Somnath Temple History: 17 बार आक्रमण झेलकर भी अडिग रहा सोमनाथ मंदिर! आस्था, इतिहास और पुनर्निर्माण की प्रेरणादायक गाथा

Table of Content

Somnath Temple History: भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत में सोमनाथ मंदिर का विशेष स्थान है। यह न सिर्फ आध्यात्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि भारतीय आत्मबल और पुनर्निर्माण की जिजीविषा का भी प्रतीक है। जब भी इस मंदिर की चर्चा होती है, तो सबसे पहले इसके 17 बार तोड़े जाने और हर बार फिर से खड़े होने की कहानी सामने आती है। यह मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति और अस्मिता का साक्षात प्रमाण है।

और पढ़ें: Sanatan Dharma Religion: सनातन धर्म में सात दिनों का महत्व! प्रत्येक दिन के लिए विशिष्ट देवी-देवता और उनके पूजन के लाभ

पौराणिक और धार्मिक महत्व- Somnath Temple History

सोमनाथ को बारह ज्योतिर्लिंगों में पहला और सबसे प्राचीन माना जाता है। इसे ‘सोमनाथ’ यानी ‘चंद्रमा का स्वामी’ कहा गया है क्योंकि मान्यता है कि चंद्र देव ने भगवान शिव की तपस्या कर यह मंदिर बनवाया था। स्कंद पुराण, शिव पुराण और श्रीमद्भागवत जैसे ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है। यह स्थान ‘प्रभास तीर्थ’ के नाम से भी प्रसिद्ध है।

Somnath Temple History Gujarat
source: Google

मंदिर का निर्माण – चार चरणों में

पौराणिक मान्यता के अनुसार, सोमनाथ मंदिर का निर्माण चार अलग-अलग युगों में चार रूपों में हुआ:

  1. सोने से – भगवान सोम ने
  2. चांदी से – सूर्य देव (रवि) ने
  3. चंदन से – श्रीकृष्ण ने
  4. पत्थर से – राजा भीमदेव ने

हर युग में इस मंदिर का स्वरूप बदला लेकिन श्रद्धा और भव्यता हमेशा बनी रही।

इतिहास में बार-बार विध्वंस और पुनर्निर्माण

सोमनाथ मंदिर का इतिहास विदेशी आक्रमणों और विध्वंस से जुड़ा हुआ है, लेकिन हर बार भारत के राजाओं और आम लोगों ने इसे फिर से भव्य रूप में खड़ा किया।

  • 1025-26 में सुल्तान महमूद गजनवी ने इस मंदिर पर हमला कर इसे लूटा और ध्वस्त किया।
  • इसके बाद गुजरात के राजा भीम और मालवा के राजा भोज ने इसका पुनर्निर्माण करवाया।
  • 1297 में जब दिल्ली सल्तनत ने गुजरात पर अधिकार किया, तो मंदिर को फिर से तोड़ा गया।
  • इतिहासकारों के अनुसार, इस मंदिर को कुल 17 बार नष्ट किया गया और हर बार इसका पुनर्निर्माण हुआ।
  • अन्य हमलावरों में अल-जुनैद, अलाउद्दीन खिलजी, औरंगजेब जैसे नाम भी शामिल हैं।

वर्तमान सोमनाथ मंदिर – स्वतंत्र भारत का प्रतीक

आज जो सोमनाथ मंदिर हमें दिखाई देता है, उसका निर्माण 1947 के बाद भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व में हुआ। सरदार पटेल ने इस ऐतिहासिक मंदिर के पुनर्निर्माण का निर्णय लिया और महात्मा गांधी से परामर्श लिया। गांधी जी ने सार्वजनिक दान से मंदिर निर्माण का सुझाव दिया।

Somnath Temple History Gujarat
source: Google

पटेल की मृत्यु के बाद, मंदिर निर्माण का कार्य के.एम. मुंशी ने संभाला। 1995 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया। यह मंदिर आज भी राष्ट्रीय गौरव और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का उदाहरण है।

वास्तुकला और विशेषताएं

  • शैली: कैलाश महामेरु प्रसाद वास्तु शैली में निर्मित
  • शिखर की ऊंचाई: 155 फीट
  • कलश: 10 किलो वजन का स्वर्ण कलश
  • ध्वजदंड: 27 फीट ऊंचा और प्रतिदिन बदला जाता है
  • ‘आभास रेखा’: मंदिर से दक्षिण ध्रुव तक एक सीधी रेखा जाती है जिसके बीच कोई भू-भाग नहीं है

