Shri Krishna Leela: आज पूरे भारत में भगवान कृष्ण का जन्म उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. इसे लेकर हर तरफ हर्ष और उलास देखने को मिलता है. लेकिन क्या आप जानते है.भगवान कृष्ण का जीवन, उनकी लीलाएँ और उनकी शिक्षाएँ हमें न केवल धार्मिक शिक्षा देती हैं, बल्कि जीवन के हर पहलू में प्रेरणा भी देती हैं। अगर नहीं तो चलिए आपको इस लेख में उनकी अद्भुत लीलाओं के बारे में बताते है जिन्हें लोगों को यह विश्वास दिलाया कि वे कोई साधारण मनुष्य नहीं, बल्कि स्वयं भगवान हैं।
श्री कृष्ण की 10 ऐसी प्रमुख लीलाएँ
1. पूतना वध
श्री कृष्ण के जन्म के समय कंस ने उन्हें मारने के लिए पूतना नामक राक्षसी को भेजा। पूतना ने एक सुंदर स्त्री का रूप धारण किया और श्री कृष्ण को विषैला दूध पिलाने का प्रयास किया। लेकिन बाल कृष्ण ने न केवल उसका दूध पिया, बल्कि उसके प्राण भी हर लिए और उसके वास्तविक रूप में उसका वध भी कर दिया। यह उनकी पहली अलौकिक लीला थी, जिसने लोगों को उनके असाधारण स्वरूप का बोध कराया।
2. शकटासुर और तृणावर्त का वध
शिशु अवस्था में ही श्री कृष्ण ने दो और राक्षसों, शकटासुर (गाड़ी के रूप में) और तृणावर्त (तूफ़ान के रूप में) का वध कर दिया। ये दोनों घटनाएँ दर्शाती हैं कि वे किसी भी रूप में किसी भी संकट का अंत करने में सक्षम हैं।
माखन चोरी और यशोदा के मुख में ब्रह्मांड के दर्शन
श्रीकृष्ण अपनी माखन चोरी की लीलाओं के लिए प्रसिद्ध हैं। एक बार जब यशोदा माँ ने उन्हें माखन चुराते हुए पकड़ लिया और मुँह खोलने को कहा, तो उन्होंने यशोदा को अपने मुँह में संपूर्ण ब्रह्मांड के दर्शन करा दिए। यह अद्भुत दृश्य देखकर यशोदा माँ को विश्वास हो गया कि उनका पुत्र कोई साधारण बालक नहीं, बल्कि स्वयं भगवान हैं।
4. कालिया नाग का वध
कालिया नाग ने अपने विष से यमुना नदी को दूषित कर दिया था, जिससे गाँव के लोगों और पशुओं का जीवन खतरे में पड़ गया था। श्री कृष्ण नदी में कूद पड़े और कालिया नाग के फन पर नृत्य करके उसे वहाँ से जाने पर मजबूर कर दिया। इस घटना ने न केवल यमुना को शुद्ध किया, बल्कि श्री कृष्ण की वीरता और दिव्यता को भी सिद्ध किया।
5. गोवर्धन पर्वत उठाना
एक बार इंद्रदेव ने अपनी पूजा न होने पर क्रोधित होकर गोकुल में भयंकर वर्षा और तूफान भेजा। सभी गाँववासियों की रक्षा के लिए, श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया और सभी को उसके नीचे आश्रय दिया। यह लीला उनकी शक्ति और प्रजा के प्रति उनके प्रेम का सबसे बड़ा प्रमाण है।
6. रास लीला
रास लीला श्री कृष्ण की सबसे सुंदर और आध्यात्मिक लीलाओं में से एक है। इसमें उन्होंने अनेक रूप धारण किए और प्रत्येक गोपी के साथ नृत्य किया। यह लीला केवल नृत्य नहीं, बल्कि आत्मा और परमात्मा के मिलन का प्रतीक है, जिसने उन्हें प्रेम का अवतार बना दिया।
7. दुर्योधन को विराट रूप का दर्शन
जब दुर्योधन ने पांडवों को उनके अधिकार देने से इनकार कर दिया, तो श्री कृष्ण शांतिदूत बनकर हस्तिनापुर गए और उसे समझाने का प्रयास किया। जब दुर्योधन ने उसे बंदी बनाने का प्रयास किया, तो श्री कृष्ण ने अपना विराट रूप दिखाया, जिसमें संपूर्ण ब्रह्मांड समाया हुआ था। इस दृश्य ने सभी को स्तब्ध कर दिया।
8. महाभारत में अर्जुन को गीता का ज्ञान देना
जब महाभारत के युद्ध में अर्जुन अपने ही सगे-संबंधियों के विरुद्ध युद्ध करने में हिचकिचा रहे थे, तब श्री कृष्ण ने उन्हें भगवद् गीता का उपदेश दिया। यह उपदेश केवल युद्ध के लिए ही नहीं, बल्कि जीवन का सार, धर्म, कर्म और मोक्ष भी था। यह उपदेश आज भी मानवजाति का मार्गदर्शन करता है।
9. द्रौपदी की चीर हरण से रक्षा
जब कौरवों ने भरी सभा में द्रौपदी का अपमान करने के लिए उनका वस्त्रहरण करने का प्रयास किया, तो द्रौपदी ने श्रीकृष्ण को पुकारा। श्रीकृष्ण ने अपने चमत्कारी रूप से उनकी साड़ी इतनी लंबी कर दी कि दुशासन उसे खींचते-खींचते थक गया। इस घटना ने उनके भक्तों के प्रति उनकी असीम करुणा को दर्शाया।
10. सुदामा से मित्रता
सुदामा एक गरीब ब्राह्मण थे और श्रीकृष्ण के बचपन के मित्र थे। जब सुदामा उनसे द्वारका में मिलने गए, तो श्रीकृष्ण ने उन्हें एक राजा की तरह गले लगाया और बिना कुछ माँगे उनकी दरिद्रता दूर कर दी। यह लीला दर्शाती है कि भगवान के लिए कोई अमीर या गरीब नहीं होता, वे केवल सच्चे प्रेम और भक्ति को देखते हैं।