इराक के मोसुल में मारे गए 39 भारतीयों के परिजनों द्वारा मुआवजे की मांग को सरकार ने मंजूर कर लिया है। पीएम मोदी ने सभी परिवारों के लिए 10 लाख रुपये मुआवजा की घोषणा की है।
बता दें, मोसुल में आईएसआईएस के आतंकियों द्वारा मारे गए 39 भारतीयों में से 38 भारतीयों के अवशेषों को सोमवार को भारत लाया गया था। इन शवों के अवशेषों को लाने के लिए विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह विशेष विमान से इराक गए हुए थे। अवशेषों को लेकर उनका विमान सोमवार को सबसे पहले पंजाब के अमृतसर पहुंचा, जहां अवशेषों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया। हालांकि एक शव का डीएनए मैच अभी नहीं हुआ है। जब डीएनए मैच हो जाएगा, तभी उस शव को भी भारत लाया जाएगा।
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इराक में मारे गए 39 भारतीयों में से 27 पंजाब के थे, जबकि 6 बिहार के, 4 हिमाचल प्रदेश के और बाकी के 2 भारतीय पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे। पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मारे गए 39 भारतीयों में से पंजाब प्रांत के 27 लोगों के परिवार वालों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है। इस मुआवजे के तौर पर उन 27 परिवारों को पांच लाख रुपये और प्रत्येक परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी भी देने का वादा किया गया है। इसके अलावा सिद्धू ने पेंशन के तौर पर हर परिवार को 20,000 रुपये देने का भी वादा किया है।
वहीं अमृतसर में अवशेषों को उनके परिजनों को सौंपने के बाद विशेष विमान बिहार के लिए रवाना हो गया था। मारे गए 39 लोगों में 6 बिहार के सिवान जिले के रहने वाले थे। इनमें से 5 लोगों के अवशेषों को उनके परिजनों को सौंपा गया, लेकिन दो परिवारों ने अवशेषों को लेने से इनकार कर दिया। दरअसल, उनका कहना है कि बिहार सरकार ने मुआवजे के तौर पर 5 लाख रुपये देने का ऐलान किया है, लेकिन घर और परिवार चलाने के लिए ये मुआवजा नाकाफी है। उनकी मांग है कि पंजाब सरकार की तरह बिहार सरकार भी परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने का वादा करे, तभी वो अवशेषों को स्वीकार करेंगे।
गौरतलब है कि मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने के सवाल पर सोमवार को केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह भड़क गए थे। उन्होंने कहा था “ये बिस्कुट बांटने वाला काम नहीं है। ये आदमियों की जिंदगी का सवाल है। आई बात समझ में ? मैं अभी मुआवजे का ऐलान कहां से करूं ? जेब में कोई पिटारा थोड़ी रखा हुआ है”।