Uttarakhand Foundation Day 2025: उत्तराखंड राज्य के गठन के 25 साल पूरे होने पर विधानसभा में आयोजित विशेष सत्र में तीखी बहस देखने को मिली। हर विधायक ने अपने विचार रखे, लेकिन हरिद्वार की खानपुर विधानसभा से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने सरकार पर जमकर सवाल खड़े किए। उन्होंने राज्य के 25 साल के विकास, भ्रष्टाचार के मामले और स्थायी राजधानी के मुद्दे पर कड़ा हमला बोला। इस बहस ने सत्र की गरिमा को भी हिला दिया और अब सवाल उठ रहे हैं कि 25 साल में उत्तराखंड क्यों अपनी स्थायी राजधानी तक तय नहीं कर पाया।
उमेश कुमार का तीखा आरोप- Uttarakhand Foundation Day 2025
उमेश कुमार ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य गठन के 25 साल पूरे होने के बावजूद कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। उन्होंने कहा, “हमें आज 25 साल पूरे होने पर राज्य के आगे के विकास रोडमैप पर बात बाद में करनी चाहिए। पहले यह देखना जरूरी है कि इन 25 सालों में राज्य में क्या हुआ। जो घोटाले हुए, उनके जिम्मेदार कौन हैं?”
उमेश कुमार ने कहा कि राजनीतिक संरक्षण में कई भ्रष्टाचार उजागर हुए हैं और बाहरी कंपनियों को राज्य में प्रोजेक्ट देने में प्राथमिकता दी गई। उन्होंने बताया कि राज्य गठन से अब तक कई ऐसे मामलों की समीक्षा हो चुकी है, लेकिन इनका समाधान नहीं हुआ।
शराब फैक्ट्रियों पर उठे सवाल
निर्दलीय विधायक ने शराब उद्योगों को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए। उनका कहना था कि उत्तराखंड में देवभूमि होने के बावजूद कई जगह शराब की फैक्ट्रियां लगाई गई हैं। “बताया गया था कि ये फैक्ट्रियां स्थानीय लोगों को रोजगार देंगी और स्थानीय उत्पादों से शराब तैयार की जाएगी। लेकिन आज बाहर से ट्रक भरकर शराब आ रही है, केवल बॉटलिंग हो रही है और करोड़ों रुपए का टैक्स सरकार का नुकसान कर रहा है,” उन्होंने सदन में कहा।
स्थायी राजधानी का मुद्दा
सत्र में सबसे महत्वपूर्ण विषय स्थायी राजधानी का रहा। उमेश कुमार ने सभी विधायकों से अपील की कि इस मुद्दे पर एकजुट हों और स्पष्ट निर्णय लें। उनका कहना था, “सरकार को तय करना चाहिए कि स्थायी राजधानी देहरादून में होगी या गैरसैंण में। 25 सालों में राज्य को अपनी स्थायी राजधानी नहीं मिली, जो बड़ा फेलियर है।”
सत्र की अवधि बढ़ाई गई
विशेष सत्र की चर्चा इतनी व्यापक हुई कि इसे एक दिन और बढ़ा दिया गया। अब 5 नवंबर को सरकार को इन सवालों का जवाब देना होगा। विधायक विभिन्न क्षेत्रों में हुई प्रगति, विकास परियोजनाओं की पारदर्शिता और प्रशासनिक चुनौतियों पर अपने विचार रख रहे हैं।
आगे का रोडमैप
उत्तराखंड के लोग इस सत्र से उम्मीद लगाए हुए हैं कि सरकार न केवल उठाए गए सवालों का जवाब देगी, बल्कि भविष्य के लिए एक स्पष्ट और ठोस रोडमैप भी पेश करेगी। 25 साल के राज्य गठन का मूल्यांकन यह दर्शाता है कि कई क्षेत्रों में प्रगति हुई है, लेकिन कई संवेदनशील मुद्दों पर गंभीर ध्यान देने की आवश्यकता अब भी बनी हुई है।
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