Baba Kumar Swami fraud – पार्ट 3: स्त्रियों से अश्लील बातें, लड़कियों के साथ रातें रंगीन

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Baba Kumar Swami fraud- “एक लड़की को पहले पिता, फिर पति और उसके बाद अपने बच्चों की दया पर निर्भर रहना चाहिए..किसी भी स्थिति में एक महिला आजाद नहीं हो सकती.” यह बात मनुस्मृति के पांचवें अध्याय के 148वें श्लोक में लिखी गई है. मनुस्मृति में दलितों और महिलाओं के बारे में कई ऐसे श्लोक हैं, जिसे पढ़कर किसी का भी खून खौल सकता है. मनुवादियों के भगवान मनु ने खुद इसकी रचना की थी. मनु तो कब के चले गए लेकिन पाखंडवाद और अंधविश्वास को छोड़ गए और आज के समय में ये मनुवादी, भगवा चोले में पूरे समाज को विकृत कर रहे हैं.

इन्हीं पाखंडियों में से एक है अश्लीलता को सिर-आंखों से लगाकर रखने वाला बाबा कुमार स्वामी, जो आज भी अपने व्यास पीठ से सेक्स की बातें करता है, खुले तौर पर महिलाओं को भोग की वस्तु बताता है…महिलाओं के बारे में भद्दी भद्दी बातें बताता है, उनसे अश्लील सवाल पूछता है! इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे मनुस्मृति के पदचिह्नों पर चलते हुए कामवासना में डूबा हुआ पाखंडी बाबा कुमार स्वामी सिर्फ भोग के लिए जी रहा है?

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महिलाओं का ब्रेन वाश करता है यह बाबा

मनुस्मृति का दूसरा अध्याय कहता है कि पुरुषों को उत्तेजित करना और बहकाना महिलाओं का स्वभाव है. ऐसे में समझदार लोग महिलाओं के आसपास संभलकर रहते हैं और साथ ही होश से काम लेते हैं. मनुस्मृति का यह अध्याय स्पष्ट तौर पर महिलाओं को एक उत्तेजित करने वाला वस्तु बताता है.

इसी तर्ज पर यह पाखंडी बाबा अपनी एक वीडियो में कहता दिख रहा है कि एक बार वह किसी संत के साथ सत्संग में जा रहा था..तभी उसे सड़क पर एक लड़की दिख गई. लड़की सुंदर थी, ऐसे में सड़क पर ही वह उस लड़की साथ भोग करने लगा. आप यह वीडियो देखिए.

वीडियो में आप देख सकते हैं कि यह पाखंडी कैसे महिलाओं का ब्रेन वाश करने की कोशिश कर रहा है? कैसे उन्हें बाबाओं की दासी बता रहा है ? कैसे उसकी नजर में महिलाएं एक भोग की वस्तु के सिवा कुछ नहीं हैं!

लड़कियों संग रातें रंगीन करता है यह बाबा ? – Baba Kumar Swami fraud

मनुस्मृति का 15 वां नियम कहता है कि महिलाओं का पुरुषों के प्रति चाहत, महिलाओं का जल्दी बदलने वाला मन और स्वाभाविक हृदयहीनता की वजह से वह अपने पति के प्रति धोखेबाज हो सकती हैं. ऐसे में उन्हें बहुत संभालकर या फिर बहुत निगरानी में रखना चाहिए. मनुस्मृति का यह नियम महिलाओं को ‘अघोषित रुप से वैश्या’ बताता है.

दूसरी ओर अपने एक समागम में पाखंडी बाबा यह कहता दिख रहा है कि एक बार एक लड़की ने उससे कहा कि वह उसके बिना रह नहीं सकती, जी नहीं सकती. उसके बाद बाबा उसे अपने पास बुला लेता है, उसके साथ रहता है, रातें बिताता है..बाबा ने ये बातें खुद अपने मुंह से कही है. आप यह वीडियो देखिए.

इस पाखंडी ने अपने समागम में यह बात कही, जिसमें हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे! इनमें काफी संख्या में महिलाएं और लड़कियां भी थीं. क्या भगवा पहनकर, ऐसी चिकनी चुपड़ी बातों के जरिए यह पाखंडी लड़कियों को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास करता है? क्या अंधविश्वास की आड़ में वह अपनी यौन क्रियाओं की पूर्ति करता है? क्या भगवा पहनकर, बाबा बनकर यह पाखंडी अन्य स्त्रियों या लड़कियों के साथ रातें रंगीन करता है ?

खुद को भगवान बुद्ध बताने का प्रयास

अपनी एक वीडियो में यह पाखंडी खुद की तुलना भगवान बुद्ध से करता हुआ दिख रहा है! वह कहता है कि मैं बहुत जिज्ञासु था…घर में रहता ही नहीं था…भाग जाता था ऋषियों के पास. कोई सुंदर लड़की मिल गई उसके साथ भाग जाता था. आप यह वीडियो देखिए.

