Holi of Barsana-Nandgaon: जब प्रेम और भक्ति में बदल जाती हैं गालियां, जानिए कृष्ण को गाली देने की अनूठी परंपरा और इसका रहस्य!

Holi of Barsana-Nandgaon
Source: Google

Holi of Barsana-Nandgaon: होली का रंग जहां पूरे भारत में उमंग और उल्लास से भरा होता है, वहीं ब्रज की होली की बात ही अलग है। यहां न सिर्फ गुलाल उड़ता है और लट्ठ बरसते हैं, बल्कि भगवान श्रीकृष्ण और उनके परिवार को प्रेम से गालियां भी दी जाती हैं! आपने कभी सोचा है कि भगवान को भी गालियां दी जा सकती हैं? और वह भी भक्तों द्वारा बड़े हर्षोल्लास के साथ? लेकिन नंदगांव और बरसाना की परंपरा यही कहती है। यहां होली के दौरान कृष्ण, यशोदा माता, सुभद्रा, काकी, बुआ और नानी तक को गालियों से नवाजा जाता है।

और पढ़ें: Who is Swami Kailashanand Giri: स्वामी कैलाशानंद गिरि का बिहार से आध्यात्मिक शिखर तक का सफर, उनका आशीर्वाद पाकर स्टीव जॉब्स की पत्नी बनीं शिष्या

गालियों में भक्ति का रस (Holi of Barsana-Nandgaon)

बरसाना और नंदगांव की होली केवल रंगों की नहीं, बल्कि शब्दों की भी होती है। यह परंपरा किसी अनादर या अशिष्टता से नहीं, बल्कि प्रेम, हंसी-मजाक और भक्ति से जुड़ी है। बरसाना के लोग कृष्ण को अपना जमाई मानते हैं और जिस तरह किसी परिवार में ससुराल में दामाद को मजाक में प्रेम भरी गालियां दी जाती हैं, वैसे ही यहां कृष्ण के प्रति यह भाव प्रकट किया जाता है।

Holi of Barsana-Nandgaon
Source: Google

होली पर नंदगांव के लोग जब बरसाना आते हैं, तो उनकी अगवानी गालियों और ठिठोली भरी होली से होती है। यह नोकझोंक कृष्ण और राधा के प्रेम की याद दिलाती है।

कृष्ण और राधा के गांवों का अनोखा रिश्ता

नंदगांव और बरसाना का रिश्ता केवल होली तक सीमित नहीं है। इन दोनों गांवों के बीच सदियों से एक अनोखी परंपरा चली आ रही है—आज तक यहां के लोगों के बीच वैवाहिक संबंध नहीं होते।

राधा-कृष्ण की अमर प्रेमगाथा को जीवंत बनाए रखने के लिए यह परंपरा निभाई जाती है। नंदगांव के लोग राधा को अपनी बहू और बरसाना के लोग कृष्ण को अपना जमाई मानते हैं। इसलिए, होली के दौरान जब कृष्ण के गांव से लोग आते हैं, तो बरसाना वाले उनका प्रेम से स्वागत गालियों और लट्ठमार होली से करते हैं।

बरसाना-नंदगांव होली की तैयारियां जोरों पर

बरसाना की लट्ठमार होली, जो 8 मार्च को खेली जाएगी, दुनिया भर में मशहूर है। इसके अलावा, 7 मार्च की शाम को लड्डू होली भी होगी, जिसमें भक्त भगवान पर मिठाइयों की वर्षा करते हैं।

Holi of Barsana-Nandgaon
Source: Google

बरसाना और नंदगांव में इस उत्सव का उल्लास चरम पर है। भक्त राधारानी मंदिर की ओर बढ़ रहे हैं, हाथों में गोमुखी माला और झोली लिए हुए।

देश-विदेश से श्रद्धालु इस उत्सव का हिस्सा बनने के लिए पहुंच रहे हैं। गेस्ट हाउस और धर्मशालाएं पहले ही बुक हो चुकी हैं, और हर ओर राधे-राधे के जयकारे गूंज रहे हैं।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

होली के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था की है। राधारानी मंदिर तक पहुंचने के लिए कई बैरियर लगाए गए हैं, ताकि किसी भी अव्यवस्था से बचा जा सके।

मंदिर में जाने के लिए श्रद्धालुओं को पुराना अड्डा, सुदामा चौक, दादी-बाबा मंदिर, सिंहपौर और सफे छतरी के पास से होकर गुजरना होगा।

ब्रज की होली: आस्था, प्रेम और परंपरा का संगम

नंदगांव और बरसाना की होली केवल रंगों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें संस्कृति, इतिहास और प्रेम की गहरी जड़ें हैं। कृष्ण और राधा की प्रेमकथा को जीवंत बनाए रखने के लिए यहां गालियों तक को भक्ति का रूप दे दिया गया है।

यह परंपरा यह संदेश देती है कि भक्ति केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं होती, बल्कि उसमें हंसी-मजाक, प्रेम और आत्मीयता भी होती है। यही कारण है कि ब्रज की होली न केवल अद्वितीय है, बल्कि इसे देखने के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु यहां खिंचे चले आते हैं।

और पढ़ें: Premanand Ji Maharaj Real Name: क्या आप जानते हैं प्रेमानंद जी महाराज का असली नाम, जानिए वृंदावन वाले महाराज की संन्यासी बनने की कहानी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here