Shardiya Navratri 2025: कुछ दिनों बाद ही शारदीय नवरात्री शुरू होने वाले है। जो की इस बार पूरे 10 दिन के होंगे। वही कुछ लोग इन नो दिनों तक अखंड जोत जलाकर व्रत करते हैं। लेकिन क्या आप अखंड जोत को जलाने की सही दिशा के बारे में जानते हैं। अगर नहीं तो चलिए आपको इस लेख में अखंड जोत जलाने की सही दिशा के बारे में बताते हैं।
नवरात्रि के दौरान दक्षिण-पूर्व दिशा (अग्नि कोण) में एक अनोखा दीपक जलाना चाहिए, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि आती है। यह दीपक देवी माँ की मूर्ति के सामने रखा जाता है। घी का दीपक देवी माँ के दाईं ओर और तेल का दीपक बाईं ओर रखना चाहिए। दीपक की लौ कभी भी दक्षिण दिशा की ओर नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि इससे घर में दुर्घटना या हानि होने का खतरा बढ़ सकता है।
वास्तु के अनुसार अखंड ज्योत जलाना
नवरात्रि में अखंड ज्योत जलाना बहुत शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, सही दिशा में अखंड ज्योत रखने से घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। वही कहाँ जाता है कि वास्तु के अनुसार, अखंड ज्योत रखने के लिए सबसे शुभ दिशा दक्षिण-पूर्व दिशा मानी जाती है। इस दिशा में जलाई गई अखंड ज्योति घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली लाती है।
- दीपक का मुख – अखंड ज्योत का मुख (लौ) हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
- पूर्व दिशा – पूर्व दिशा की ओर ज्योत रखने से आयु बढ़ती है और घर में सुख-शांति आती है।
- उत्तर दिशा – उत्तर दिशा की ओर ध्यान केंद्रित करने से धन की प्राप्ति होती है और अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है।
अखंड ज्योति को जमीन पर न रखे
यदि आप पूजा करते वक़्त घी का दीपक जला रहे हैं, तो उसे माता की मूर्ति के सामने दूसरी ओर रखें। वही यदि तेल के दीपक जला रहे हैं, तो उन्हें बाहर रखें। ध्यान देने वाली बात अखंड ज्योति को कभी भी सीधे ज़मीन पर नहीं रखना चाहिए। इसे चावल से भरी किसी भी थाली के ऊपर रखना चाहिए या फिर दीपक के नीचे एक सिक्का रख देना चाहिए।
आपको बता दें, अखंड ज्योति पूरे नौ दिनों तक जलती रहनी चाहिए। अगर किसी कारणवश यह बुझ जाए, तो देवी माँ से क्षमा याचना करके इसे पुनः जलाएँ। इसके अलवा आपको बता दें, दीपक की लौ कभी भी दक्षिण दिशा की ओर नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इसे शुभ नहीं माना जाता है। वही कुछ मान्यताओं के अनुसार, लकड़ियाँ पश्चिम दिशा में रखने से दुख बढ़ सकते हैं। हालाँकि, कुछ अन्य उपायों में इसे शुभ बताया गया है, जिससे सुख-समृद्धि आती है और सभी दुखों से मुक्ति मिलती है।