कोलकाता। बांग्ला भाषा को अनिवार्य करने के बाद दार्जिलिंग हिंसा की आग में बीते कुछ दिनों से जल रहा है। साथ ही अनिश्चितकालीन बंद के बाद से वहां पर लोगों को रोज-मर्रा की चीजों की दिक्कतें हो रही है साथ ही हजारों की संख्या में पर्यटक फंसे हुए है। ऐसे में केंद्र ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से हालात की रिपोर्ट मांगी है। इसी बीच केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ममता से फोन पर बातचीत की।
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शांति बहाली को लेकर हुई बातचीत
कहा जा रहा है दोनों के बीच बातचीत दार्जिलिंग में शांति बहाली को लेकर हुई। साथ ही राजनाथ ने ममता से हर संभव कदम उठाने को भी कहा।
हिंसा के पीछे गहरी साजिश
इसी बीच ममता ने कोलकाता में कहा कि दार्जिलिंग में जो कुछ भी हो रहा है उसके पीछे एक गहरी साजिश है। एक दिन के भीतर इतने सारे बम और हथियार जमा नहीं किए जा सकते। इसके साथ ही ममता ने कहा कि मैं अपने प्राणों का बलिदान कर दूंगी लेकिन बंगाल को विभाजित नहीं होने दूंगी। इस हंगामें के पीछे हमें आतंकी दिमाग होने के सुराग मिले हैं और उनके पूर्वोत्तर के भूमिगत विद्रोही समूहों के साथ कनेक्शन है। इसमें उनका साथ दूसरे देश भी दे रहे हैं।
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हालांकि ममता ने ये आश्वासन देते हुए कहा कि हालात को काबू में करने के लिए सेना की टुकड़ियां तैनात की गई और प्रभावित इलाकों में लगातार गश्त भी लगा रही हैं।
वहीं इस मामले पर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के मुखिया ने शनिवार (17-6-17) को राज्य सरकार से बात करने के लिए इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वो केवल भाजपा सरकार यानि कि केंद्र सरकार से बात करने को लेकर सहज है। ममता बैनर्जी ने आतंकवादी कहकर हमारा अपमान किया है। हम केवल अपने अधिकारों और आजादी को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।