इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में अब मृतक आश्रित कोटे को लकेर बड़ी छूट मिलेगी। दरअसल, एक जारी आदेश के मुताबिक परिषदीय विद्यालयों में अब मृतक आश्रित कोटे में बिना परीक्षा सीधे नौकरी दी जाएगी। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने इस मामले में आदेश जारी कर दिया है और इसकी घोषणा भी कर दी है।
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद रूबी सिंह की ओर से जारी पत्र के मुताबिक उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन संचालित विद्यालयों, कार्यालयों में कार्यरत अध्यापकों, शिक्षणेतर कर्मचारियों के आश्रितों को सीधे नियुक्ति दी जाएगी। पूरी प्रक्रिया पर गौर करें तो परिषदीय विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर संबंधित पद की योग्यता प्रशिक्षण एवं टीईटी-सीटीईटी पास होने पर इन आश्रितों को सीधे नियुक्ति मिलेगी। इन लोगों शिक्षक भर्ती परीक्षा में आवेदन नहीं करना होगा।
रूबी सिंह के पत्र में ये कहा गया है कि सहायक अध्यापक नियुक्त किए जाने के संबंध में लंबी पूछताछ की जाती है। पत्र में लिखा गया कि बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रण वाले संचालित विद्यालयों, कार्यालयों में कार्यरत अध्यापक, शिक्षणेतर कर्मचारियों के आश्रितों को परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक नियुक्त किए जाने के दौरान ऐसा किया जाता है। उन्हें परिषदीय विद्यालयों के लिए होने वाली भर्ती परीक्षा में शामिल होना पड़ता है। परीक्षा में शामिल नहीं होने पर पद की योग्यता के बावजूद चतुर्थ श्रेणी के पद पर उन्हें नियुक्ति होने का प्रस्ताव दिया जाता है।
इसे लेकर पत्र में लिखा गया कि अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के अनुसार निर्धारित शैक्षिक एवं प्रशिक्षण योग्यता तो होनी ही चाहिए। इसके अलवा नियम-14 में ये स्पष्ट रूप से बताया गया है कि अर्ह होने पर अभ्यर्थी को भर्ती परीक्षा पास करना जरूरी नहीं। सचिव ने अपने आदेश में ये भी कहा कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में निर्धारित योग्यता, प्रशिक्षण योग्यता के आधार पर सेवायोजन के लिए अगर आवेदन किया गया तो ऐसे में भर्ती के सामान्य नियमों, प्रक्रिया को शिथिल करते हुए परिषदीय सेवा में नौकरी देने के बारे में सोचा जा सकता है।