Home राजनीति जब गैर धर्म की लड़की के प्यार में घरवालों के खिलाफ हो गए थे सुशील कुमार मोदी, फिल्मी कहानी से कम नहीं है इनकी लव स्टोरी

जब गैर धर्म की लड़की के प्यार में घरवालों के खिलाफ हो गए थे सुशील कुमार मोदी, फिल्मी कहानी से कम नहीं है इनकी लव स्टोरी

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जब गैर धर्म की लड़की के प्यार में घरवालों के खिलाफ हो गए थे सुशील कुमार मोदी, फिल्मी कहानी से कम नहीं है इनकी लव स्टोरी
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बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता सुशील कुमार मोदी का 72 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने दिल्ली के AIIMS स्पताल में आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे। उनके राजनीतिक सफर की बात करें तो वह बिहार की राजनीति का एक जाना-माना चेहरा थे और उन्होंने दशकों तक बिहार की राजनीति पर अपनी पकड़ बनाए रखी थी। मोदी ने बी.एससी. वर्ष 1973 में पटना साइंस कॉलेज से वनस्पति विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। राजनीति में भी उनका काफी प्रभाव था। हालांकि, उनकी जिंदगी का एक पहलू ऐसा भी है जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। दरअसल, आज हम आपको राजनेता की फिल्मी प्रेम कहानी के बारे में बताएंगे।

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सुशील कुमार मोदी प्रारंभिक जीवन

सुशील कुमार मोदी का जन्म 5 जनवरी 1952 को बिहार की राजधानी पटना में हुआ था। सुशील मोदी के माता का नाम रत्ना देवी तथा पिता का नाम मोती लाल मोदी है। उनके पिता उस समय के जानेमाने समाजसेवी थे। उन्हीं की वजह सुशील मोदी की राजनीति में दिलचस्पी बढ़ी। उनकी स्कूली शिक्षा सेंट माइकल स्कूल, पटना में हुई। इसके बाद उन्होंने साल 1973 में पटना साइंस कॉलेज से बी.एससी. वनस्पति विज्ञान में गेजुएशन किया था। इसी दौरान उनकी क्लासमेट रहीं मुंबई की रहने वाली केरल कीजेसी जॉर्ज से प्यार हो गया, जिसके दोनों ने शादी करने का फैसला किया।

घरवालो ने नहीं अपनाया रिश्ता

खबरों की मानें तो जब परिवार वालों को मोदी और जेसी की प्रेम कहानी के बारे में पता चला तो वे नाराज हो गए। दोनों ने परिवार वालों ने समझाने की पूरी कोशिश की, लेकिन घरवालें नहीं मानें। घरवालों को डर था कि कहीं ये प्रेम कहानी विवाद में न बदल जाए। दरअसल सुशील मोदी मारवाड़ी थे और जेसी जॉर्ज रोमन कैथोलिक थी। उस दौरान गैर धर्म की लड़की को घर की बहू बनाना सही नहीं माना जाता था।

मोदी ने नहीं मानी हार

परिवार के दबाव के बावजूद मोदी ने जेसी को नहीं छोड़ा और घरवालों को समझाया। बड़ी मुश्किल से वह राजी हुए। इस तरह 1987 में दोनों की शादी हो गई। तब अटल बिहारी वाजपेयी भी उनकी शादी में शामिल हुए थे। शादी के 3 साल बाद 1990 में विधानसभा चुनाव हुए और मोदी पहली बार विधानसभा पहुंचे। वहीं, शादी के करीब 15 साल बाद जेसी जॉर्ज मोदी लालू-राबड़ी राज में लेक्चरर बन गईं। फिलहाल वह एक कॉलेज की प्रिंसिपल हैं।

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