UP BJP New President: उत्तर प्रदेश भाजपा को आखिरकार नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। शनिवार को एकमात्र नामांकन होने के बाद जिस नाम पर पहले ही सहमति बन चुकी थी, उस पर रविवार को औपचारिक ऐलान कर दिया गया। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने पंकज चौधरी को उत्तर प्रदेश भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया।
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केंद्रीय नेतृत्व की मौजूदगी में हुआ ऐलान (UP BJP New President)
प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा केंद्रीय चुनाव पर्यवेक्षक और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े ने की। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचन के केंद्रीय प्रभारी, प्रदेश चुनाव अधिकारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय भी मंच पर मौजूद रहे। पंकज चौधरी की जीत की घोषणा होते ही सभागार तालियों से गूंज उठा।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी शामिल रहे।
पीयूष गोयल का शंखनाद, सौंपा गया पार्टी ध्वज
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भाजपा की असली ताकत उसका संगठन है और इसी मजबूती के दम पर पार्टी लगातार आगे बढ़ रही है। उनके संबोधन के बाद भूपेंद्र सिंह चौधरी ने पार्टी का झंडा नव-निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी को सौंपा। इसी कार्यक्रम में भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के 120 नव-निर्वाचित सदस्यों के नामों की भी घोषणा की गई।
कुर्मी बिरादरी से चौथे प्रदेश अध्यक्ष
पंकज चौधरी भाजपा के 17वें प्रदेश अध्यक्ष बने हैं। खास बात यह है कि वे कुर्मी बिरादरी से आने वाले पार्टी के चौथे प्रदेश अध्यक्ष हैं। इससे पहले विनय कटियार, ओम प्रकाश सिंह और स्वतंत्रदेव सिंह भी इसी समाज से प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। संगठन के लिहाज से इसे सामाजिक संतुलन का अहम कदम माना जा रहा है।
औपचारिकता वाला चुनाव, फिर भी सियासी चर्चा तेज
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए पंकज चौधरी का नाम काफी समय से चर्चा में था, हालांकि शुरुआत में इसे इस आधार पर खारिज किया जा रहा था कि मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष एक ही क्षेत्र से नहीं होंगे। शुक्रवार को उनके नाम ने अचानक रफ्तार पकड़ी, लेकिन नामांकन तक भी सियासी गलियारों में कई नाम घूमते रहे। भाजपा के संगठनात्मक चुनावों के इतिहास में लक्ष्मीकांत बाजपेयी के बाद यह पहला मौका है, जब प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की औपचारिक प्रक्रिया पूरी की गई।
गोरखपुर बना सत्ता का नया केंद्र
पंकज चौधरी के प्रदेश अध्यक्ष बनने से पूर्वांचल, खासकर गोरखपुर का राजनीतिक कद और मजबूत हुआ है। केंद्रीय राजनीति से प्रदेश संगठन की कमान संभालने के बाद गोरखपुर भाजपा की सियासत का बड़ा केंद्र बनकर उभरा है। मौजूदा हालात में गोरखपुर से जुड़े दो बड़े चेहरे योगी आदित्यनाथ और पंकज चौधरी एक के हाथ में सरकार और दूसरे के हाथ में संगठन की कमान है।
राजनीतिक सफर: नगर निगम से लोकसभा तक
20 नवंबर 1964 को गोरखपुर के घंटाघर हरबंश गली में जन्मे पंकज चौधरी ने एमपी इंटर कॉलेज और गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातक तक पढ़ाई की। औद्योगिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले पंकज ने राजनीति की शुरुआत 1989 में नगर निगम गोरखपुर के पार्षद के रूप में की और जल्द ही डिप्टी मेयर बन गए।
उनके राजनीतिक करियर की जमीन उनके बड़े भाई स्वर्गीय प्रदीप चौधरी ने तैयार की थी, जो महराजगंज के पहले जिला पंचायत अध्यक्ष थे। 1991 में राम लहर के दौरान पंकज चौधरी पहली बार भाजपा के टिकट पर लोकसभा पहुंचे। इसके बाद वे महराजगंज सीट से लगातार पार्टी का मजबूत चेहरा बने रहे। सिर्फ 1999 और 2009 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
केंद्रीय मंत्री से संगठन प्रमुख तक
पंकज चौधरी 2021 से लगातार केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में उन्हें पहली बार केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री बनाया गया और तीसरे कार्यकाल में भी यह जिम्मेदारी बरकरार रही। अब प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद उनकी भूमिका और भी अहम हो गई है।









