आज मंगलवार है, महावीर का वार है, यह सच्चा दरबार है ।
सच्चे मन से जो कोई धयावे, उसका बेडा पार है ॥
चेत सुति पूनम मंगल का जनम वीर ने पाया है,
लाल लंगोट गदा हाथ में सर पर मुकुट सजाया है ।
शंकर का अवतार है, महावीर का वार है,
सच्चे मन से जो कोई धयावे, उसका बेडा पार है ॥
संकटमोचक हनुमान जी महाराज को कई नामों से जाना जाता है। क्योंकि हनुमान जी कलियुग के स्वामी है। वो महादेव रूद्र के 11वें अंश हैं। हनुमान जी सारा दिन राम जी की भक्ति में लीन रहते हैं। साथ ही जहां-जहां राम जी का नाम जपा जाता है, वहां हनुमान जी भी आ जाते है। हनुमान जी को बल, बुद्धि, विद्या के स्वामी कहा जाता है। जो भी साधक हनुमान जी का ध्यान करता है, उसके आस पास से नकरात्मक शक्तियां भाग जाती है। अगर साधक रोज उठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें तो उसे सभी संकटों से हनुमान जी मुक्त करते हैं।
आज हम आपको बतायेंगे, कि सुंदरकाण्ड का पाठ करने के क्या लाभ है, कैसे हनुमान जी भक्तों के सभी दुख-दर्द को दूर करते है। इस पाठ को करने से मन को शांति मिलती है। बतादें कि श्रीरामचरितमानस के सुंदरकाण्ड अध्याय में हनुमान जी महिमा का वर्णन किया गया है। रामायण में 7 भाग है, उसमें सुंदरकाण्ड रामायण का सबसे सुंदर और पवित्र भाग है।
सुंदरकाण्ड का पाठ मंगलवार और शनिवार को करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और हनुमान जी महाराज अपने भक्तों को सभी विपत्तियों से बचाते हैं।
सुंदरकाण्ड के पाठ के लाभ
- सुंदरकाण्ड का पाठ साधको को मन की शांति देता है। साथ ही मानसिक परेशानियों से भी मुक्ति देता है।
- गृह कलेश जैसे समस्याओं के लिए ये पाठ कारगर है।
- आप अगर किसी ऐसी जगह पर रहते हैं। जो काफी डरावनी हो सुनसान हो आप को किसी अनहोनी का खतरा या डर लगता हो तो उस स्थान पर सुंदरकाण्ड का पाठ रोजाना करना चाहिए। ऐसा करने से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।
- जिन लोगों को डरावने सपने आते है, या वह किसी कारण डरे रहते है, तो सुंदरकाण्ड के पाठ को जरूर करना चाहिए।
- जिन पर अधिक कर्ज है, और वह परेशान हैं। तो उन्होंने यह पाठ कर्ज मुक्ति में मदद करता है और उनके सारे संकट हरता है।
- अगर आपका बच्चा अपकी नहीं सुनता, गलत संगत का उसपर अधिक प्रभाव है, और वह माता पिता का अनादर करता है, तो उस घर के लिए भी यह पाठ काफी लाभदायक साबित होता है।
- शरीरिक या मानसिक रोग वाले व्यक्ति भी इस पाठ को जरूर करे।
- व्यवसाय में तरक्की, नौकरी में प्रमोशन के लिए भी ये पाठ काफी लाभकारी है।
- अगर आपके घर का कोई सदस्य किसी कारण बाहर किसी मुसीबत में फंस जाता है और आप सुंदरकाण्ड का पाठ करते हैं तो, हनुमान जी आपके घर के सदस्य की रक्षा करेंगे।
- सुंदरकाण्ड का पाठ जिस भी घर में होता है। उस घर में से सकारात्मक ऊर्जा निकलती, जिससे नकारात्मक ऊर्जा, भूत- प्रेत, बुरी शक्तियां, घर के आस पास भी नहीं भटकती।
