IND W vs AUS W: भारत और ऑस्ट्रेलिया की महिला टीमों के बीच रविवार को विशाखापत्तनम के एसीए-वीडीसीए स्टेडियम में खेले जाने वाले मुकाबले से पहले एक बेहद खास और ऐतिहासिक पल सामने आया। महिला क्रिकेट में शानदार योगदान देने वाली दो भारतीय खिलाड़ियों मिताली राज और रावी कल्पना के नाम पर स्टेडियम में एक स्टैंड और एक गेट का नाम रखा गया।
यह फैसला केवल एक सम्मान नहीं, बल्कि एक मजबूत संदेश है कि भारतीय महिला क्रिकेट अब हाशिये से निकलकर सम्मान के केंद्र में आ चुका है।
दिग्गजों की मौजूदगी में हुआ अनावरण- IND W vs AUS W
इस ऐतिहासिक मौके पर कई बड़ी हस्तियों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। इसमें आईसीसी अध्यक्ष जय शाह, बीसीसीआई अध्यक्ष मिथुन मन्हास, बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया, आंध्र प्रदेश सरकार के मंत्री नारा लोकेश, खुद मिताली राज, और एसीए अध्यक्ष केसिनेनी शिवनाथ (जो विजयवाड़ा से सांसद भी हैं) शामिल थे।
कार्यक्रम के दौरान माहौल बेहद भावुक और गर्व से भरा रहा। जहां एक ओर मिताली को सम्मानित किया गया, वहीं कल्पना जैसे खिलाड़ी, जिन्होंने घरेलू क्रिकेट को मज़बूत किया, उन्हें भी भुलाया नहीं गया।
स्मृति मंधाना की अपील ने दिलाई मिताली को ये पहचान
इस सम्मान के पीछे भारतीय टीम की स्टार ओपनर स्मृति मंधाना की एक अहम भूमिका रही। अगस्त 2025 में ‘ब्रेकिंग बाउंड्रीज’ नामक कार्यक्रम में मंधाना ने मंत्री नारा लोकेश से आग्रह किया था कि मिताली राज जैसी खिलाड़ी, जिन्होंने महिला क्रिकेट को एक नई पहचान दी, उनके नाम पर स्टैंड होना चाहिए।
मंधाना का मानना था कि इससे आने वाली पीढ़ी की लड़कियों को प्रेरणा मिलेगी कि क्रिकेट उनके लिए भी एक बड़ा करियर ऑप्शन हो सकता है।
इस अपील को गंभीरता से लेते हुए नारा लोकेश ने तुरंत एसीए से बातचीत की और कुछ ही दिनों में फैसला पास करवा लिया। ये तेजी से लिया गया निर्णय महिला खिलाड़ियों के प्रति एक नया दृष्टिकोण दर्शाता है।
मिताली राज: रिकॉर्ड्स की रानी
मिताली राज का करियर किसी प्रेरणादायक फिल्म से कम नहीं रहा। उन्होंने 2022 में क्रिकेट को अलविदा कहा, लेकिन उनके नाम आज भी महिला वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड है।
23 साल लंबे करियर में मिताली ने न केवल भारत का नाम रोशन किया, बल्कि दुनिया भर में महिला क्रिकेट को एक नई पहचान भी दी। उनके नाम पर स्टैंड होना, सिर्फ सम्मान नहीं, एक ऐतिहासिक दस्तावेज है।
रावी कल्पना: जिनकी प्रेरणा से निकली नई पीढ़ी
वहीं, रावी कल्पना ने भले ही भारत के लिए सिर्फ 7 वनडे खेले हों, लेकिन उनका योगदान आंध्र की महिला क्रिकेट में काफी बड़ा रहा है। अरुंधति रेड्डी, एस. मेघना और एन. श्री चरणी जैसी कई उभरती क्रिकेटर्स के लिए कल्पना एक रोल मॉडल रही हैं।
स्टेडियम के गेट को उनके नाम पर रखना उन सभी घरेलू खिलाड़ियों के लिए भी सम्मान है जो इंटरनेशनल फेम नहीं पा सकीं, लेकिन ज़मीन पर मेहनत करके आने वालों के रास्ते आसान कर गईं।
महिला क्रिकेट को मिली नई ऊंचाई
बता दें, पहले से ही इस स्टेडियम में एमएसके प्रसाद और वेणुगोपाल राव जैसे पुरुष क्रिकेटर्स के नाम पर स्टैंड हैं। अब मिताली और कल्पना के नाम जुड़ने से यह संदेश साफ है महिला क्रिकेट अब साइड स्टोरी नहीं, मुख्य कहानी बन चुका है।
यह कदम भारतीय क्रिकेट में महिला खिलाड़ियों को बराबरी का दर्जा देने की दिशा में एक मजबूत और जरूरी पहल माना जा रहा है।