Asia Cup 2025: एशिया कप 2025 का फाइनल मुकाबला रविवार को दुबई में खेला गया, जिसमें भारत ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर जीत दर्ज की। भारत ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया और एशिया कप का खिताब अपने नाम किया। हालांकि, मैच की इस रोमांचक समाप्ति के बाद एक विवाद भी खड़ा हुआ, जिसे लेकर पाकिस्तान की हरकतें सुर्खियों में हैं।
भारत की जीत के बावजूद पाकिस्तान की टीम ने एक ऐसा कदम उठाया, जो सिर्फ खेल जगत में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति और आतंकवाद से जुड़े गंभीर सवालों को भी जन्म देता है। पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली आगा ने फाइनल के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि उनकी टीम अपनी मैच फीस उन परिवारों को दान करेगी, जो मई 2025 में भारत के ऑपरेशन सिंदूर का शिकार हुए थे।
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सलमान का यह बयान सीधे तौर पर आतंकवादियों के प्रति उनके समर्थन को दर्शाता है। उनका कहना था कि इस धनराशि का उपयोग उन नागरिकों और बच्चों के परिवारों के लिए किया जाएगा, जो भारतीय हमलों में मारे गए थे। हालांकि, सलमान ने केवल ‘पीड़ित परिवार’ कहकर बात की, लेकिन जो तथ्य सामने आए हैं, उनके मुताबिक यह पैसा सीधे तौर पर आतंकवादियों के समर्थन में जाएगा।
क्या पाकिस्तान का दान आतंकवादियों को लाभ पहुंचाएगा? Asia Cup 2025
भारत के ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के कई ठिकानों को निशाना बनाया गया था। इस ऑपरेशन के दौरान, मसूद अजहर का परिवार भी मारा गया था। जब पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली आगा यह कहते हैं कि वे मई में मारे गए नागरिकों के परिवारों को दान करेंगे, तो सवाल उठता है कि क्या यह पैसा आतंकवादियों के परिवारों तक नहीं पहुंचेगा?
भारत ने पहले ही स्पष्ट किया था कि ऑपरेशन सिंदूर में सिर्फ और सिर्फ आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया था, और इसमें कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ था। ऐसे में, पाकिस्तानी कप्तान का बयान, जो सीधे तौर पर पीड़ित परिवारों के नाम पर आतंकी समूहों का समर्थन करता हुआ दिखाई देता है, एक और विवाद को जन्म दे रहा है।
भारत का कड़ा संदेश
वहीं, फाइनल मुकाबले के दौरान भारतीय टीम ने भी पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ अपने रिश्ते स्पष्ट कर दिए। मैच के बाद, भारतीय टीम ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से साफ इंकार कर दिया। मोहसिन नकवी न केवल पीसीबी के चेयरमैन हैं, बल्कि पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं। भारतीय खिलाड़ियों ने यह स्पष्ट किया कि वे आतंकवादियों का समर्थन करने वाले व्यक्तियों से किसी भी तरह का संबंध नहीं रखना चाहते, न ही वे उनसे हाथ मिलाना चाहते हैं।
भारत ने यह भी कहा कि इस तरह के विवादित व्यक्तियों के हाथों से ट्रॉफी स्वीकार करना उनके सिद्धांतों के खिलाफ होगा। इसी वजह से प्रेजेंटेशन सेरेमनी 90 मिनट से भी अधिक देर से शुरू हुई।