Vinesh Phogat: हरियाणा के जुलाना से कांग्रेस विधायक और अंतरराष्ट्रीय रेसलर रह चुकीं विनेश फोगाट को गुरुवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र के दौरे पर ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा। भारी बरसात के कारण खेतों में भरे पानी और फसलें खराब होने की शिकायतों को लेकर विनेश फोगाट गांवों का जायजा लेने पहुंचीं, लेकिन बुआना गांव में उन्हें तीखी नाराजगी झेलनी पड़ी।
दरअसल, सरपंच संघ के जिला प्रधान सुधीर बुआना ने साफ शब्दों में कहा कि जब किसानों की परेशानी चरम पर थी, खेत डूब रहे थे, तब विधायक फोन तक नहीं उठा रही थीं। सुधीर ने आरोप लगाया, “100 से ज्यादा कॉल किए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अब जब 75% पानी उतर चुका है, तो दौरे का औचित्य क्या है?”
“वोटों की ठगी” कहने पर भड़कीं विनेश- Vinesh Phogat
हालात उस वक्त और बिगड़ गए जब सरपंच प्रतिनिधि सुधीर ने यह तक कह दिया कि जुलाना की जनता के साथ वोटों की ठगी हुई है। उन्होंने कहा, “हमने मिलकर आपको जिताया था, लेकिन जब मुसीबत आई, तो आपने मुंह फेर लिया।” इस पर विनेश फोगाट का भी धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने गुस्से में पलटकर कहा, “तो क्या अब मेरा भूत आया है?”
दोनों के बीच थोड़ी देर नोकझोंक चलती रही, जिसके बाद बीच-बचाव के लिए गांव के कुछ लोगों को आगे आना पड़ा। स्थिति शांत होने के बाद विनेश ने आगे का दौरा जारी रखा।
ग्रामीणों ने जताई नाराजगी
बुआना के साथ-साथ करेला, झमौला, खरैंटी, बराड़ खेड़ा, मालवी और देवरड़ गांवों में भी विनेश ने जायजा लिया। हालांकि कई ग्रामीणों ने यह भी कहा कि विधायक का यह दौरा सिर्फ औपचारिकता भर लग रहा है। कुछ लोगों का कहना था कि चुनाव जीतने के बाद यह पहला दौरा है, जबकि फसलें खराब होते समय विधायक ने कोई सक्रियता नहीं दिखाई।
किसानों को मिला भरोसा
विनेश फोगाट ने हालांकि सभी जगह किसानों से बातचीत की और उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी समस्याओं का समाधान जल्द कराया जाएगा। उन्होंने प्रशासन और संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि खेतों से पानी की निकासी जल्द से जल्द हो, ताकि जो फसलें बची हैं, उन्हें नुकसान से बचाया जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि नुकसान का आकलन करवाकर किसानों को मुआवजा दिलाया जाएगा। फोगाट ने दावा किया कि वह किसानों के साथ हैं और उनकी चिंता समझती हैं।
बरसात से भारी नुकसान
जुलाना क्षेत्र में इस बार भारी बरसात के कारण कई गांवों के खेतों में पानी भर गया, जिससे किसानों की खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। ग्रामीणों की मांग है कि इस नुकसान की भरपाई की जाए और भविष्य में जलभराव से बचने के लिए स्थायी समाधान निकाला जाए।