कोर्ट परिसर में मुजरिम के तौर पर जाने वाले इस शख्स को आज कैसे मिल रहा है उचित सम्मान

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट कांपलेक्स में बार एसोसिएशन ने सम्राट पृथ्वीराज चौहान और वीर शिरोमणि महाराणाप्रताप की जयंती कार्यक्रम मनाया गया और इस कार्यक्रम भारतीय राजनीतिज्ञ, फूलनदेवी (Phoolan Devi) की हत्या और सम्राट पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां अफगानिस्तान से लाने वाले दमदार भारतीय राजपूत शेर सिंह राणा ने हिस्सा लिया और इस में उन्होने कई सारी बातें भी कही.

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तीस हजारी कोर्ट में हुए कार्यक्रम में शामिल हुए शेर सिंह राणा

जानकरी के अनुसार, तीस हजारी कोर्ट कांपलेक्स में बार एसोसिएशन ने सम्राट पृथ्वीराज चौहान और वीर शिरोमणि महाराणाप्रताप की जयंती कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री आशीष अग्रवाल पूर्व अध्यक्ष श्री केसीमित्तल विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष श्री आलोक कुमार व सभी बार एसोसिएशन के पदाधिकारी व वरिष्ठ अधिवक्ता शामिल हुए. वहीं इस सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए शेर सिंह राणा ने कहा कि तीस हजारी कोर्ट में आए हुए लोगों को प्रमाण किया.

कार्यक्रम से मिलेगा अच्छा सन्देश : शेर सिंह राणा

वहीं शेर सिंह राणा में भाषण देते हुए कहा कि जो शुरुआत की है वो किसी भी जाती का हो धर्म का हो किसी भी वर्ग से सम्बन्ध रखने वाला जिसको अपने भारतीय होने पर गर्व हो वो हर व्यक्ति हमारे इन पूर्वजों श्री सम्राट पृथ्वीराज चौहान और वीर शिरोमणि महाराणाप्रताप की जयंती मन रहे हैं उन्हें शुभकामनाएं और धन्यवाद करता हूँ कि जब भी हम ऐसा कोई कार्यक्रम करते हैं तो इससे लोगों के बीच एक अच्छा सन्देश जाता है. वहीं उन्होंने ये भी कहा कि जब मुझे इस कार्यक्रम का सन्देश मिला तो मुझे बहुत ही गर्व हुआ और ये मेरा सौभाग्य है कि सबका आशीर्वाद भी मुझे मिला.

वहीं शेर सिंह राणा ने अपने फेसबुक पेज इस कार्यक्रम का विडियो शेयर करते हुए लिखा कि  यह वही तीस हजारी कोर्ट कांपलेक्स है जहां शेर सिंह राणा जी को 13 साल तक एक मुल्जिम के रूप में पेश होना पड़ा था और आज उसी स्थान पर सम्मान मिला इसके लिए सभी का धन्यवाद !

जानिए कौन हैं Sher Singh Rana?

शेर सिंह राणा एक भारतीय राजनीतिज्ञ है और फूलनदेवी (Phoolan Devi) की हत्या और सम्राट पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां अफगानिस्तान से लाने वाले भारतीय राजपूत हैं. उनका असली नाम पंकज सिंह पुंढीर है और उसका जन्म 17 मई 1976 को उत्तराखंड के रुड़की में हुआ था. फूलन देवी की हत्या करने के मामले में उन्हें उम्रकैद की सजा हुई थी लेकिन 2016 में शेर सिंह राणा को जमानत मिल गई और साल 2019 में शेर सिंह ने अपनी पार्टी राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी (RAJPA) का गठन कर लिया और इस समय वो इस पार्टी के संस्थापक है.

‘Sher Singh Rana’ पर है किताब

वहीं कवि श्री अभय कांत जी  सम्राट पृथ्वीराज चौहान (Emperor Prithviraj Chauhan) और शेरसिंह राणा जी (Sher Singh Rana) के ऊपर आधारित एक किताब भी लिखी है और इस किताब का शीर्षक है ‘शेर ए हिन्द’ (sher-e-Hind)है.

‘शेर सिंह राणा’ पर बन रही है फिल्म

‘शेर सिंह राणा पर एक फिल्म भी बन रही है. इस फिल्म में बेहमई हत्याकांड पर आधारित है. जिसमें 22 राजपूतों की हत्या कर दी गयी और ये हत्या फूलन देवी ने करी थी. वहीं शेर सिंह राणा ने साल 1981 में बेहमई में फूलन देवी द्वारा गांव के 22 ठाकुरों को मारने बदला फूलन देवी (fulan devi murder) को 25 जुलाई 2001 में हत्या करके लिया था.

जानिए क्या है बेहमई हत्याकांड?

बेहमई हत्याकांड वो घटना है जब 22 राजपूतों की हत्या कर दी गयी और ये हत्या फूलन देवी ने करी थी. रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश का बेहमई गांव में फूलन देवी (fulan devi ) के साथ ठाकुर समाज के लोगों ने कई सप्ताह तक शारीरिक शोषण किया। इसी का बदला लेने के लिए फूलन ने एक शादी में पुलिस की वर्दी में शामिल होकर 14 फरवरी 1981 को एक साथ 22 लोगों को एक लाइन में खड़ा करके गोली मार दी थी और इस हत्याकांड को ही बेहमई हत्याकांड के नाम से जाना जाता है। फूलन देवी 80 के दशक की एक महिला डकैत थी. समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव फूलन देवी को राजनीति में लेकर आए और वर्ष 1996 में फूलन देवी उत्तर प्रदेश की भदोही लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर सांसद बनी और 25 जुलाई 2001 शेर सिंह राणा ने फूलन देवी की हत्या कर दी गयी.

Sher Singh Rana थे फूलन देवी हत्या के आरोपी साल 1981 में बेहमई में फूलन देवी द्वारा गांव के 22 ठाकुरों को मारने बदला शेर सिंह राणा ने फूलन देवी (fulan devi murder) को 25 जुलाई 2001 में हत्या करके लिया था. इसी हत्याकांड का बदला लेने के लिए फूलन देवी को मौत के घाट उतारा. शेर सिंह राणा का असली नाम पंकज सिंह पुंढीर है और उसका जन्म 17 मई 1976 को उत्तराखंड के रुड़की में हुआ था. वहीं फूलन देवी की हत्या करने के मामले में उन्हें उम्रकैद की सजा हुई थी लेकिन 17 फरवरी 2004 को शेर सिंह राणा तिहाड़ जेल से फरार हो गया और कुछ दिन बाद ही उसने दावा किया कि , साल 2006 में शेर सिंह राणा को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया. 2016 में शेर सिंह राणा को जमानत मिल गई और साल 2019 में शेर सिंह ने अपनी पार्टी राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी (RAJPA) का गठन कर लिया.

Sher Singh Rana ने 1 करोड़ रुपए के इनाम का किया ऐलान

वहीं TV100 की एक रिपोर्ट के अनुसार, शेर सिंह राणा ने इस बेहमई हत्याकांड को लेकर कहा कि फूलन देवी ने जिन 22 लोगों की हत्या करी उसमे मरने वाले सिर्फ ठाकुर ही नहीं थे. जिन्हें मारा गया उसमें दलित, पिछड़े समाज, मुसलमान भी था.  अगर कोई व्यक्ति ये साबित कर दें मरने वाले सिर्फ ठाकुर ही थे मैं उसे 1 करोड़ का इनाम दूंगा.

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