Sikh Diaspora: सिख धर्म, जिसकी स्थापना 15वीं शताब्दी में गुरु नानक देव जी ने पंजाब क्षेत्र में की थी, आज विश्व का पांचवां सबसे बड़ा धर्म बन चुका है। अनुमानित तौर पर विश्व में 25 से 30 मिलियन सिख हैं, जिनमें से अधिकांश भारत में रहते हैं, लेकिन विश्व के कई देशों में भी सिखों की मजबूत उपस्थिति है। भारत के बाहर पांच ऐसे देश हैं जहां सिख समुदाय न केवल संख्या में बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक क्षेत्रों में भी अपने योगदान के लिए जाना जाता है।
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1. कनाडा: सबसे बड़ा सिख प्रवासी देश- Sikh Diaspora
कनाडा में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सिख समुदाय मौजूद है। 2021 की जनगणना के अनुसार, कनाडा में लगभग 7,71,800 सिख रहते हैं, जो देश की कुल जनसंख्या का करीब 2.12% हैं। सिख मुख्य रूप से टोरंटो, वैंकूवर और ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में केंद्रित हैं, जहां उनकी संख्या 5.9% तक पहुंच जाती है। 19वीं सदी के अंत में सिख मजदूर रेलवे और लकड़ी उद्योग में काम करने आए, जिससे कनाडा में उनकी उपस्थिति शुरू हुई। आज सिख समुदाय कनाडा की राजनीति, शिक्षा, और व्यवसाय में गहरा प्रभाव रखता है। कनाडा की संसद में भारतीय मूल के 19 सांसद हैं, जिनमें कई सिख भी शामिल हैं, और तीन सिख कैबिनेट मंत्री भी हैं। गुरुद्वारों और लंगर की परंपरा यहां सिख संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
2. यूनाइटेड किंगडम: समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक मेलजोल
यूनाइटेड किंगडम में लगभग 5,20,100 सिख रहते हैं, जो देश की कुल जनसंख्या का लगभग 0.92% है। मुख्य रूप से सिख वेस्ट मिडलैंड्स (जहां उनकी जनसंख्या 2.9% है) और लंदन में रहते हैं। ब्रिटिश औपनिवेशिक काल में सिख सैनिकों और मजदूरों ने यूके में कदम रखा था। आज के दौर में यूके में सिख शिक्षा, व्यवसाय, और सार्वजनिक सेवाओं में अपना योगदान दे रहे हैं। साउथॉल का गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा यहां के प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों में से एक है। पगड़ी और खालसा जैसे प्रतीक ब्रिटिश समाज में सिखों की विशिष्ट पहचान हैं।
3. संयुक्त राज्य अमेरिका: तकनीक और विविधता का संगम
संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 2,80,000 सिख हैं, जो देश की जनसंख्या का एक छोटा लेकिन प्रभावशाली हिस्सा हैं। कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क, और न्यू जर्सी में सिख समुदाय केंद्रित है। 19वीं सदी के अंत में यहां भी सिखों ने कृषि और रेलवे में काम किया। आज सिख अमेरिकी समाज में तकनीक, चिकित्सा, और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। कैलिफोर्निया के युबा सिटी में होने वाला वार्षिक नगर कीर्तन (सिख परेड) सिख संस्कृति का जीवंत उदाहरण है। हालांकि धार्मिक पहचान के कारण कभी-कभी भेदभाव का सामना करना पड़ा, फिर भी सिखों ने अपनी सांस्कृतिक विरासत को मजबूती से बनाए रखा है।
4. ऑस्ट्रेलिया: बहुसांस्कृतिक पहचान में सिख योगदान
ऑस्ट्रेलिया में करीब 2,10,400 सिख निवास करते हैं, जो देश की जनसंख्या का 0.83% है। मेलबर्न, सिडनी, और ब्रिस्बेन जैसे शहरों में सिख समुदाय का बसाव है। 19वीं सदी में कृषि और व्यापार के लिए सिख प्रवास शुरू हुआ। आज ऑस्ट्रेलिया में सिख शिक्षा, आतिथ्य, और परिवहन जैसे क्षेत्रों में सक्रिय हैं। यहां गुरुद्वारों और लंगर की परंपरा सामुदायिक सेवा और एकता का प्रतीक हैं। पंजाबी संगीत और भांगड़ा जैसे सांस्कृतिक तत्व ऑस्ट्रेलिया की बहुसांस्कृतिक पहचान का अहम हिस्सा बन चुके हैं।
5. मलेशिया: संरक्षण और सामाजिक सेवा
मलेशिया में लगभग 1,00,000 सिख रहते हैं, जो देश की कुल आबादी का लगभग 0.3% है। कुआलालंपुर, पेनांग, और पेराक जैसे क्षेत्रों में सिख समुदाय केंद्रित है। ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान सिख सैनिक और पुलिसकर्मी मलेशिया आए थे। आज मलेशिया में सिख व्यापार, शिक्षा, और सार्वजनिक सेवाओं में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। कुआलालंपुर का गुरुद्वारा साहिब यहां के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। सेवा और समानता की भावना सिख समुदाय की पहचान को मलेशियाई समाज में मजबूत बनाती है।
सिख डायस्पोरा की वैश्विक छवि
भारत के बाहर सिख समुदाय ने कनाडा, यूके, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया में न केवल अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को जिंदा रखा है, बल्कि स्थानीय समाज में शिक्षा, व्यवसाय, और सामाजिक सेवा के माध्यम से भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। गुरुद्वारों में लंगर की परंपरा और खालसा की भावना सिखों की एकता और सेवा के प्रति समर्पण को दर्शाती है, जो विश्वभर में सिख समुदाय की छवि को मजबूती प्रदान करती है।