IND vs ENG: इंग्लैंड की पिचों पर बल्लेबाजी करना हमेशा से ही बल्लेबाजों की परीक्षा लेने वाला रहा है। यहां की सीमिंग और स्विंगिंग परिस्थितियां दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों को भी परेशान कर देती हैं। ऐसे में अगर कोई खिलाड़ी इन हालातों में दोहरा शतक जड़ दे, तो वह किसी जंग जीतने से कम नहीं होता। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अब तक केवल तीन ही बल्लेबाज ऐसे रहे हैं जिन्होंने इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक लगाया है। इस खास क्लब में ताज़ा नाम है टीम इंडिया के युवा टेस्ट कप्तान शुभमन गिल का, जिन्होंने एजबेस्टन में 269 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली।
शुभमन गिल की एतिहासिक पारी- IND vs ENG
2025 की टेस्ट सीरीज में एजबेस्टन टेस्ट के दौरान शुभमन गिल ने इंग्लिश गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा दीं। दूसरे दिन 114\* रन से आगे खेलते हुए उन्होंने 387 गेंदों में 269 रन बनाए। यह न केवल उनका पहला दोहरा शतक था, बल्कि इंग्लैंड में किसी भी भारतीय बल्लेबाज का सर्वोच्च स्कोर भी बन गया। इस पारी के दौरान गिल ने पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन का 1990 में नॉटिंघम में बनाया गया 179 रनों का रिकॉर्ड तोड़ा, जो किसी भारतीय कप्तान का इंग्लैंड में सर्वश्रेष्ठ स्कोर था।
गिल की पारी तकनीकी समझ, धैर्य और आक्रामकता का बेहतरीन संगम थी। उन्होंने रविंद्र जडेजा के साथ 203 रनों की अहम साझेदारी निभाई और फिर वॉशिंगटन सुंदर के साथ टीम के स्कोर को 500 के पार पहुंचाया। यह पारी भारतीय टीम को मजबूत स्थिति में ले आई और टेस्ट में भारत की पकड़ को मजबूत किया।
सुनील गावस्कर की बेमिसाल चौथी पारी
अगर बात की जाए इंग्लैंड में दोहरा शतक जड़ने वाले पहले भारतीय की, तो नाम आता है महान सुनील गावस्कर का। 1979 में ओवल टेस्ट की चौथी पारी में उन्होंने 221 रन बनाए थे। भारत को उस मैच में जीत के लिए 438 रनों की जरूरत थी। गावस्कर ने चेतन चौहान के साथ मिलकर 213 रनों की ओपनिंग साझेदारी कर मैच में रोमांच भर दिया। 443 गेंदों की इस पारी में उन्होंने 21 चौके लगाए और भारत को 304/1 तक पहुंचाया।
हालांकि टी ब्रेक के बाद गावस्कर के आउट होते ही भारतीय पारी लड़खड़ा गई और टीम 429/8 पर सिमट गई। मुकाबला ड्रॉ रहा, लेकिन गावस्कर की यह पारी भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे शानदार चौथी पारियों में से एक मानी जाती है।
राहुल द्रविड़ का क्लासिक अंदाज़
इंग्लैंड में दोहरा शतक जड़ने वाले दूसरे भारतीय बने थे “द वॉल” राहुल द्रविड़, जिन्होंने 2002 में ओवल टेस्ट में 217 रनों की यादगार पारी खेली थी। उन्होंने यह पारी 468 गेंदों में 28 चौकों की मदद से खेली और लगभग 11 घंटे तक क्रीज पर डटे रहे। भारत की टीम उस समय इंग्लैंड के 515 रनों के जवाब में खेल रही थी।
द्रविड़ ने इस पारी में सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण के साथ महत्वपूर्ण साझेदारियां कीं। खास तौर पर लक्ष्मण के साथ पांचवें विकेट के लिए बनी साझेदारी ओवल टेस्ट में भारत के लिए एक रिकॉर्ड बनी। बारिश के कारण मैच ड्रॉ हो गया, लेकिन द्रविड़ की पारी को टेस्ट क्रिकेट की सबसे धैर्यशील पारियों में गिना जाता है।