Plutonium on Nanda Devi: आप शायद हिरोशिमा पर गिराए गए एटम बम के बारे में जानते होंगे, है ना? जो आज भी जापान के हिरोशिमा के लिए खतरा बना हुआ हैं। ठीक इसी तरह, 1960 के दशक में नंदा देवी पहाड़ पर CIA का खोया हुआ न्यूक्लियर डिवाइस आज भी जियोलॉजिस्ट और सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। जो कि कई गंभीर बीमारी का कारण बन सकता हैं।
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बर्फीले तूफ़ान की वजह से मिशन को छोड़ा
1965 में, कोल्ड वॉर (Cold War) के दौरान, यूनाइटेड स्टेट्स (CIA) और भारत (IB) ने चीन के न्यूक्लियर टेस्ट पर नज़र रखने के लिए नंदा देवी की चोटी पर एक SNAP (Systems for Nuclear Auxiliary Power) जनरेटर लगाने की कोशिश की। इस डिवाइस में प्लूटोनियम-238 की रॉड थीं। एक ज़बरदस्त बर्फीले तूफ़ान की वजह से मिशन को छोड़ना पड़ा। जब टीम अगले साल वापस आई, तो डिवाइस गायब था। माना जाता है कि वह बर्फ में दब गया था या हिमस्खलन में बह गया था।
गंगा को कैसे – क्या खतरा है?
नंदा देवी ग्लेशियर से निकलने वाली नदियाँ आखिरकार गंगा नदी की सहायक नदियों (ऋषिगंगा और धौलीगंगा) में मिल जाती हैं। वही प्लूटोनियम (Plutonium)-238 की हाफ-लाइफ लगभग 88 साल होती है। अगर रेडियोएक्टिव पदार्थ (Radioactive substances) वाला कैप्सूल समय के साथ खराब होकर टूट जाता है, तो प्लूटोनियम पानी में मिल सकता है।
वही अगर यह रेडियोएक्टिव (Radioactive) पदार्थ अलकनंदा नदी (Alaknanda River) और फिर गंगा की मुख्य धारा में मिल जाता है, तो यह लाखों लोगों के पीने के पानी और खेती को प्रभावित कर सकता है। प्लूटोनियम बहुत ज़हरीला होता है और कैंसर का कारण बन सकता है। जलवायु परिवर्तन (Climate change) के कारण ग्लेशियर तेज़ी से पिघल रहे हैं। इससे दबे हुए डिवाइस के बाहर निकलने या टूटने की संभावना बढ़ जाती है।
वर्तमान स्थिति और सुरक्षा
आपको बता दें, भारत सरकार और परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) समय-समय पर उस क्षेत्र के पानी और तलछट (sediment) के नमूने लेते रहते हैं। अभी तक किसी भी असामान्य रेडियोधर्मिता (Radioactivity) के पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं।
प्लूटोनियम को एक खास डिज़ाइन किए गए, मज़बूत कैप्सूल में सील किया गया था जो बहुत ज़्यादा दबाव और ठंड को झेल सकता था। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह अभी भी सही सलामत हो सकता है। इसके अलावा, नंदा देवी इलाका इतना दूर और दुर्गम है कि डिवाइस को ढूंढना “भूसे के ढेर में सुई ढूंढने” जैसा होगा।

