Arab Muslim offered Namaaz in Premanand Maharaj’s Ashram: धर्म गुरु और कथावाचक प्रेमानंद जी महाराज के लाखों फॉलोवर्स है। उनके कथाओं को सुनने और उनसे आशिर्वाद लेने के लिए लोगो की भीड़ दिन-रात उनके आश्रम में लगी रहती है। हालांकि अक्सर उनकी कही बातें विवादों का भी कारण बनती है लेकिन उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा। सनातन धर्म के लिए अपना जीवन न्यौछावर करने वाले स्वामी प्रेमानंद महाराज जी ने खुद को राधारानी का दास बना लिया और हमेशा वृंदावन में रहने का फैसला किया, लेकिन आज के समय में भारी तादाद में लोग उनकी भक्ति के दास बनने के लिए तैयार है। सभी धर्मो के प्रति सम्मान दिखाने वाले प्रेमानंद महाराज एक बार फिर से सुर्खियों में है। जहां आज भारत हिंदू-मुस्लिम की आग में जल रहा है वहीं स्वामी जी ने अपने ही आश्रम में एक मुसलमान के नमाज पढ़ने का बंदोबस्त किया। एक तरफ मुसलमान समुदाय प्रेमानंद महाराज के इस सौहार्दपूर्ण व्यवहार से काफी अभिभूत है तो वहीं कुछ हिंदुओं के ये बिल्कुल नागवारा गुजर रहा है। आइये जानते है क्या है पूरा मामला।
और पढ़ेः विधिपूर्वक करें गणेश स्थापना, जानें शुभ मुहुर्त और पूजा के सही विधि विधान.
क्या है पूरा मामला
दरअसल प्रेमानंद महाराज के आश्रम में हर धर्म और हर जाति के लोगों प्रवेश की अनुमति है। प्रेमानंद महाराज के दुनियाभर में प्रशंसक है। जो उन्हें मिलने के लिए उत्सुक रहते है। इसी उत्सुकता को खत्म करने के लिए सऊदी अरब से एक व्यक्ति स्वामी जी के आश्रम में उनके दर्शन करने पहुंचा था। लेकिन वहां जो कुछ भी उसके साथ हुआ उसके बाद वो स्वामी प्रेमानंद महाराज का कयाल हो गया है। दरअसल मुस्लिम युवक ने बताया कि आश्रम में भ्रमण के दौरान उसके नमाज़ का वक्त हो गया था। इसलिए उसे आश्रम में ही नमाज पढ़ने की इजाजत मांगी थी। उसे डर था कि एक हिंदू आश्रम में नमाज पढ़ने की बात सुनकर लोग नाराज़ न हो जाए लेकिन हुआ बिल्कुल इसके उलट।
युवक ने बताया कि शाम के 5 बजकर 4 मिनट हो गए थे। नमाज का समय निकल रहा था, वो बड़ी बैचेनी से इधर-उधर देख रहा था। तभी आश्रम के एक सेवक की नजर उस पर पड़ी। वो युवक के पास आए पर पूछा कि क्या उन्हें कुछ चाहिए। तो युवक ने अपनी उलझन उनसे बता दी। मुस्लिम युवक जमीन पर बैठकर ही नमाज पढ़ने जा रहा था लेकिन सेवक ने तुरंत कोई नर्म आसन उसे नमाज़ पढ़ने के लिए दिया।
युवक हो गया स्वामी जी का कयाल
युवक ने स्वामी जी को तारीफ करते हुए कहा कि आश्रम में जिस तरह का व्यवहार किया गया वो केवल स्वामी जी के मजबूत और नरमी भरे किरदार का नमूना है। मुस्लिम युवक ने कहा कि वो इस यात्रा को आजीवन नहीं भूलेगा। यहां तक कि वज्जू करने के लिए भी उससे पूछ कर बंदोबस्त किया गया। युवक ने कहा कि स्वामी जी हर धर्म के प्रति कितनी श्रद्धा रखते है ये उनके व्यवहार ने बता दिया। उन्होंने मुझे नमाज पढ़ने के इजाजत दी साथ ही मुझे आसपास के लोगों का भी ध्यान रखने को कहा।
मुस्लिम युवक ने किडनी देने की इच्छा जताई
प्रेमानंद महाराज के आश्रम में एक मुसलमान युवक के साथ हुए व्यवहार को देखते हुए एक नर्मदापुरम के रहने वाले एक मुस्लिम युवक आरिफ खान चिश्ती ने स्वामी जी को अपनी किडनी दान करने की इच्छा जाहिर की है। आरिफ खान चिश्ती की एक कंसल्टेंसी फर्म है और वो बेसहारा लाशों का अंतिम संस्कार और कफन-दफन का बंदोबस्त करने का काम भी करते है। उन्होंने नर्मदापुरम के डीएम और वृंदावन में स्वामी जी के आश्रम में चिट्ठी लिख कर किडनी दान करने की इच्छा जाहिर की है। आपको बता दे कि स्वामी प्रेमानंद महाराज की दोनो किडनी फेल हो चुकी है।
प्रेमानंद महाराज जी आज के समय में उन कथावाचकों में गिने जाने है जो निस्वार्थ होकर सेवा करने की सीख देते है। उनके अनुयायियों की सूची दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है। वो ऐसे भक्त है जो भगवान को भक्ति को ही मुक्ति का मार्ग करते है। दुनिया से प्रपंच से निकलने की सीख देते है।