- सुंदरकाण्ड के पाठ से बल-बुद्धि, विद्या, ज्ञान मिलता है, साथ ही हनुमान और श्रीराम का भी आशीर्वाद साधक को प्राप्त होता है।
पाठ करने से पहले ध्यान रखें कुछ बातें
- सुन्दरकाण्ड का पाठ करने से पहले स्नान आवश्य करें, साथ ही साफ सुथरे वस्त्र धारण करें।
- ये बात ध्यान रखें की सभी साधक सुंदरकाण्ड का पाठ सुबह 4 बजे के बाद करें, और दोपहर के 12 बजे के बाद इस पाठ को न करें।
- सुंदरकाण्ड का पाठ आरंभ करने से पहले, बजरंग बली की मूर्ति या फोटो रख कर, दीपक जलाएं, और ये ध्यान रहे की हनुमान जी की ज्योत बुझे नहीं।
- हनुमान जी को फल-लड्डू, गुड़ -चना या कोई भी मिष्ठान बहुत पसंद है। श्रद्धापूर्वक हनुमान जी को इसका भोग लगाए।
- सुन्दरकाण्ड का पाठ शुरू करने से पहले श्रीराम जी और हनुमान जी का आह्वान जरूरी करना चाहिए।
- जहां-जहां श्रीराम जी के कीर्तन होते हैं, हनुमान जी वहां खुद आ जाते हैं।
- सुंदरकाण्ड का पाठ करते वक्त किसी से बात न करें न ही पूजा बीच में छोड़ कर जाये।
- सुंदरकाण्ड समाप्त हो जाने के बाद भगवान जी की आरती करना न भूले।
सुंदरकांड की इन चौपाईयों का जाप करने से होगा लाभ
अतुलित बल धाम हेम शैलाभदेहं
दनुज वनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम
सकल गुण विधानं वानराणाम धीशं
रघुपति प्रिय भक्तं वातजातं नमामि।
इस चौपाई के जाप से बल-बुद्धि मिलती है, और सभी कार्य सिद्ध हो जाते है।
- ऊं गं गणपतयै नम:
- बुद्धिहीन तनु जानि के सुमिरो पवन कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मम हरो क्लेश विकार।।
जो छात्र गणेश जी के इस मंत्र, और हनुमान जी की चौपाई को प्रतिदिन पढ़ता है। तो वह परिक्षा में कभी फेल नहीं होता।
‘‘हरि मर्कट मर्कट वाम करे परिमुर्चात मुंचत्ति शृंखलिकाम’’
इस चौपाई को पढ़ने से व्यक्ति कितने भी कठिन बंधन में बंधा हो वो छुट जाता है।
ऊं नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्व शत्रु संहारणाम
सर्वरोग हराय सर्ववशीकरण रामदूताय स्वाह।
और ऊं नमो भगवते हनुमदाख्यात रुद्राय सर्वदुष्टजन
मुखस्तंभनहुरु कुरु स्वाहा
इसका प्रतिदिन जाप करने से साधक को जीत प्राप्त होती है, चुनाव, इन्टरव्यू, मुकद्दमा, में उसे विजय मिलती है।
1 विश्व भरण पोषण कर जोई। ताकर नाम भरत अस होई।।
2 कवन सो काज कठिन जग माही। जो नहीं होई तात तुम्ह पाही।।
हनुमान जी की इस चौपाई का पाठ करने से, व्यापार और व्यवसाय में तरक्की होती है। और व्यक्ति को नौकरी में प्रमोशन मिलता है।
ऊं हुं हुं हनुमतये फट्
हौं हस्फ्रें ख्फ्रें हस्त्रों हस्खफ्रें हृसौं हनुमते नम:
ऊं पवन नन्दनाय स्वाहा
ऊं हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट
ऊं हृां सर्वदुष्ट ग्रह निवारणाय स्वाहा
चौपाईयों के साथ-साथ इस मंत्र का जाप करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। साथ ही हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।