5 Mysterious Temples: भारत की धार्मिक विरासत केवल प्रसिद्ध तीर्थस्थलों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके जंगलों में कई ऐसे मंदिर और पवित्र स्थल मौजूद हैं जो अपनी अनूठी कहानियों और रहस्यों के लिए जाने जाते हैं। ये कम-ज्ञात मंदिर न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा से भरे हुए हैं बल्कि प्रकृति की गोद में बसे होने के कारण एक अलग ही शांति और भव्यता प्रदान करते हैं। आइए जानते हैं भारत के ऐसे पांच रहस्यमयी मंदिरों के बारे में, जो गूढ़ अनुभव और अध्यात्म की गहराई से परिचित कराते हैं।
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निधिवन, वृन्दावन, उत्तर प्रदेश- 5 Mysterious Temples
वृन्दावन के पवित्र शहर में स्थित निधिवन एक ऐसा उपवन है जो भगवान कृष्ण से जुड़ी रहस्यमयी कथाओं से घिरा हुआ है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, कृष्ण हर रात राधा और गोपियों के साथ अपनी दिव्य रास लीला करते हैं। यहाँ के मुड़े हुए पेड़ शाम होते ही गोपियों में बदल जाते हैं। इस स्थान पर सूर्यास्त के बाद रुकने की मनाही है क्योंकि इसके साथ जुड़े रहस्यों और अनुभवों की कहानियाँ खूब प्रचलित हैं। पास में दक्षिण भारतीय वास्तुकला वाला रंगजी मंदिर भी है, जो आध्यात्मिक माहौल को और गहरा करता है।
कामाख्या मंदिर, नीलाचल पहाड़ी, असम
गुवाहाटी में स्थित कामाख्या मंदिर देवी कामाख्या को समर्पित है, जो स्त्री शक्ति का एक प्राचीन और शक्तिशाली केंद्र माना जाता है। मंदिर में गर्भगृह में एक प्राकृतिक पत्थर है जिसे योनि के रूप में पूजा जाता है। यह स्थान प्रजनन शक्ति और सृजन का प्रतीक है। यहां का वार्षिक अंबुबाची मेला, जो देवी के मासिक धर्म को मनाता है, तांत्रिक साधकों और भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है। मंदिर के आसपास की पहाड़ियाँ और ब्रह्मपुत्र नदी के दृश्य आध्यात्मिक अनुभव को और प्रगाढ़ करते हैं।
मारकुला देवी मंदिर, लाहौल घाटी, हिमाचल प्रदेश
लाहौल घाटी के एकांत में स्थित मारकुला देवी मंदिर 11वीं सदी का प्राचीन मंदिर है, जो देवी काली को समर्पित है। लकड़ी की जटिल नक्काशी और हिमालय की बर्फीली चोटियां इस मंदिर की भव्यता को बढ़ाती हैं। यह मंदिर हिंदू और बौद्ध परंपराओं का अनूठा संगम दर्शाता है। वार्षिक उत्सव यहां की समन्वयकारी संस्कृति का प्रतीक हैं।
काल भैरव मंदिर, उज्जैन, मध्य प्रदेश
उज्जैन के काल भैरव मंदिर का अनूठा पहलू है कि यहां भगवान शिव के इस उग्र रूप को शराब चढ़ाई जाती है। माना जाता है कि देवता चढ़ाई गई शराब को पी लेते हैं, जो रहस्यमयी ढंग से गायब हो जाती है। मंदिर का अंधकारमय माहौल और शिप्रा नदी के किनारे इसकी गूढ़ता को और बढ़ाते हैं।
टपकेश्वर मंदिर, देहरादून, उत्तराखंड
देहरादून में टोंस नदी के किनारे स्थित यह गुफा मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर के नाम का अर्थ है “गर्म पानी का झरना”, जो यहां के प्राकृतिक जल प्रवाह से जुड़ा है। शिवलिंग पर लगातार गिरता हुआ जलधारा और इसके आसपास के हरे-भरे जंगल इस स्थान को ध्यान और शांति के लिए उपयुक्त बनाते हैं।