चार देशों की यात्रा के क्रम में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज रविवार देर रात इटली पहुंच चुकी हैं। सुषमा की योजना फ्रांस, लग्जमबर्ग, इटली और बेल्जियम दौरे की है। उनकी इस यात्रा का उद्देश्य भारत के साथ यूरोपीय देशों की कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करना है। यहां वो इटली के प्रधानमंत्री गुइसेप कोंटे और अपने समकक्ष एन्जो मोवावेरो मिलानेसी से भी मुलाकात करेंगी। जिसके बाद वह 18-19 जून को फ्रांस जाएंगी। अपने फ्रांस दौरे के बाद वह 19-20 जून को लग्जमबर्ग और फिर वही से 20-23 जून को बेल्जियम के लिए रवाना होंगी।
रविवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक ट्वीट कर कहा था कि ‘यूरोप के साथ संबंधों को प्रगाढ़ बनाने की पहल के तहत विदेश मंत्री सुषमा स्वराज 17 से 23 जून तक चार देश इटली, फ्रांस, लग्जमबर्ग और बेल्जियम की यात्रा पर रवाना हुईं हैं।’ आपको बता दें, इससे पहले भी विदेश मंत्रालय ने कहा था 17 से 23 जून की उनकी इस यात्रा का उद्देश्य है कि राजनीतिक नेतृत्व के साथ क्षेत्रीय, द्विपक्षीय और वैश्विक के ऊपर बातचीत करना है। साथ ही यूरोपीय संघ की कूटनीतिक संबंधों को भी मजबूत करना है।
आपको बता दें कि, विदेश मंत्री का यह पहला इटली का दौरा है। इटली पहुंच चुकी सुषमा वहां पर इटली के प्रधानमंत्री और अन्य कई नेताओं के साथ मुलाकात करेंगी। गुइसेप कोंटे द्वारा इटली के प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभालने के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली और बड़ी राजनीतिक वार्ता होगी। इटली के बाद सुषमा 18-19 जून को फ्रांस जाएंगी। फ्रांस दौरे के बाद 19-20 जून को लग्जमबर्ग के लिए और फिर 20-23 जून को बेल्जियम के लिए रवाना होंगी। बेल्जियम यात्रा के दौरान सुषमा ब्रसेल्स में स्वराज यूरोपीय यूनियन के बड़े नेताओं के साथ भी मुलाकात करेंगी। जिस दौरान वहां पर दोनों पक्ष लंबे समय से अटके हुए ईयू-भारत मुक्त व्यापार के समझौते की बाधाओं को दूर करने पर सलाह मशविरा करेंगे। बता दें कि ब्रसेल्स, बेल्जियम देश की राजधानी है और साथ ही यूरोपीय संघ की मानी हुई राजधानी भी है ।
साथ ही अपनी सामरिक साझेदारी को लेकर भारत और फ्रांस अपनी 20वीं सालगिरह मना रहे हैं। बता दें, रविवार को सुषमा स्वराज के दौरे पर रवाना होने के बाद आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा उनकी इस यात्रा पर तंज कसते हुए एक ट्वीट किया है कि ‘मैडम, वापसी आते वक्त अचानक PM मोदी जी की तरह पाकिस्तान भी होती आना,आते आते एक के बदले 10 सर भी लेते आना… विपक्ष से सत्ता में आते ही नेता कितना बदल जाता है… यह BJP के नेताओं ने साबित कर दिया है’।