Haryana vs Punjab: भारत के दो उत्तरी राज्य, हरियाणा और पंजाब, भारतीय खेलों में हमेशा से ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। ये दोनों राज्य न केवल अपनी खेल संस्कृति के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि ओलंपिक जैसे बड़े मंच पर भी उन्होंने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। हरियाणा और पंजाब, जो कुल मिलाकर देश की जनसंख्या का महज 4.4% हिस्सा हैं, ओलंपिक खेलों में भारत के लिए सबसे अधिक मेडल लाने वाले राज्य बन चुके हैं। पेरिस ओलंपिक्स 2024 के लिए भारत की जो 117 सदस्यीय टीम बनाई गई थी, उसमें हरियाणा से 24 और पंजाब से 19 एथलीट शामिल थे, जो कुल भारतीय दल का 36.75% हिस्सा बनाते हैं। यह आंकड़ा इन दोनों राज्यों की खेलों में अहम भूमिका को स्पष्ट करता है। ऐसे में सवाल उठता है कि हरियाणा और पंजाब में से कौन ज्यादा खेल प्रतिभाएं पैदा करता है?
हरियाणा: ओलंपिक के स्टार प्रोड्यूसर- Haryana vs Punjab
हरियाणा को भारतीय खेलों की राजधानी कहा जा सकता है, खासकर कुश्ती, मुक्केबाजी और शूटिंग में इस राज्य ने खुद को एक ताकतवर खिलाड़ी के रूप में साबित किया है। हरियाणा के एथलीटों ने न केवल भारत को ओलंपिक में मेडल दिलाए हैं, बल्कि उन्होंने दुनिया भर में अपनी प्रतिभा का लोहा भी मनवाया है। 2020 के टोक्यो ओलंपिक्स में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने वाले नीरज चोपड़ा, जो हरियाणा के पानीपत जिले से आते हैं, ने कहा था, “यहां की मिट्टी में कुछ खास है, जो ओलंपियन तैयार करती है।” नीरज के साथ ही रवि कुमार दहिया (कुश्ती में सिल्वर) और बजरंग पुनिया (कुश्ती में ब्रॉन्ज) ने भी हरियाणा के गांवों से आकर अपने खेलों में मेडल जीते।
हरियाणा ने अब तक कुल 14 व्यक्तिगत ओलंपिक मेडल जीते हैं, जिनमें से चार मेडल हरियाणा से ही आए थे। इनमें विजेंदर सिंह (बॉक्सिंग), सायना नेहवाल (बैडमिंटन), योगेश्वर दत्त (कुश्ती) और साक्षी मलिक (कुश्ती) जैसे दिग्गज शामिल हैं। यही नहीं, हाल ही में पेरिस ओलंपिक 2024 में हरियाणा के खिलाड़ियों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। इस बार भी हरियाणा के एथलीटों ने कुल छह खेलों में भाग लिया और 4 मेडल जीते। इनमें से नीरज चोपड़ा ने जैवलिन में सिल्वर, मनु भाकर ने शूटर के तौर पर ब्रॉन्ज, सरबजोत ने मनु भाकर के साथ शूटर के तौर पर ब्रॉन्ज और अमन सहरावत ने कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीते। वहीं हॉकी टीम ने भी ब्रॉन्ज मेडल जीता, जिसमें हरियाणा के 3 खिलाड़ी – संजय, अभिषेक और सुमित – शामिल थे।
पंजाब: हॉकी की राजधानी
पंजाब का भी भारतीय खेलों में अहम योगदान रहा है, विशेष रूप से हॉकी में। ओलंपिक 2020 में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 वर्षों बाद कांस्य पदक जीता, जिसमें 10 खिलाड़ी पंजाब से थे, जिनमें से कप्तान मनप्रीत सिंह थे। इस टीम का प्रदर्शन भारतीय हॉकी के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ, क्योंकि यह 41 साल बाद भारत को हॉकी में ओलंपिक पदक दिलाने में सफल रही। पंजाब के जालंधर और अमृतसर जिलों ने सबसे अधिक ओलंपियन तैयार किए हैं।
