Jagannath Rath Yatra: रथ यात्रा का नाम सुनते ही भक्तों के मन में भगवान जगन्नाथ की भव्य सवारी और भक्तों की उमड़ी भीड़ की छवि उभरती है। इस बार कोलकाता में होने वाली रथ यात्रा कुछ खास और अनोखी होने जा रही है। 50 वर्षों से चलती आ रही परंपरा में पहली बार भगवान जगन्नाथ के रथ में ऐसे टायर लगेंगे जो भारतीय वायुसेना के सुखोई लड़ाकू विमानों में उपयोग किए जाते हैं।
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48 साल से Boeing विमान के टायर पर चलता था रथ- Jagannath Rath Yatra
कोलकाता में ISKCON यानी इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस पिछले 5 दशकों से भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा का आयोजन कर रहा है। इस पूरे समय रथ में पुराने Boeing-747 विमान के सेकेंड हैंड टायर लगते रहे, जो कोलकाता एयरपोर्ट से प्राप्त किए गए थे। ये टायर वर्षों तक रथ की भारी सवारी का भार संभालते रहे, लेकिन अब वे पुरानी हो चुके हैं। पिछले साल की यात्रा में रथ के एक्सल में समस्या आने लगी, जिससे नए और मजबूत टायर की जरूरत महसूस हुई।
सुखोई फाइटर जेट के टायर MRF ने उपलब्ध कराए
ISKCON के वाइस प्रेसिडेंट राधारमण दास के अनुसार, जब उन्होंने भारत की प्रमुख टायर निर्माता कंपनी MRF से संपर्क किया और सुखोई फाइटर जेट्स के टायर की मांग की, तो कंपनी के अधिकारी पहले आश्चर्यचकित हुए। लेकिन ISKCON की श्रद्धा और गंभीरता देखकर MRF की टीम स्वयं आकर पुराने टायरों की जांच करने आई और पुष्टि की कि वे सचमुच Boeing जेट के थे। इसके बाद MRF ने खुशी-खुशी चार नए सुखोई टायर उपलब्ध कराने का फैसला किया।
24 किलोमीटर का ड्राई रन और टायर की खासियतें
31 मई की रात को भगवान जगन्नाथ के रथ को नए सुखोई टायरों पर 24 किलोमीटर का ड्राई रन कराया गया। यह परीक्षण इसलिए किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि टायर पूरी तरह फिट हैं और रथ के भारी भार को आसानी से सहन कर सकते हैं। हर एक टायर की कीमत लगभग ₹1.72 लाख है और ये 16 टन तक वजन उठाने में सक्षम हैं।
27 जुलाई 2025 को होने वाली मुख्य रथ यात्रा में जब हजारों भक्त रथ के रस्से खींचेंगे, तो वे सिर्फ रस्से नहीं बल्कि उस रथ को खींच रहे होंगे, जिसके नीचे ऐसे टायर लगे होंगे जिन पर सुखोई लड़ाकू विमानों का भार उठता है।
ISKCON की 50 साल पुरानी परंपरा में नया अध्याय
ISKCON ने 1972 से लगातार कोलकाता में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा का आयोजन किया है। यह वैष्णव समुदाय का एक प्रमुख त्योहार है, जिसमें हजारों श्रद्धालु सड़कों पर उमड़ते हैं और भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ को खींचने का सौभाग्य पाते हैं। रथ यात्रा का मार्ग पूरे शहर में होता है और अंत में ब्रिगेड परेड ग्राउंड में विशाल मेला लगता है।
लगभग 50 साल बाद, इस यात्रा में पहली बार ऐसा होगा कि रथ पर सुखोई लड़ाकू विमानों के अत्याधुनिक टायर लगाए जाएंगे, जो न केवल रथ को मजबूती देंगे बल्कि इस पारंपरिक आयोजन में आधुनिक तकनीक का अद्भुत मेल भी साबित होंगे।
श्रद्धा और आधुनिकता का संगम
यह परिवर्तन न केवल रथ यात्रा की भव्यता को और बढ़ाएगा, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आधुनिकता के संगम का प्रतीक भी होगा। जहां भगवान जगन्नाथ की भक्ति सदियों पुरानी है, वहीं सुखोई के टायर आधुनिक भारतीय वायुसेना की ताकत का परिचायक हैं। इस पहल से यह भी संदेश जाता है कि परंपरा और तकनीक साथ-साथ चल सकते हैं।
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