लोकतंत्र के हथियार ‘वोटिंग मशीन’ को लेकर गरजे शेर सिंह राणा

Sher Singh Rana
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Sher Singh Rana – उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के रतनपुरी में श्री प्राणनाथ इंटर कॉलेज में एक क्षत्रिय महासम्मेलन आयोजित किया गया। वहीं इस महासम्मेलन में राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी के संयोजक ठाकुर शेर सिंह राणा ने भी शिरकत करी और इस क्षत्रिय महासम्मेलन में राजपूत समाज की एकजुटता पर जोर दिया.

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क्षत्रिय महासम्मेलन में शामिल हुए शेर सिंह राणा

इस क्षत्रिय महासम्मेलन में शामिल हुए शेर सिंह राणा का यहां पर सम्मन किया गया. शेर सिंह राणा को यहाँ पर स्वागत करते हुए उन्हीं  वोटिंग मशीन की प्रति दी गयी. इस महासम्मेलन में उन्होंने रतनपुरी निवासी संजू सोम को राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी के युवा प्रकोष्ठ का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया. वहीं इस कार्यक्रम में विधान सभा संयोजक करनी सेना अंकुश सोम, सिंगर चित्रा ठाकुर, सलावा प्रधान बंटी सोम, ठाकुर सुधीश पुंडीर, राधे ठाकुर, कपिल पारसी, युधिष्ठिर सिंह, पूर्व प्रधान सतपाल सिंह, तरसपाल सिंह, चरतू सिंह सोम, कार्यक्रम संयोजक मनोज राणा भी शामिल हुए और इस कार्यक्रम की अध्यक्षता शिवकुमार मैनेजर कपसाड़ और संचालन मास्टर आदेश सोम ने करी.

इसी के साथ इस वोटिंग मशीन की प्रति को गह्र्ण करते हुए उन्होंने एक सन्देश भी दिया उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का सबसे बड़ा हथियार ये वोटिंग मशीन है जो हमें भिवाडी के कार्यकर्ताओं और पदधिकारियों ने दी और बहुत खुशी की बात है आज हमारा समाज को ये समझ आ गया है कि लोकतंत्र में सत्ता तलवार से नहीं इस वोटिंग मशीन से हासिल की जाती है और अब हम इस वोटिंग मशीन को चलाना सीख गए हैं. देश की सत्ता पर हरियाणा की सत्ता पर हम अपनी सत्ता स्थपित करेंगे.

लोकतंत्र का हथियार है वोटिंग मशीन : शेर सिंह राणा

इसी के साथ वोटिंग मशीन को लेकर शेर सिंह राणा ने ये भी कहा कि ये जो लोकतंत्र का हथियार है वोटिंग मशीन, इससे देश का प्रधानमंत्री यानि का राजा बना जाता है. लेकिन जो समाज सही समय पर सही हथियार चलाना नहीं सीखता वो समाज पिछड़ जाता है. पूर्वजों ने सही समय पर ये तलवार चलाना सीखी थी तब ही हजारों वर्षों तक राज किया लेकिन 1939 के बाद ये दुर्भाग्यप रहा कि अपने आज का जो सबसे बड़ा हथियार है वोटिंग मशीन है न तो उसे चलाना सीखा और न ये मालूम पड़ा कि इससे सत्ता आती है.

समाज की एकजुटता पर बोले शेरसिंह राणा

इस महासम्मेलन में राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी के संयोजक ठाकुर शेर सिंह राणा ने कहा कि राजपूत समाज की एकजुटता के अभाव के कारण विभिन्न सरकारें अनदेखी करती चली आ रही हैं। जिस समाज ने वर्तमान में लोकतंत्र के प्रभावशाली हथियार वोटिंग मशीन को बखूबी चलाना सीख लिया, वहीं सत्ता का असली हकदार बना हैं। हम सभी एकजुट होकर अपना एक झंडा बनाएं और उसके नेतृत्व में राजनीति करें तो अवश्य ही सफल होंगे.

जानिए कौन हैं Sher Singh Rana?

शेर सिंह राणा एक भारतीय राजनीतिज्ञ है और फूलनदेवी (Phoolan Devi) की हत्या और सम्राट पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां अफगानिस्तान से लाने वाले एक दमदार भारतीय राजपूत हैं. उनका असली नाम पंकज सिंह पुंढीर है और उसका जन्म 17 मई 1976 को उत्तराखंड के रुड़की में हुआ था. फूलन देवी की हत्या करने के मामले में उन्हें उम्रकैद की सजा हुई थी लेकिन 2016 में शेर सिंह राणा को जमानत मिल गई और साल 2019 में शेर सिंह ने अपनी पार्टी राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी (RAJPA) का गठन कर लिया और इस समय वो इस पार्टी के संस्थापक है.

