Harjas Singh Triple Century: ऑस्ट्रेलिया में घरेलू क्रिकेट खेलते हुए एक भारतीय मूल के युवा बल्लेबाज ने कुछ ऐसा कर दिखाया, जो अब तक सिर्फ कल्पना में ही मुमकिन लगता था। हम बात कर रहे हैं हरजस सिंह की, जिन्होंने 50 ओवर के मैच में तिहरा शतक ठोक कर क्रिकेट की दुनिया में तहलका मचा दिया है।
हरजस ने 141 गेंदों पर 314 रन ठोक दिए, जिसमें उन्होंने 35 छक्के और कई चौके भी जड़े। यह पारी ना सिर्फ उनकी काबिलियत की मिसाल है, बल्कि क्रिकेट के लिमिटेड ओवर्स फॉर्मेट में भी एक नया इतिहास बन गई है।
50 ओवर के मैच में पहली ट्रिपल सेंचुरी! Harjas Singh Triple Century
हरजस सिंह की यह पारी न्यू साउथ वेल्स प्रीमियर फर्स्ट-ग्रेड क्रिकेट के मुकाबले में आई, जहां उन्होंने वेस्टर्न सबर्ब्स क्लब की ओर से खेलते हुए सिडनी क्रिकेट क्लब के खिलाफ यह धमाका किया। इससे पहले इस ग्रेड में फिल जैक्स (321) और दिग्गज विक्टर ट्रंपर (335) जैसे बड़े नाम ट्रिपल सेंचुरी बना चुके हैं, लेकिन उन्होंने ये उपलब्धि फर्स्ट क्लास क्रिकेट में पाई थी।
हरजस की पारी की खास बात यह रही कि ये 50 ओवर के फॉर्मेट में खेली गई पहली ट्रिपल सेंचुरी थी। यानी वनडे जैसे लिमिटेड ओवर गेम में इससे पहले किसी बल्लेबाज ने इतने रन नहीं बनाए।
गेंदबाजों की कर दी धज्जियां
हरजस के सामने जो भी गेंदबाज आया, वह मानो सिर्फ गेंद फेंकने आया था, विकेट लेने नहीं। 35 छक्कों के साथ उन्होंने मैदान के हर कोने में बॉल पहुंचाई। यह पारी इतनी धमाकेदार थी कि जिसने भी देखी, वो तारीफ करते नहीं थका। ये सिर्फ एक पारी नहीं थी, बल्कि एक घोषणा थी कि हरजस सिंह आने वाले समय में क्रिकेट का बड़ा नाम हो सकते हैं।
भारत से हैं गहरी जड़ें
हरजस सिंह भले ही ऑस्ट्रेलिया में पैदा हुए हों, लेकिन उनकी जड़ें भारत के चंडीगढ़ से जुड़ी हैं। उनके माता-पिता साल 2000 में ऑस्ट्रेलिया शिफ्ट हो गए थे। उनके पिता इंद्रजीत सिंह एक स्टेट लेवल बॉक्सिंग चैंपियन रह चुके हैं और मां स्टेट लॉन्ग जंपर थीं। खेल उनके खून में है, और हरजस ने इस विरासत को क्रिकेट के जरिए आगे बढ़ाया।
वह महज 8 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहे हैं और अपने स्किल्स से लगातार सबको प्रभावित कर रहे हैं।
भारत के खिलाफ पहले ही कर चुके हैं कमाल
हरजस का नाम पहले भी सुर्खियों में आ चुका है। 2024 अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल में उन्होंने भारत के खिलाफ शानदार 55 रन की पारी खेली थी। उस मैच में भी वह ऑस्ट्रेलिया के एकमात्र बल्लेबाज थे जिन्होंने अर्धशतक लगाया था। उसी पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 79 रन से हराकर ट्रॉफी अपने नाम की थी।