West Bengal News: पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के अपलचंद जंगल के पास एक कार में शराब पार्टी का विवाद सामने आया, जिसमें टीएमसी और भाजपा के नेताओं का नाम जुड़ा हुआ है। यह घटना देर रात की है, जब स्थानीय ग्रामीणों ने एक कार को असामान्य रूप से लंबे समय तक खड़ा देखा। जब उन्होंने कार के पास जाकर देखा, तो उन्होंने उसमें भाजपा महिला मोर्चा की जलपाईगुड़ी ज़िला अध्यक्ष दीपा बनिक अधिकारी और टीएमसी के पंचायत समिति अध्यक्ष पंचानन रॉय को देखा, जो एक साथ शराब पी रहे थे।
ग्रामीणों की कार्रवाई और वीडियो फुटेज- West Bengal News
जब स्थानीय लोगों ने यह देखा, तो वे तुरंत कार के पास पहुंचे और इसमें बैठी हुई नेताओं से बाहर आने की मांग की। इस दौरान, ग्रामीणों ने पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना लिया। फुटेज में दीपा बनिक अधिकारी कार की पिछली सीट पर बैठी दिखाई दे रही थीं, और जैसे ही ग्रामीणों ने उन्हें टोका, उन्होंने शराब से भरा एक गिलास आगे की सीट पर सरका दिया। इसके अलावा, कार में एक और व्यक्ति, जो ड्राइवर था, भी मौजूद था। जैसे ही कैमरा उस पर गया, वह जल्दी से खिड़की चढ़ा लेता है।
गुस्साए ग्रामीणों का विरोध
वीडियो फुटेज में देखा गया कि दीपा बनिक अधिकारी कुछ समय बाद कार से बाहर निकल गईं और दूसरी कार में सवार हो गईं। इसके बाद, पंचानन रॉय और उनके ड्राइवर को ग्रामीणों ने कुछ देर तक बंधक बना लिया, लेकिन अंत में उन्हें छोड़ दिया गया। यह घटना राजनीतिक रूप से बहुत संवेदनशील बन गई, और स्थानीय लोग इस पर विरोध जताने लगे।
वामपंथी नेताओं की आलोचना
इस घटना पर वामपंथी समूहों ने तीव्र प्रतिक्रिया दी और इसे स्थानीय राजनीतिक नेतृत्व का ‘शर्मनाक प्रतिबिंब’ बताया। वामपंथी नेताओं का कहना था कि यह घटना राजनीतिक दृष्टि से न केवल शर्मनाक है, बल्कि इसने इलाके के लोगों के बीच असमंजस पैदा कर दिया है।
दीपा बनिक अधिकारी की सफाई
घटना के बाद, दीपा बनिक अधिकारी ने अपनी सफाई पेश की और दावा किया कि उन्हें जानबूझकर फंसाया गया है। उनका कहना था कि यह घटना पूरी तरह से एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा है, और उन्हें गलत तरीके से आरोपित किया गया है। हालांकि, इस मामले पर टीएमसी और भाजपा दोनों ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
स्थानीय नेताओं की चुप्पी
अपलचंद ग्राम प्रधान और दोनों दलों के जिला नेताओं ने इस विवाद पर चुप्पी साध ली है। इसने घटना को और भी जटिल बना दिया है, क्योंकि कोई भी पार्टी इस मुद्दे पर खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।