पंजाब में हॉकी को बहुत पसंद किया जाता है और यह राज्य में बच्चों के लिए सबसे लोकप्रिय खेल है। यहां के कई छोटे शहरों में भी एस्ट्रोटर्फ मैदान पाए जाते हैं, जिससे खिलाड़ियों को उच्चतम स्तर की प्रैक्टिस मिलती है। इसके अलावा, जिला स्तर पर होने वाली प्रतियोगिताएं, जैसे अंडर-12 से लेकर सीनियर तक, खिलाड़ियों को राष्ट्रीय कैंप में जगह बनाने के लिए तैयार करती हैं। पंजाब ने हमेशा से ओलंपिक में हॉकी में अच्छा प्रदर्शन किया है और भारत को 12 ओलंपिक हॉकी मेडल्स (जिसमें 8 गोल्ड शामिल हैं) दिलाए हैं। यही कारण है कि ओलंपिक हॉकी टीम में अधिकांश खिलाड़ी पंजाब से आते हैं।
पेरिस पैरालंपिक 2024 में हरियाणा का दबदबा
पेरिस पैरालंपिक 2024 में भी हरियाणा का दबदबा रहा। भारत ने कुल 29 पदक जीते, जिनमें 7 स्वर्ण, 9 रजत और 13 कांस्य पदक शामिल थे। हरियाणा के खिलाड़ियों ने इस बार कुल 8 मेडल जीते, जिनमें 5 स्वर्ण और 3 रजत शामिल हैं। खास बात यह है कि भारत को मिले 7 स्वर्ण में से 5 स्वर्ण हरियाणा के खाते में गए। यह पेरिस पैरालंपिक में हरियाणा के खेलों में योगदान को और भी महत्वपूर्ण बनाता है।
हरियाणा और पंजाब का खेलों में योगदान
पेरिस ओलंपिक्स 2024 में हरियाणा और पंजाब के एथलीटों ने फिर से अपनी मौजूदगी साबित की है। हरियाणा की पहलवानी, मुक्केबाजी, शूटिंग और हॉकी में प्रमुख भूमिका रही है। इस बार भी भारतीय कुश्ती टीम में सभी छह पहलवान हरियाणा से हैं, जबकि छह में से चार मुक्केबाज भी हरियाणा से हैं। शूटिंग में हरियाणा और पंजाब के पास छह-छह शूटर हैं। हॉकी में भारत की टीम में 19 खिलाड़ी हैं, जिनमें से 10 खिलाड़ी पंजाब से हैं।
पंजाब में हॉकी का दीवाना माहौल है, और यहां के ग्रामीण इलाकों में इस खेल को बहुत बढ़ावा मिलता है। जालंधर और अमृतसर जैसे जिले हर साल ओलंपिक खिलाड़ियों की बड़ी संख्या का योगदान देते हैं। इसके अलावा, 2008 के बीजिंग ओलंपिक्स में भारत के लिए मुक्केबाजी में पहला मेडल जीतने वाले विजेंदर सिंह की सफलता ने भिवानी जिले में मुक्केबाजी का एक नया क्रांति शुरू किया, जहां अब कई बॉक्सिंग अकादमियां हैं।
हरियाणा बनाम पंजाब – खेलों में कौन बेहतर है?
भारत के दो सबसे खेल-केंद्रित राज्य, हरियाणा और पंजाब, ने देश को ओलंपिक जैसे प्रतिष्ठित मंच पर कई उपलब्धियाँ दी हैं। दोनों राज्यों की अपनी-अपनी ताकतें हैं और खेलों में योगदान भी महत्वपूर्ण है, लेकिन अगर हम इनकी कुल खेल संस्कृति, ऐतिहासिक प्रदर्शन और विविधता पर ध्यान दें, तो यह स्पष्ट होता है कि हरियाणा ने भारतीय खेलों को अधिक व्यापक और स्थायी योगदान दिया है।
हरियाणा में खेलों की एक मजबूत परंपरा है, खासकर कुश्ती, मुक्केबाजी और शूटिंग के क्षेत्र में। नीरज चोपड़ा जैसे गोल्ड मेडलिस्ट से लेकर साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया जैसे कुश्ती के सितारे, इस राज्य ने ओलंपिक में बड़ी सफलता प्राप्त की है। इसके अलावा, हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में कड़ी मेहनत और समर्पण की मानसिकता को देखकर इसे “खेलों का गढ़” कहा जाता है। हरियाणा की पहलवानी, मुक्केबाजी और शूटिंग में नेतृत्व क्षमता ने इसे भारतीय ओलंपिक इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया है।
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