संतान प्राप्ति के लिए क्या करें? जानिए प्रेमानंद जी महाराज से

How to get freedom from worldly debts? Know from Premanand Maharaj ji
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दुनिया में ऐसे कई शादीशुदा जोड़े हैं जिनकी संतान नहीं हैं। वे संतान प्राप्ति महंगे इलाज कराते हैं, अंग्रेजी दवाएं लेते हैं और कई तो झाड़ फूंक का भी सहारा लेते हैं। इतना सब करने के बाद भी अगर उन्हें संतान की प्राप्ति नहीं होती है तो उनका मन परेशान होने लगता है और वे इसके लिए भगवान को भी दोषी मानने लगते हैं। हालांकि, बच्चे पैदा करना ही जीवन का एकमात्र लक्ष्य नहीं है। अगर किसी को संतान नहीं हो रही है तो उसे बिल्कुल भी निराश नहीं होना चाहिए। दरअसल, ये बात सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जो कि वृन्दावन के स्वामी प्रेमानंद जी महाराज ने कही है। वृन्दावनवासी प्रेमानन्द जी महाराज को कौन नहीं जानता? उनके भजन और सत्संग सुनने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं। महाराज जी कीर्तन में आने वाले भक्तों को सांसारिक दुखों से दूर रहकर भगवान का चिंतन करने की सलाह देते हैं। ऐसे ही एक भक्त ने महाराज जी से अपनी समस्या का जिक्र करते हुए कहा कि उसको 10 साल से कोई संतान नहीं है तो वह क्या करें? जिसके बाद प्रेमानंद महाराज ने निसंतान दंपत्तियों को संतान न होने पर जीवन में अलग लक्ष्य बनाकर आगे बढ़ने की सलाह दी है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

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प्रेमानंद महाराज से सुने निसंतान का उपाय

प्रेमानंद महाराज की कथा में आए एक व्यक्ति ने जब महाराज जी से पूछा कि उन्हें 10 साल से कोई संतान नहीं हुई है। उन्होंने मेडिकल साइंस की भी मदद ली लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। ऐसी स्थिति में कभी-कभी मन विचलित हो जाता है, कृपया मुझे बताएं कि इस स्थिति में क्या करना चाहिए। जिसके बाद स्वामी प्रेमानंद महाराज ने विनम्र भाव से कहा कि मानव शरीर को भजन योग में लगाना चाहिए। यह जरूरी नहीं कि पारिवारिक जीवन में लड़का ही हो। यह मत सोचो कि उनके बिना जीवन निरर्थक है। चाहे लड़का हो या लड़की, शादीशुदा जिंदगी में बच्चा पैदा करना ही सब कुछ नहीं है।

निसंतान होने पर क्या करें

प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा कि कुछ लोगों को संतान नहीं हो पाती है। ऐसे में दुखी होने की जरूरत नहीं है। यदि किसी व्यक्ति को संतान की प्राप्ति भी हो जाए तो भी उसे सेवा भावना में लगे रहना पड़ता है। इसलिए अपने जीवन को सार्थक बनाएं। वैसे तो हमारा मन बहुत कुछ कहता है, लेकिन इस पर नियंत्रण रखें और अपना जीवन सेवा और भजन योग में लगाएं। दिन भर काम करें और शाम को गाय की सेवा, जरूरतमंदों की सेवा आदि में अपनी श्रद्धा लगाएं। ऐसा करने से आपको जीवन का लक्ष्य अपने आप प्राप्त हो जाएगा और मन को शांति मिलेगी।

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