मीडिया जगत के वरिष्ठ पत्रकार दैनिक भास्कर अखबार के समूह संपादक कल्पेश याग्निक का 13 जुलाई गुरुवार की रात साढ़े 10 बजे मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में काम के दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। बता दे उस समय वो काम के सिलसिले में दैनिक भास्कर के ऑफिस में ही थे। आनन-फानन में उनको अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज साढ़े तीन घंटे तक चला, लेकिन डॉक्टरों के द्वारा की गयी तमाम कोशिशों के बाद भी उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। बॉम्बे हॉस्पिटल के डॉक्टरों के अनुसार “इलाज के दौरान ही कल्पेश याग्निक को दूसरी बार दिल का दौरा पड़ा था। जिसके बाद डॉक्टर्स ने उन्हें रात के करीब 2 बजे मृत घोषित कर दिया था। कल्पेश याग्निक का अंतिम संस्कार आज इंदौर में किया जाएगा।
वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक का जन्म 21 जून 1963 को हुआ था। उन्होंने पत्रकारिता में अपना सफर इंदौर से प्रकाशित अंग्रेजी अखबार फ्री प्रेस से शुरू किया था। कल्पेश याग्निक का नाम भारत के अग्रणी पत्रकारों में गिना जाता हैं। वो बहुत ही निष्पक्ष और बेबाक लेखन, बेहतरीन आइडिया और कार्य-कुशलता के लिए जाने जाते थे। वे बहुत ही सरल तरीके से अपनी बात को बेबाक लेखन के द्वारा प्रस्तुत करते थे। 1998 में कल्पेश याग्निक दैनिक भास्कर से जुड़े और उन्होंने कड़ी मेहनत और अपनी पैनी लेखनी से इस अखबार को बेहत ही काम समय में बुलंदियों तक पहुंचाया था।
बता दे इस अखबार में अपने कार्यकाल के दौरान कल्पेश याग्निक काफी समय तक राजस्थान में भी रहे। जहां उनकी एक नई पहचान उभर कर आयी। उन्हें अखबार में नवाचार और प्रयोग के लिए जाना गया। हर शनिवार को दैनिक भास्कर में उनका कॉलम प्रकाशित होता था ‘असंभव के विरुद्ध’ जो काफी चर्चा का विषय बनता था।
मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने कल्पेश याग्निक के आकस्मिक निधन पर श्रद्धांजिल दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, “दैनिक भास्कर ग्रूप के समूह संपादक कल्पेश याग्निक जी के दुखद निधन की खबर स्तब्ध करने वाली है। उनकी बेबाकी, निष्पक्षता से भरी खबरें हम सभी के लिए प्रेरणादायक होती थीं। उनका निधन पत्रकारिता क्षेत्र की एक बड़ी क्षति है। विनम्र श्रद्धांजलि।”