Baba Kumar Swami fraud– यह पाखंडी अपने कुकृत्यों को भगवान बुद्ध से जोड़ रहा है और उनके जरिए खुद को पवित्र बताने का प्रयास कर रहा है. अगर हम भगवान बुद्ध की बात करें तो उनका भविष्य क्या होगा, इसकी भविष्यवाणी उनके जन्म के समय ही हो गई थी. भगवान बुद्ध को बचपन से ही संसार के बदलते स्वरुप से पीड़ा थी.

कोई बुढ़ा हो रहा है तो क्यों हो रहा है? किसी की मृत्यु हो गई तो क्यों हो गई? कोई गरीब है तो क्यों गरीब है? इन्हीं सारे प्रश्नों के जवाब ढूंढ़ने के क्रम में सिद्धार्थ भगवान बुद्ध बनें. वह संन्यास के रास्ते पर न जाएं, इसलिए उनकी शादी करा दी गई थी लेकिन जिसका जीवन ही संसार के लिए समर्पित हो, वह राजमहल का सुख कैसे भोग सकता है. भगवान बुद्ध की सच्चाई यह है. लेकिन यह पाखंडी अपने हवस और कुकृत्यों को भगवान बुद्ध से जोड़कर इसलिए बोल रहा है, ताकि इसे छिपा सके और खुद को महान बता सके!

महिलाओं से करता है अश्लील बातें – Baba Kumar Swami fraud

हिमाचल प्रदेश के सोलन में हुए इस पाखंडी बाबा के समागम की एक वीडियो है, जिसमें वह महिलाओं से काम की बातें करता दिख रहा है. वह महिलाओं से पूछता है कि क्या आपको काम में पति के साथ, प्रेमी के साथ आनंद मिलता है, यदि हां, तो हाथ खड़े करो. आप यह वीडियो देखिए.

आप देखिए कि कितनी निर्लज्जता के साथ यह पाखंडी अपनी तृप्ति के लिए कुछ भी करने पर उतारु है! यह पाखंडी खुद को महाब्रह्मर्षि बताता है लेकिन मजे की बात यह है कि महाब्रह्मर्षि जैसा कोई शब्द एग्जिस्ट ही नहीं करता. ऋषियों में राजर्षि और ब्रह्मर्षि दो पद होते हैं और इनमें ब्रह्मर्षि को श्रेष्ठ कहा गया है. यानी ब्रह्मर्षि अपने आप में उच्चतम पदवी है लेकिन यह पाखंडी सीना ठोक कर खुद को महाब्रह्मर्षि बताता है! अपनी एक वीडियो में यह कहता दिख रहा है कि उसे मां दुर्गा ने महाब्रह्मर्षि की पदवी दी है. वहीं, अपनी दूसरी वीडियो में वह मां दुर्गा को ही सेक्सी बताता दिख रहा है.

 और पढ़ें: ‘फर्जी’ बाबा की सच्चाई पार्ट 2: श्रीकृष्ण को चरित्रहीन और दुर्गा मां को “SEXY” कहने वाले बाबा कुमार स्वामी के काले कारनामों की पूरी लिस्ट

क्यों लिंग और तृप्ति से ऊपर नहीं उठता यह पाखंडी

एक शख्स जो व्यास पीठ पर भगवा (Baba Kumar Swami fraud) पहनकर बैठा है, खुद को बाबा बताता है, फिर हर कदम पर उसकी वाणी, काम और भोग पर जाकर ही क्यों अटक जाती है? क्यों उसकी हर बात का निचोड़ सिर्फ काम ही रह गया है? क्या बाबा जी को आसाराम और राम रहीम की तरह सिर्फ काम ही पसंद है ? क्या लिंग और तृप्ति से ऊपर इनकी सोच ही नहीं जाती ? अगर ऐसा है तो फिर यह बाबा किस बात का है? क्यों धर्म के ठेकेदारों ने इस पाखंडी को बाबा बनाकर रखा है? क्यों इसके खिलाफ बोलने से लोग डरते हैं? इसके सिर पर किसका हाथ है?

ऐसे तमाम सवालों के जवाब किसी के पास नहीं हैं…मनुस्मृति ने जैसे दलितों और महिलाओं पर पाबंदियां लगाई, उन्हें वस्तु समान करार दिया…यह पाखंडी भगवा धारण कर अभी वही काम कर रहा है! लोगों ने इसे सिर माथे पर बिठा रखा है लेकिन इसकी सच्चाई क्या है, इसकी सोच क्या है, ये सारी बातें हम आपको बता चुके हैं. अब फैसला आपको करना है!

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