Hindu Temples in London-Canada: क्या आप जानते हैं कि लंदन और कनाडा में कुछ ऐसे हिंदू मंदिर हैं जो सिर्फ पूजा स्थल नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं का जीवंत उदाहरण भी हैं? इन मंदिरों में न सिर्फ भव्य पूजा-अर्चना होती है, बल्कि सांस्कृतिक उत्सव, धार्मिक अनुष्ठान और सामुदायिक गतिविधियों के माध्यम से भारतीय जड़ों को मजबूत करने का काम भी किया जाता है। इन मंदिरों की वास्तुकला, धार्मिक अनुष्ठान और उनके ऐतिहासिक महत्व के बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। अगर आप भी इन अद्भुत धार्मिक स्थलों के बारे में जानने के इच्छुक हैं, तो चलिए एक यात्रा पर चलते हैं और जानते हैं लंदन और कनाडा के प्रमुख हिंदू मंदिरों के बारे में।
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लंदन के प्रमुख हिंदू मंदिर- Hindu Temples in London-Canada
बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर (नेसडेन मंदिर)
स्थान: नेसडेन, लंदन
खासियत:
यह यूरोप का पहला पारंपरिक हिंदू मंदिर है, जिसे 1995 में स्थापित किया गया। सफेद संगमरमर से बना यह मंदिर भारतीय वास्तुकला का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है। भगवान स्वामीनारायण को समर्पित इस मंदिर में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जिसमें दीपावली और होली के भव्य आयोजन शामिल हैं। मंदिर परिसर में ‘अंडरस्टैंडिंग हिंदुइज्म’ प्रदर्शनी है, जो हिंदू धर्म और संस्कृति को समझाने का प्रयास करती है।
श्री वेंकटेश्वर (बालाजी) मंदिर
स्थान: कैरी, उत्तरी लंदन
खासियत:
यह मंदिर भगवान वेंकटेश्वर (बालाजी) को समर्पित है और तिरुपति मंदिर की शैली में निर्मित है। दक्षिण भारतीय वास्तुकला और पूजा पद्धतियों का पालन करते हुए यहां विशेष रूप से दक्षिण भारतीय समुदाय के लिए धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। मंदिर में नियमित वैदिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। इसके अलावा, यहां पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक एकता को बढ़ावा देने वाले आयोजनों का भी आयोजन किया जाता है।
लंदन श्री मुरुगन मंदिर
स्थान: ईस्ट हैम, लंदन
खासियत:
भगवान मुरुगन (कार्तिकेय) को समर्पित यह मंदिर खासतौर पर तमिल हिंदू समुदाय द्वारा पूजित है। थाई पुसम जैसे तमिल त्योहारों का भव्य आयोजन इस मंदिर में किया जाता है। मंदिर की वास्तुकला दक्षिण भारतीय शैली को दर्शाती है और यहां तमिल समुदाय की सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी आयोजित होती हैं।
कनाडा के प्रमुख हिंदू मंदिर
हिंदू सभा मंदिर
स्थान: ब्रैम्पटन, ओंटारियो
खासियत:
यह कनाडा का सबसे बड़ा हिंदू मंदिरों में से एक है, जो 1970 के दशक में स्थापित हुआ था। विभिन्न हिंदू देवताओं जैसे राम, शिव, और गणेश को समर्पित इस मंदिर में नवरात्रि और दीपावली जैसे सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों का केंद्र बन चुका है। मंदिर में योग, ध्यान और बच्चों के लिए धार्मिक कक्षाएँ आयोजित की जाती हैं। हाल ही में इस मंदिर को खालिस्तान समर्थकों के हमले का शिकार होना पड़ा, जिसने स्थानीय समुदाय को एकजुट किया।
श्री वेंकटेश्वर मंदिर
स्थान: टोरंटो, ओंटारियो
खासियत:
भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित यह मंदिर दक्षिण भारतीय भक्तों का प्रमुख केंद्र है। तिरुपति मंदिर की पूजा पद्धतियों और वैदिक अनुष्ठानों का पालन करते हुए यहां नियमित भक्ति सभाएँ और सामुदायिक भोज आयोजित होते हैं। मंदिर परिसर में सांस्कृतिक हॉल भी है, जहां संगीत और नृत्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
लक्ष्मी नारायण मंदिर
स्थान: सरे, ब्रिटिश कोलंबिया
खासियत:
यह मंदिर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है और उत्तर भारतीय शैली में निर्मित है। यहां हवन, भजन और सत्संग जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस मंदिर को नवंबर 2024 में खालिस्तान समर्थकों द्वारा तोड़फोड़ का सामना करना पड़ा, जिसकी व्यापक निंदा की गई थी।
त्रिवेणी मंदिर
स्थान: टोरंटो, ओंटारियो
खासियत:
त्रिवेणी मंदिर गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम का प्रतीक है। यहां विभिन्न हिंदू परंपराओं को एक मंच पर लाने का प्रयास किया जाता है। मंदिर में नियमित धार्मिक प्रवचन, सांस्कृतिक उत्सव और सामुदायिक सेवा का आयोजन किया जाता है। नवंबर 2024 में सुरक्षा चिंताओं के कारण भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा एक कार्यक्रम रद्द कर दिया गया था।
लंदन और कनाडा के ये हिंदू मंदिर भारतीय संस्कृति और परंपरा को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लंदन के मंदिर अपनी वास्तुकला और सांस्कृतिक योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं, जबकि कनाडा के मंदिर न केवल धार्मिक स्थल हैं, बल्कि ये समुदायों को एकजुट करने में भी सक्रिय हैं। इन मंदिरों में न केवल पूजा की जाती है, बल्कि यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम, धार्मिक अनुष्ठान और सामुदायिक सेवाएँ भी आयोजित की जाती हैं, जो हिंदू धर्म के विविध पहलुओं को प्रदर्शित करती हैं। इन स्थलों की मौजूदगी प्रवासी भारतीयों के लिए सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है और यहां के धार्मिक आयोजनों के माध्यम से संस्कृति का संरक्षण और प्रचार किया जाता है।