मुंबई। पांच राज्यों के विधानसभा परिणामों का असर आने वाले हफ्तों में घरेलू स्टाक एक्सचेंज पर भी दिखाई देगा। हाल ही में आए महंगाई के आंकड़ों और ब्याज दरों को लेकर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के निर्णय का असर भी बाजार पर हावी रहेगा।
गौरतलब है कि 11 मार्च को आए परिणामों में देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में बीजेपी की जबरदस्त जीत हुई है। जिसके बाद मोदी सरकार के हाथ और मजबूत हुए हैं और अब उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र सरकार को अपनी नीतियों को आगे बढ़ाने में आसानी होगी। मणिपुर और गोवा में कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है, लेकिन पूर्ण बहुमत ना मिलने से वहां बीजेपी की उम्मीदें अभी भी बरकरार हैं। जबकि पंजाब में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला है।
खुदरा महंगाई और थोक महंगाई के आंकड़े मंगलवार को आने हैं और विश्लेषकों का कहना है कि इस बार खाद्य महंगाई में भी बढ़ोतरी देखी जा सकती है। अमेरिका में फेडरल रिजर्व की दो दिनों की बैठक 14 मार्च को शुरू होगी। माना जा रहा है कि ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा सकती है। यदि फेड दरें बढ़ाता है तो इसका असर बाजार पर दिखेगा।
पिछले हफ्ते बीएसई का सेंसेक्स 113.78 अंक बढ़कर हफ्ते के आखिरी में 28,946.23 अंक पर रहा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 37 अंक फिसलकर 8,934.55 अंक पर बंद हुआ। इससे पहले के सप्ताह में शेयर बाजार में गिरावट रही थी।
पिछले हफ्ते दिग्गज कंपनियों में लिवाली के बीच छोटी और मझौली कंपनियों में निवेश धारणा कमजोर रही। बीएसई का मिडकैप 0.32 फीसदी यानी 43.45 अंक की साप्ताहिक गिरावट के साथ 13,365.59 अंक पर और स्मॉलकैप 0.11 फीसदी यानी 15.21 अंक लुढ़ककर 13,604.96 अंक पर आ गया।
जीएसटी परिषद द्वारा सीजीएसटी और आईजीएसटी के प्रारूप को मंजूरी मिलने के बाद हफ्ते के पहले दिन सेंसेक्स में 215.74 अंक की बढ़त रही। ग्लोबल दबाव में मंगलवार और बुधवार को सेंसेक्स कुल मिलाकर 145 अंक लुढ़क गया। गुरुवार और शुक्रवार को मामूली तेजी के साथ सप्ताहांत पर यह 28,946.23 अंक पर बंद हुआ।