SAMRAT CHAUDHARY FAKE PHD DEGREE CONTROVERSY: बिहार में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव करीब आ रहे है। विपक्ष, सत्ता के बैठी जेडीयू और बीजेपी की सरकार पर काफी हमलावर हो रही है। बीते कुछ समय से शिल्पी गौतम बलात्कार और मर्डर केस में विवादों में फंसे बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी(DEPUTY CM SAMRAT CHAUDHARY) को अभी तक राहत भी नहीं मिली थी कि जन सुराज पार्टी के मुखिया प्रशांत किशोर(PRASHANT KISHOR) ने कुछ ऐसा धमाका कर दिया है, जिससे लगता है कि अब सम्राट चौधरी ज्यादा दिनों तक डिप्टी सीएम कुर्सी पर टिक नहीं पाएंगे।
प्रशांत किशोर ने लगाये संगीन आरोप
दरअसल जन सुराज पार्टी(JAN SURAJ PARTY) के अध्यक्ष और संस्थापक प्रशांत किशोर ने बीजेपी के दिगग्ज नेता और बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर संगीन आरोप लगाते हुए उन्हें फर्जी डिग्री होल्डर कहा है। पीके ने खुलासा करते हुए कहा कि सम्राट चौधरी असल में केवल सातवी पास है। कभी मैट्रिक पास न करने वाले सम्राट चौधरी डॉक्टरेट की डिग्री भी हासिल कर सकते है। पीके ने आगे कहा कि सम्राट चौधरी अब तक अपने मतलब के लिए कई नाम तक बदल चुके है, कभी वो सम्राट कुमार मौर्य, फिर राकेश कुमार और बाद में सम्राट चौधरी। रिपोर्ट बताते है कि सुप्रीम कोर्ट में सम्राट चौधरी द्वारा जमा दस्तावेजों के अनुसार वो मैट्रिक की परिक्षा में फेल हो गए थे, जबकि 2010 के शपथपत्र में उन्होंने खुद को सातवी तक पढ़ा लिखा बताया था। प्रशांत किशोर ने सीधे तौर पर सम्राट चौधरी से पूछा है कि वो खुद से इस बात को मीडिय़ा के सामने बताये कि उन्होंने दसवी कब पास की थी।
जब नाबालिक बता कर हुए बरी
प्रशांत किशोर के आरोपो का सिलसिला यहीं नहीं रूका। उन्होंने चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि 2010 के विधानसभा चुनाव में उनकी उम्र 28 साल थी औऱ 2020 के विधान परिषद चुनाव में वो अचानक 51 साल के हो गए। 28 साल की आदमी 10 सालो में 51 साल का कैसे हो गया। वहीं 28 मार्च, 1995 के लौना परसा नरसंहार को कोई कैसे भुला सकता है। जिसमें अपने पिता शकुनी चौधरी के साथ साथ सम्राट चौधरी का नाम भी शामिल था, इसमें कुशवाहा समुदाय के छह लोग मारे गए थे, लेकिन हैरानी की बात है कि उस समय सम्राट चौधरी ने अपने आप को नाबालिक बता कर इस मामले से खुद का बचाव कर लिया। यहां तक कि 1999 में जब उन्हें कृषि मंत्री बनाया गया तो राज्यपाल ने 25 साल पूरे न होने का हवाला देकर पद से हटा दिया। यहां तक कि 2000 में उनका विधानसभा चुनाव भी 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया गया लेकिन वहीं जब 2010 में चुनावी हलफनामां दायर किया तो उन्होंने उसमें अपना जन्म साल 1969 बताया था। अब दोनो में से किसे सच माने। क्योंकि 1969 के आधार पर तो 1995 में नरसंहार में उनकी उम्र 26 साल पूरी हो गई थी फिर वो नाबालिक कैसे हो गए.. और अगर वो सच है तो फिर वो अभी 51 साल के कैसे हो गए।
प्रशांत किशोर के इन खुलासों के बाद विपक्ष ने भी सम्राट चौधरी को बुरी तरह से घेरना शुरु कर दिया। सम्राट चौधरी को उनके पद से बर्खाश्त करने का मांग कर रहे है। एक के बाद एक सम्राट चौधरी पर लगे संगीन आरोपो को लेकर अभी तक बीजेपी या जदयू की तरफ से की प्रतिक्रिया नहीं आई है, वहीं प्रशांत किशोर ने सीधा इशारा किया कि वो सम्राट चौधरी को पद से बर्खास्त करने के लिए चिट्ठी लिखेंगे। वहीं सम्राट चौधरी को 1995 के नरसंहार मामले में झूठे दस्तावेज देने के लिए गिरफ्तार करने की मांग कर रहे है।