Sarthak Surgical Hospital: इस अस्पताल की हर दीवार पर लगी है डॉ. अंबेडकर की तस्वीर, प्रार्थना के लिए बनाया गया है बौद्ध विहार

Sarthak Surgical Hospital
Source: google

वाराणसी में सार्थक सर्जिकल अस्पताल एक अनूठी पहल है, जहां हर दीवार पर डॉ. बी.आर. अंबेडकर की तस्वीरें हैं और अस्पताल में बौद्ध विहार भी है, जो बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए प्रार्थना करने का एक शांतिपूर्ण स्थान है। यह अस्पताल न केवल चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है बल्कि सामाजिक समानता और सेवा के आदर्शों को भी बढ़ावा देता है। आइए आपको बताते हैं कि इस अस्पताल को बनाने के पीछे क्या प्रेरणा है और इस अस्पताल का दलितों से क्या संबंध है।

और पढ़ें: Dalit Kitchens of Marathwada: जानिए कैसे एक दलित की रसोई ने पकवानों के ज़रिए अपने संघर्ष को व्यक्त किया

डॉ. विनोद कुमार का योगदान

इस अस्पताल के संस्थापक डॉ. विनोद कुमार अपने सामाजिक कार्यों के लिए प्रसिद्ध हैं। वे विशेष रूप से गरीब मरीजों को मुफ्त में चिकित्सा सेवाएं प्रदान करते हैं, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग भी उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें। उनका यह काम सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

डॉ. अंबेडकर की विरासत

अस्पताल की दीवारों पर लगी डॉ. बी.आर. अंबेडकर की तस्वीरें और उनके विचारों का संदेश इस बात का प्रतीक है कि यह स्थान केवल चिकित्सा सेवा का केंद्र नहीं, बल्कि सामाजिक समानता और समरसता का भी केंद्र है। अंबेडकर के विचारों से प्रेरणा लेते हुए, अस्पताल में सभी का समान रूप से स्वागत किया जाता है, चाहे वे किसी भी जाति, धर्म, या सामाजिक पृष्ठभूमि से हों।

Dr. Vinod Kumar
Source: Google

 बौद्ध विहार

अस्पताल में बौद्ध अनुयायियों के लिए एक बौद्ध विहार भी बनाया गया है, जहाँ मरीज़ और उनके रिश्तेदार शांति और मानसिक आराम के लिए प्रार्थना कर सकते हैं। यह स्थान लोगों को आध्यात्मिक शक्ति देता है, जो उनके इलाज के दौरान सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत बन सकता है।

मुफ्त चिकित्सा सेवाएं

डॉ. विनोद कुमार गरीब और जरूरतमंद मरीजों को मुफ्त चिकित्सा सेवाएं प्रदान करते हैं। उनकी सेवा वाराणसी और उसके आस-पास के इलाकों के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान है, जहां कई लोग महंगे चिकित्सा खर्च वहन करने में असमर्थ हैं। उनके अस्पताल में जाति, धर्म या आर्थिक पृष्ठभूमि के बावजूद सभी को समान सम्मान और सेवा मिलती है।

Dr. Vinod Kumar
Source: Google

सामाजिक न्याय और सेवा का प्रतीक

सार्थक सर्जिकल अस्पताल सिर्फ एक अस्पताल नहीं है बल्कि यह सामाजिक न्याय, समानता और सेवा भावना का प्रतीक है। डॉ. विनोद कुमार का यह कदम समाज के हाशिए पर पड़े लोगों के लिए एक बड़ा सहारा है और डॉ. अंबेडकर के विचारों के प्रति उनकी सच्ची श्रद्धांजलि है।

डॉ. विनोद कुमार का प्रमुख प्रेरणा स्रोत

डॉ. विनोद कुमार की प्रेरणा का मुख्य स्रोत डॉ. भीमराव अंबेडकर हैं। डॉ. अंबेडकर का जीवन और उनके विचार डॉ. विनोद कुमार के कार्यों और उनकी समाज सेवा के पीछे प्रेरणा का आधार हैं। डॉ. अंबेडकर ने जीवन भर दलितों, पिछड़ों और सामाजिक रूप से हाशिए पर पड़े लोगों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और समानता, शिक्षा और सामाजिक न्याय का संदेश दिया।

डॉ. अंबेडकर से मिली प्रेरणा

डॉ. आंबेडकर का जीवन संघर्ष और उनके सिद्धांत, खासकर सामाजिक न्याय और समानता के लिए उनका संघर्ष, डॉ. विनोद कुमार के जीवन और कार्य को प्रेरित करता है। आंबेडकर हमेशा समाज के वंचित वर्गों के उत्थान की बात करते थे और यह विचार डॉ. विनोद की चिकित्सा सेवाओं में भी झलकता है, जहां वे गरीबों और जरूरतमंदों को मुफ्त चिकित्सा सहायता प्रदान करते हैं।

शिक्षा और सेवा का महत्व

डॉ. अंबेडकर शिक्षा को सबसे महत्वपूर्ण हथियार मानते थे, जिसके माध्यम से किसी भी व्यक्ति और समाज को सशक्त बनाया जा सकता है। इसी प्रेरणा से डॉ. विनोद ने मेडिकल की शिक्षा प्राप्त करके गरीब और पिछड़े वर्गों की मदद करने का संकल्प लिया। उन्होंने सुनिश्चित किया कि उनका ज्ञान और विशेषज्ञता केवल आर्थिक रूप से संपन्न लोगों तक ही सीमित न रहे, बल्कि समाज के कमजोर वर्ग को भी इसका लाभ मिले।

बौद्ध धर्म और आध्यात्मिकता

डॉ. आंबेडकर की तरह डॉ. विनोद कुमार भी बौद्ध धर्म से प्रेरित हैं। इसी वजह से उन्होंने अस्पताल में एक बौद्ध विहार बनवाया, जहाँ मरीज़ और उनके रिश्तेदार प्रार्थना कर सकते हैं और मानसिक शांति पा सकते हैं। डॉ. आंबेडकर ने बौद्ध धर्म इसलिए अपनाया क्योंकि यह धर्म समानता, शांति और करुणा के सिद्धांतों पर आधारित है। डॉ. विनोद के सेवा कार्यों में भी यही मूल्य नज़र आते हैं।

और पढ़ें: तमिलनाडु के इस गांव में आज भी नहीं है दलितों को सैलून जाने की इजाजत, जानिए जातिगत भेदभाव सह रहे पीड़ित लोगों का दर्द  

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here