दान पर उठाए सवाल
वहीं, रोहिणी की बात करें तो उन्होंने अपने पोस्ट में खुलासा किया कि उन्हें अपमानित किया गया, उनके खिलाफ गंदी गालियां दी गईं और मारने के लिए चप्पल तक उठाई गई। उन्होंने लिखा कि उनके द्वारा पिता को किडनी दान करने के फैसले पर भी सवाल उठाए गए। रोहिणी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “कल मुझे गालियों के साथ बोला गया कि मैं गंदी हूं और मैंने अपने पिता को अपनी गंदी किडनी लगवा दी, करोड़ों रुपए लिए, टिकट लिया तब लगवाई गंदी किडनी।”
कल मुझे गालियों के साथ बोला गया कि मैं गंदी हूँ और मैंने अपने पिता को अपनी गंदी किडनी लगवा दी , करोड़ों रूपए लिए , टिकट लिया तब लगवाई गंदी किडनी .. सभी बेटी – बहन , जो शादीशुदा हैं उनको मैं बोलूंगी कि जब आपके मायके में कोई बेटा – भाई हो , तो भूल कर भी अपने भगवान रूपी पिता को…
— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) November 16, 2025
आरोप और बयानबाजी
आपको बता दें, बिहार विधानसभा चुनाव में रोहिणी ने तेजस्वी यादव का समर्थन किया था। हालांकि चुनाव नतीजे आने के बाद उन्होंने परिवार से दूरी बनाने की बात कही। रोहिणी ने एक के बाद एक ट्वीट कर पूरे घटनाक्रम को सोशल मीडिया पर सामने रखा। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने परिवार को लेकर ऐसे संकेत दिए। सितंबर में भी उन्होंने लिखा था, “मैंने एक बेटी व बहन के तौर पर अपना कर्तव्य एवं धर्म निभाया है और आगे भी निभाती रहूंगी। मुझे किसी पद की लालसा नहीं है, न मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है। मेरे लिए मेरा आत्म-सम्मान सर्वोपरि है।”
लोकसभा चुनाव की हार का असर
इतना ही नहीं, रोहिणी आचार्य ने 2024 में सारण सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था, जो आरजेडी की परंपरागत मजबूत सीट मानी जाती है। इस चुनाव में उन्हें भाजपा के राजीव प्रताप रूडी से हार का सामना करना पड़ा। इस हार को उनके परिवार में प्रभाव घटने और राजनीति से दूरी के पीछे की एक बड़ी वजह माना जा रहा है।
हालांकि अपने एक पुराने इंटरव्यू में रोहिणी के सुर अपने भाई तेजस्वी को लेकर बदले हुए थे।
रोहिणी आचार्य ने पंद्रह दिन पहले अपने परिवार और तेजस्वी यादव के साथ रिश्ते पर क्या कहा था सुनिए. pic.twitter.com/ddkwEQHYSh
— Nidhi Shree (@NidhiShreeJha) November 15, 2025
कौन हैं रोहिणी आचार्य?
आपको बता दें, रोहिणी आचार्य तब सुर्खियों में आईं जब उन्होंने अपने पिता लालू प्रसाद यादव को 5 दिसंबर 2022 को किडनी दान की। यह ट्रांसप्लांट सिंगापुर के माउंट एलिज़ाबेथ अस्पताल में सफल रहा और इसके बाद रोहिणी की देशभर में तारीफ हुई।
रोहिणी 2002 में समरेश सिंह से शादी के बाद सिंगापुर में रहने लगीं। उनका परिवार तीन बच्चों के साथ वहीं रहता है। रोहिणी सोशल मीडिया पर भी सक्रिय हैं और देश-विदेश में उनकी मौजूदगी बनी रहती है।
संपत्ति और पेशा
ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, रोहिणी आचार्य के पास 36.6 करोड़ रुपये की संपत्ति है और 1.3 करोड़ रुपये की देनदारी। उन्होंने अपनी वार्षिक आय 6.8 करोड़ रुपये बताई है। रोहिणी ने पेशा सामाजिक सेवा बताया है और उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं है।
शिक्षा और पृष्ठभूमि
रोहिणी का जन्म 1979 में पटना में हुआ था। उन्होंने महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज, जमशेदपुर से MBBS की पढ़ाई की। रोहिणी लालू यादव की सात बेटियों और दो बेटों में दूसरे नंबर पर आती हैं। उन्होंने मेडिसिन में डिग्री हासिल की और शादी के बाद विदेश चली गईं।
