Maha Kumbh stampede History: महाकुंभ में भगदड़ का काला इतिहास! जानें कब-कब हुआ बड़ा हादसा, कितनी गईं जानें और क्या रही वजहें

Controversial officials of Maha Kumbh Sangam Nose
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Maha Kumbh stampede History: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बुधवार को उस समय बड़ा हादसा हो गया जब मौनी अमावस्या पर संगम नोज पर स्नान के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी। अत्यधिक भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया। ताजा जानकारी के अनुसार, इस हादसे में 10 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत की आशंका है, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पूरी स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं।

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प्रधानमंत्री मोदी की त्वरित कार्रवाईMaha Kumbh stampede History

पीएम मोदी ने घटना की गंभीरता को देखते हुए दो घंटे में तीन बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत की और युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत कार्य तेज कर दिया है और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है।

Maha Kumbh stampede History
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महाकुंभ में हादसों का इतिहास

कुंभ मेले में भारी भीड़ के कारण भगदड़ की घटनाएं पहले भी हुई हैं। कुंभ के इतिहास में कई बार ऐसी त्रासदियां सामने आई हैं, जिनमें सैकड़ों श्रद्धालुओं की जान गई।

1954: आज़ादी के बाद पहला बड़ा हादसा

1954 में प्रयागराज (तत्कालीन इलाहाबाद) में पहली बार कुंभ का आयोजन हुआ था। प्रशासनिक मशीनरी ऐसे विशाल आयोजन को संभालने के लिए तैयार नहीं थी। 3 फरवरी को मौनी अमावस्या के दिन स्नान करने पहुंचे श्रद्धालुओं के बीच भगदड़ मच गई। इस दौरान  लगभग 800 लोग नदी में डूबकर या तो कुचलकर मर गए

1986: हरिद्वार कुंभ में वीआईपी मूवमेंट बना कारण

हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेले में 14 अप्रैल 1986 को भगदड़ मच गई। उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री और सांसद इस मेले में पहुंचे थे, जिससे सुरक्षा कड़ी कर दी गई और आम लोगों को तट तक पहुंचने से रोक दिया गया। नतीजा यह हुआ कि भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई। इस हादसे में लगभग 200 लोगों की जान चली गई थी।

2003: नासिक कुंभ में दर्दनाक हादसा

1986 के हादसे के बाद लंबे समय तक कुंभ मेला सफलतापूर्वक चलता रहा। लेकिन 2003 में नासिक में आयोजित कुंभ मेले में भगदड़ मच गई। इस दौरान 39 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।

2010: हरिद्वार कुंभ में साधु-संतों के बीच झड़प

14 अप्रैल 2010 को हरिद्वार कुंभ में शाही स्नान के दौरान साधुओं और श्रद्धालुओं के बीच झड़प हो गई। विवाद इतना बढ़ गया कि भगदड़ मच गई। इस हादसे में 7 लोगों की जान चली गई थी और 15 लोग घायल हुए थे।

2013: प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर भयानक भगदड़

2013 में प्रयागराज कुंभ के दौरान सबसे बड़ा हादसा इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर हुआ। यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते फुटब्रिज की रेलिंग गिर गई और भगदड़ मच गई। इस घटना में 42 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 29 महिलाएं, 12 पुरुष और एक आठ वर्षीय बच्ची शामिल थी। इस भगदड़ में 45 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।

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2025 महाकुंभ में दोबारा इतिहास दोहराया गया

2025 के महाकुंभ में संगम नोज पर फिर से भगदड़ की घटना सामने आई है। शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, 10 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत की आशंका जताई जा रही है। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया है और राहत कार्य जारी है।

सीएम योगी की अपील

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे संगम नोज पर जाने के बजाय अपने नजदीकी घाटों पर ही स्नान करें। उन्होंने ट्वीट किया, “मां गंगा के जिस घाट के समीप आप हैं, वहीं स्नान करें, संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें। प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग दें।”

स्थिति नियंत्रण में, अफवाहों से बचने की सलाह

सीएम योगी ने यह भी स्पष्ट किया कि संगम के सभी घाटों पर शांति बनी हुई है और स्नान सुचारू रूप से चल रहा है। उन्होंने श्रद्धालुओं से किसी भी अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की है। प्रशासन द्वारा विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं, जिससे कुंभ का आयोजन सुरक्षित और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न हो सके।

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