‘Sher Singh Rana’ पर है किताब 

वहीं कवि श्री अभय कांत जी  सम्राट पृथ्वीराज चौहान (Emperor Prithviraj Chauhan) और शेरसिंह राणा जी (Sher Singh Rana) के ऊपर आधारित एक किताब भी लिखी है और इस किताब का शीर्षक है ‘शेर ए हिन्द’ (sher-e-Hind)है. जानकरी के अनुसार, शेर ए हिन्द’. किताब में कई सारी कविता है जिन्हें कवि श्री अभय कांत जी द्वारा लिखा गया है और ये सभी कविता सम्राट पृथ्वीराज चौहान और शेरसिंह राणा जी के विषय पर है. ये किताब दिल्ली में लॉन्च हुई थी और शेरसिंह राणा जी ने इस किताब के लॉन्च होने की जानकारी दी है. शेर सिंह राणा जी ने अपने फेसबुक पेज शेर सिंह राणा “एसएसआर” पर इस किताब के लॉन्च होने की जानकारी दी है. उन्होने इस किताब को लेकर की तस्वीर शेयर करते हुए कैप्शन दिया कि #राजपा ऑफिस #अलीपुर_दिल्ली में #राष्ट्रवादी_जनलोक_पार्टी(सत्य) के राष्ट्रीय संयोजक जी ने कवि श्री अभय कांत द्वारा शेरसिंह राणा जी के ऊपर लिखी हुईं किताब लॉन्च की. वहीं एक अन्य पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने इस किताब की फोटो और उसके साथ राणा, राणा.. नाम का एक गाना भी शेयर किया है और इस पोस्ट को उन्होने कैप्शन दिया है #अपना_घर_अपना_झंडा.

‘शेर सिंह राणा’ पर बन रही है फिल्म

‘शेर सिंह राणा पर एक फिल्म भी बन रही है. इस फिल्म में बेहमई हत्याकांड पर आधारित है. जिसमें 22 राजपूतों की हत्या कर दी गयी और ये हत्या फूलन देवी ने करी थी. वहीं शेर सिंह राणा ने साल 1981 में बेहमई में फूलन देवी द्वारा गांव के 22 ठाकुरों को मारने बदला फूलन देवी (fulan devi murder) को 25 जुलाई 2001 में हत्या करके लिया था.

जानिए क्या है बेहमई हत्याकांड?

बेहमई हत्याकांड वो घटना है जब 22 राजपूतों की हत्या कर दी गयी और ये हत्या फूलन देवी ने करी थी. रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश का बेहमई गांव में फूलन देवी (fulan devi ) के साथ ठाकुर समाज के लोगों ने कई सप्ताह तक शारीरिक शोषण किया। इसी का बदला लेने के लिए फूलन ने एक शादी में पुलिस की वर्दी में शामिल होकर 14 फरवरी 1981 को एक साथ 22 लोगों को एक लाइन में खड़ा करके गोली मार दी थी और इस हत्याकांड को ही बेहमई हत्याकांड के नाम से जाना जाता है। फूलन देवी 80 के दशक की एक महिला डकैत थी. समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव फूलन देवी को राजनीति में लेकर आए और वर्ष 1996 में फूलन देवी उत्तर प्रदेश की भदोही लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर सांसद बनी और 25 जुलाई 2001 शेर सिंह राणा ने फूलन देवी की हत्या कर दी गयी.

Sher Singh Rana थे फूलन देवी हत्या के आरोपी

साल 1981 में बेहमई में फूलन देवी द्वारा गांव के 22 ठाकुरों को मारने बदला शेर सिंह राणा ने फूलन देवी (fulan devi murder) को 25 जुलाई 2001 में हत्या करके लिया था. इसी हत्याकांड का बदला लेने के लिए फूलन देवी को मौत के घाट उतारा. शेर सिंह राणा का असली नाम पंकज सिंह पुंढीर है और उसका जन्म 17 मई 1976 को उत्तराखंड के रुड़की में हुआ था. वहीं फूलन देवी की हत्या करने के मामले में उन्हें उम्रकैद की सजा हुई थी लेकिन 17 फरवरी 2004 को शेर सिंह राणा तिहाड़ जेल से फरार हो गया और कुछ दिन बाद ही उसने दावा किया कि , साल 2006 में शेर सिंह राणा को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया. 2016 में शेर सिंह राणा को जमानत मिल गई और साल 2019 में शेर सिंह ने अपनी पार्टी राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी (RAJPA) का गठन कर लिया.

Sher Singh Rana ने 1 करोड़ रुपए के इनाम का किया ऐलान

वहीं TV100 की एक रिपोर्ट के अनुसार, शेर सिंह राणा ने इस बेहमई हत्याकांड को लेकर कहा कि फूलन देवी ने जिन 22 लोगों की हत्या करी उसमे मरने वाले सिर्फ ठाकुर ही नहीं थे. जिन्हें मारा गया उसमें दलित, पिछड़े समाज, मुसलमान भी था.  अगर कोई व्यक्ति ये साबित कर दें मरने वाले सिर्फ ठाकुर ही थे मैं उसे 1 करोड़ का इनाम दूंगा.

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