Vice Presidential Election Process: जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति पद के लिए इन नामों पर हो रही चर्चा, जानें क्या है चुनाव प्रक्रिया

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Vice Presidential Election Process: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) ने सोमवार रात अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। आजाद भारत में यह पहली बार है जब किसी उपराष्ट्रपति ने अपने कार्यकाल के बीच में ही इस्तीफा (Jagdeep Dhankhar Resign News) दे दिया हो। वैसे तो उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया, लेकिन उनके इस्तीफे के समय और हालिया गतिविधियों ने इसे लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। उनके इस्तीफे के बीच इस बात पर गरमागरम बहस चल रही है कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा, वहीं इस पद के लिए कुछ नामों पर भी चर्चा हो रही है।

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धनखड़ का इस्तीफा: स्वास्थ्य या राजनीति? (Vice Presidential Election Process)

आइए पहले जानते हैं कि धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) को भेजे अपने इस्तीफे में क्या कहा, उन्होंने लिखा कि स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता देने के लिए वह तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं। हालांकि उन्होंने अपने इस्तीफे के पीछे सिर्फ स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है, लेकिन कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इसके पीछे कुछ और कारण भी हो सकते हैं। उनके इस्तीफे की टाइमिंग और पहले दिन उनकी सक्रियता से यह सवाल उठता है कि क्या उनका इस्तीफा सिर्फ स्वास्थ्य के कारण था या इसके पीछे किसी राजनीतिक फैसले की भी भूमिका हो सकती है।

अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा?

वहीं, धनखड़ के इस्तीफे के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि अब अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा। संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 60 दिनों के भीतर कराना अनिवार्य होता है। फिलहाल, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह कार्यवाहक सभापति की जिम्मेदारी संभालेंगे। वह अब राज्यसभा की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाएंगे। हालांकि, यह उनकी अस्थायी भूमिका होगी और नए उपराष्ट्रपति के चुनाव तक वह इसे संभालेंगे।

आपकी जानकारी के लिए बता दें, नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन यह साफ नहीं है कि सत्ताधारी गठबंधन एनडीए और विपक्ष किसे अपना उम्मीदवार बनाएंगे।

सत्ताधारी दल की नजरें: मनोज सिन्हा, नीतीश कुमार या महिला उम्मीदवार?

उम्मीदवारों की सूची में एनडीए नेताओं ने नामों पर चर्चा शुरू कर दी है। सोशल मीडिया पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के नामों की चर्चा हो रही है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यूपी को ध्यान में रखते हुए बीजेपी यह पद मनोज सिन्हा को दे सकती है, जबकि बिहार चुनाव को देखते हुए यह पद नीतीश कुमार को ऑफर किया जा सकता है। लेकिन आधिकारिक तौर पर इन नामों को लेकर अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है

बीजेपी का प्रयास: मजबूत और दमदार उम्मीदवार

भाजपा के लिए उपराष्ट्रपति पद पर कोई भी नाम चुनने से पहले यह जरूरी है कि वह एक मजबूत और प्रभावशाली नेता का चयन करे, जो राज्यसभा की कार्यवाही को प्रभावी तरीके से चला सके और साथ ही पार्टी का संदेश भी दे सके। बीजेपी के पास राज्यसभा में बहुमत है, और वह इस पद पर एक ऐसे व्यक्ति को नियुक्त करना चाहेगी, जो विपक्ष के साथ संतुलन बनाए रख सके और पार्टी के उद्देश्यों को आगे बढ़ा सके।

विपक्ष का क्या कहना है?

इसी बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के इस्तीफे को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह घटना जितनी अकल्पनीय है, उतनी ही चौंकाने वाली भी है। रमेश के मुताबिक, वह 5 बजे तक धनखड़ के साथ थे और शाम 7:30 बजे उनकी फोन पर बात भी हुई थी। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि स्वास्थ्य कारणों को प्राथमिकता देनी चाहिए, लेकिन इस्तीफे के पीछे कुछ और कारण हो सकते हैं, जिनका खुलासा अब तक नहीं हुआ है।

उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया

उम्मीदवार के नाम पर चर्चा करते हुए, आइए अब उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया के बारे में भी जान लें। भारतीय संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष होता है, जिसमें केवल सांसदों को ही वोट देने का अधिकार होता है। चुनाव के लिए, उम्मीदवार को कम से कम 20 सांसदों के प्रस्तावकों और समर्थकों की आवश्यकता होती है। चुनाव प्रणाली के तहत, सभी सांसदों को प्राथमिकता के आधार पर अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट देना होता है। यदि किसी भी उम्मीदवार को आवश्यक बहुमत नहीं मिलता है, तो चुनावी प्रक्रिया जारी रहती है और फिर सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार को बाहर कर दिया जाता है, उनके वोट अगले उम्मीदवार को ट्रांसफर कर दिए जाते हैं।

कौन बनेगा अगला उपराष्ट्रपति?

धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है और इसे लेकर राजनीतिक दलों में हलचल मची हुई है। भाजपा और विपक्ष दोनों ही अपने-अपने उम्मीदवारों पर विचार कर रहे हैं। यह चुनाव निश्चित रूप से भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा, क्योंकि इससे न केवल उपराष्ट्रपति पद का फैसला होगा, बल्कि सरकार और विपक्ष के बीच नए समीकरण भी सामने आएंगे।

बता दें, संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति का पद रिक्त होने के 60 दिनों के भीतर नए उपराष्ट्रपति का चुनाव करना ज़रूरी है। यानी 19 सितंबर 2025 तक नए उपराष्ट्रपति का चुनाव हो जाएगा। चुनाव आयोग जल्द ही उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है।

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