Who is Rajeev Shukla: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की नई कार्यकारिणी का गठन हो चुका है और कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला एक बार फिर उपाध्यक्ष के पद पर चुने गए हैं। यह नियुक्ति सिर्फ खेल संगठन का हिस्सा भर नहीं है, बल्कि राजनीति और क्रिकेट के संगम की एक अहम कड़ी भी है। शुक्ला इस नई कमेटी में इकलौते कांग्रेस से जुड़े सदस्य हैं, जबकि बाकी सदस्यों का झुकाव भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर है।
कौन हैं राजीव शुक्ला? (Who is Rajeev Shukla)
राजीव शुक्ला, उम्र 63 साल, ने अपने करियर की शुरुआत 1978 में पत्रकारिता से की थी। कानपुर से निकलकर उन्होंने “रविवार” पत्रिका के लिए कई चर्चित स्टोरीज़ कीं। वीपी सिंह के ज़मीन सौदों पर रिपोर्टिंग से उन्हें ख्याति मिली। इसी दौरान उनकी नज़दीकी राजीव गांधी और गांधी परिवार से बनी, जो आज भी कायम है। कहा जाता है कि शुक्ला की 10 जनपथ तक बेरोकटोक पहुंच है।

उनकी पत्नी अनुराधा प्रसाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की बहन हैं और एक मीडिया कंपनी बीएजी फिल्म्स की मालकिन हैं। शुक्ला खुद मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रह चुके हैं और फिलहाल राज्यसभा में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
BCCI में शुक्ला का सफर: पत्रकार से संकटमोचक तक
2000 में राज्यसभा सांसद बनने के साथ ही, शुक्ला ने खेल प्रशासन में भी कदम रखा। वे उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (UPCA) के प्रतिनिधि के तौर पर BCCI की बैठकों में शामिल होने लगे। यहीं से उनकी सक्रियता और पहुंच बढ़ती गई।
2005 में शरद पवार के अध्यक्ष बनने के बाद, शुक्ला BCCI के अनौपचारिक प्रवक्ता के रूप में उभरे। टीवी मीडिया में उनके पुराने अनुभव ने उन्हें इस भूमिका में खास बना दिया। वे लगातार मीडिया और सरकार के बीच सेतु का काम करते रहे।
दिल्ली में कांग्रेस सांसद होने के नाते उनकी प्रशासनिक पकड़ मजबूत रही, लेकिन BJP नेताओं से भी उनके अच्छे रिश्ते बने रहे। अरुण जेटली से उनकी नज़दीकियां खास तौर पर चर्चा में रही हैं। यही वजह है कि जब BJP सत्ता में आई, तब भी शुक्ला BCCI के संकटमोचक बने रहे।
उनके बारे में कहा जाता है कि चाहे कांग्रेस का शासन रहा हो या भाजपा का, राजीव शुक्ला सभी से मिल सकते हैं, और सभी की जरूरतों को समझते हुए समन्वय स्थापित कर सकते हैं। शुक्ला ने एक बार कहा था, “मेरे दोस्त गिनना मुश्किल है, लेकिन दुश्मन गिनना आसान, क्योंकि वो बहुत कम हैं।”
शरद पवार, डालमिया, श्रीनिवासन, अनुराग ठाकुर जैसे बड़े चेहरों के दौर में भी, शुक्ला लगातार BCCI में बने रहे। सभी अध्यक्षों के साथ उन्होंने काम किया और हर संकट की घड़ी में BCCI का चेहरा बने।
नई BCCI कमेटी: भाजपा का दबदबा, लेकिन शुक्ला बरकरार
BCCI की नई कार्यकारिणी में रोजर बिन्नी अध्यक्ष, जय शाह सचिव (गृह मंत्री अमित शाह के पुत्र), आशीष शेलार कोषाध्यक्ष, और देवाजीत सैकिया संयुक्त सचिव बनाए गए हैं। अरुण धूमल, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के भाई, और अभिषेक डालमिया, पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया के बेटे को IPL प्रतिनिधि नियुक्त किया गया है।
यह कमेटी राजनीतिक रूप से स्पष्ट रूप से BJP से जुड़ी दिखाई देती है, लेकिन इसके बावजूद राजीव शुक्ला का उपाध्यक्ष पद पर बना रहना उनकी स्वीकार्यता और रणनीतिक कुशलता का प्रमाण है।
कितने सदस्य हैं पूर्व क्रिकेटर?
नई कार्यकारिणी में रोजर बिन्नी इकलौते सदस्य हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला है। इसके अलावा, देवाजीत सैकिया ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला है और असम क्रिकेट एसोसिएशन में सक्रिय हैं। यानी कुल दो सदस्य ऐसे हैं जिनका प्रत्यक्ष खेल अनुभव रहा है।