यात्रा संबंधित जानकारी

कैसे पहुँचें

  • रेलवे स्टेशन: वेरावल (5 किमी)
  • हवाई अड्डा: दीव (80 किमी) या राजकोट (200 किमी)
  • सड़क मार्ग: गुजरात के प्रमुख शहरों से सीधी बस और टैक्सी सेवा

बेहतर समय

  • नवंबर से फरवरी: सुहावना मौसम
  • श्रावण मास व महाशिवरात्रि: भक्तों की भारी भीड़

रहने की सुविधा

  • धर्मशालाएं, होटल्स, गेस्ट हाउस और शुद्ध शाकाहारी भोजन की अच्छी व्यवस्था

सोमनाथ मंदिर न केवल भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक है, बल्कि यह संघर्ष, पुनर्निर्माण और आत्मबल की मिसाल भी है। यह मंदिर बताता है कि कोई शक्ति आस्था को मिटा नहीं सकती। जो मंदिर 17 बार टूटकर भी खड़ा रहा, वह आने वाली पीढ़ियों को धैर्य, समर्पण और साहस का पाठ पढ़ाता रहेगा।

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है नेड्रिक न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है

और पढ़ें: Tamil Nadu Historical Temples: तमिलनाडु के 10 ऐतिहासिक मंदिर, 2000 साल पुरानी सांस्कृतिक धरोहर

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Ahan Pandey News

Ahan Pandey News: ‘सैयारा’ के बाद बदल गई ज़िंदगी, 28 की उम्र में बॉलीवुड का नया सेंसेशन बने अहान पांडे

Ahan Pandey News: बॉलीवुड में बहुत कम ऐसे चेहरे होते हैं जो आते ही माहौल बदल देते हैं। ज्यादातर कलाकारों को पहचान पाने में सालों लग जाते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके लिए पहली ही फिल्म गेमचेंजर साबित होती है। अहान पांडे उन्हीं नामों में शामिल हो चुके हैं। हाल ही...
Who is CR Subramanian

Who is CR Subramanian: 1600 स्टोर, 3500 करोड़ का खेल… और फिर ऐसा मोड़ कि आज जेल में पाई-पाई को तरस रहा है ये कारोबारी

Who is CR Subramanian: देश में ऐसे कई बिजनेसमैन रहे हैं जिन्होंने बिल्कुल जीरो से शुरुआत कर अरबों की दुनिया खड़ी की। लेकिन कुछ कहानियां ऐसी भी हैं, जहां सफलता जितनी तेजी से मिली, उतनी ही तेजी से सब कुछ हाथ से निकल गया। भारतीय कारोबारी सीआर सुब्रमण्यम (CR Subramanian) की कहानी भी कुछ ऐसी...
Bath in winter

Bath in winter: सर्दियों में नहाने से डर क्यों लगता है? जानिए रोज स्नान की परंपरा कहां से शुरू हुई और कैसे बनी आदत

Bath in winter: उत्तर भारत में सर्दियों का मौसम आते ही नहाना कई लोगों के लिए सबसे बड़ा टास्क बन जाता है। घना कोहरा, जमा देने वाली ठंड और बर्फ जैसे ठंडे पानी को देखकर अच्छे-अच्छों की हिम्मत जवाब दे जाती है। यही वजह है कि कुछ लोग रोज नहाने से कतराने लगते हैं, तो...
Sikhism in Odisha

Sikhism in Odisha: जगन्नाथ की धरती पर गुरु नानक की विरासत, ओडिशा में सिख समुदाय की अनकही कहानी

Sikhism in Odisha: भारत में सिख समुदाय की पहचान आमतौर पर पंजाब से जोड़कर देखी जाती है, लेकिन देश के पूर्वी हिस्सों, खासकर ओडिशा में सिखों की मौजूदगी का इतिहास उतना ही पुराना, जटिल और दिलचस्प है। यह कहानी केवल धार्मिक प्रवास की नहीं है, बल्कि राजनीति, औपनिवेशिक शासन, व्यापार, औद्योगीकरण और सामाजिक संघर्षों से...
Ambedkar and Christianity

Ambedkar and Christianity:आंबेडकर ने ईसाई धर्म क्यों नहीं अपनाया? धर्मांतरण पर उनके विचार क्या कहते हैं

Ambedkar and Christianity: “मैं एक अछूत हिंदू के रूप में पैदा हुआ था, लेकिन हिंदू के रूप में मरूंगा नहीं।” डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर की यह पंक्ति सिर्फ एक व्यक्तिगत घोषणा नहीं थी, बल्कि सदियों से जाति व्यवस्था से दबे समाज के लिए एक चेतावनी और उम्मीद दोनों थी। उन्होंने अपना पूरा जीवन जाति प्रथा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds