मेज पर जूते रखकर महिला पहलवान साक्षी मलिक ने किया कुश्ती छोड़ने का ऐलान

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महिला पहलवान साक्षी मलिक ने एक बड़ा ऐलान किया है और ऐलान उनके कुश्ती से संन्यास लेने का है. दरअसल, रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) का चुनाव संपन्न होने के बाद और इन चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह की जीतने के बाद महिला पहलवान साक्षी मलिक ने ऐलान किया है.

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साक्षी मलिक ने किया कुश्ती को त्यागने का ऐलान 

महिला पहलवान साक्षी मलिक ने एक प्रेस कांफ्रेंस में रोते हुए ने कहा कि हम 40 दिनों तक सड़कों पर सोए और देश के कई हिस्सों से बहुत सारे लोग हमारा समर्थन करने आए. बूढ़ी महिलाएं आईं. ऐसे लोग भी आए, जिनके पास खाने-कमाने के लिए नहीं है. हम नहीं जीत पाए, लेकिन आप सभी का धन्यवाद. उन्होंने कहा कि हमने पूरे दिल से लड़ाई लड़ी, लेकिन WFI का अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का बिजनेस पार्टनर और करीबी सहयोगी संजय सिंह चुना जाता है तो मैं अपनी कुश्ती को त्यागती हूं. इस दौरान साक्षी ने अपने जूते उठाकर मेज पर रख दिए.

विनेश फोगाट हुई भावुक 

वहीं साक्षी मलिक के कुश्ती से संन्यास के ऐलान के बाद विनेश फोगाट भावुक हो गईं  और इस दौरान उन्होंने कहा कि यह वास्तव में दुखद है कि हमने लड़ने की कोशिश की, लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके. मुझे नहीं पता कि न्याय कैसे मिलेगा, हमने न्याय के लिए आवाज उठाने वाले हर व्यक्ति तक पहुंचने की कोशिश की. मैं युवा एथलीटों से कहना चाहती हूं कि अन्याय का सामना करने के लिए तैयार रहें. कुश्ती का भविष्य अंधकार में है.

 

वहीं बजरंग पूनिया ने कहा, खेल मंत्रालय ने वादा किया था कि फेडरेशन में डब्ल्यूएफआई से अलग का कोई कोई आदमी आएगा। जिस तरह पूरे तंत्र ने काम किया उससे मुझे नहीं लगता कि बेटियों को न्याय मिलेगा। हमारे देश में कोई न्याय नहीं बचा है वह केवल कोर्ट में मिलेगा, हमने जो लड़ी लड़ी आने वाली पीढ़ी को और लड़नी पड़ेगी। सरकार ने जो वादा किया पूरा नहीं किया.

ओलिंपिक में जीता था मेडल 

आपको बता दें, 31 साल की साक्षी मलिक भारत के लिए 2016 रियो ओलिंपक में 58 किलो भारवर्ग में ब्रांज मेडल जीता था और वह भारत की तरफ से महिला कुश्ती में ओलिंपिक में मेडल जीतने वाली पहली खिलाड़ी बनीं थीं। इसके अलावा उन्होंने 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था जबकि 2018 में ब्रांज जबकि 2014 में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने चार बार देश का नाम रोशन किया था और मेडल जीतने में सफलता हासिल की थी.

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