नई दिल्ली। वियतनाम के राष्ट्रपति त्रान दायी क्वांग इन दिनों भारत के दौरे पर हैं। शनिवार को पीएम मोदी से बातचीत के बाद दोनों लीडरों ने संयुक्त बयान में सीमा पार आतंकवाद समेत किसी भी प्रकार के आतंकवादी गतिविधियों की निंदा की। इस मामले में विदेश मंत्रालय ने एक दस्तावेज भी जारी किया, जिसमें दोनों देशों के बीच हुई बातचीत और समझौतों के बारे में बताया गया है। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की दिशा में भी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
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इस मौके पर वियतनाम के राष्ट्रपति त्रान ने परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण प्रयोग के उद्देश्य से रिएक्टर के निर्माण में भारत के सहयोग के लिए धन्यवाद किया। त्रान दायी क्वांग ने कहा कि हिंद एशिया प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि तभी आएगी, जब देश नौवहन की स्वतंत्रता की रक्षा करेंगे। उनका इशारा सीधा-सीधा चीन की तरफ था। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में भारत की स्थायी सदस्यता की वकालत करते हुए कहा कि वियतनाम क्षेत्रीय संपर्क और सहयोग व्यवस्था में दिल्ली की सक्रिय भागीदारी का स्वागत करता है।
इतना ही नहीं, भारत और वियतनाम के बीच द्विपक्षीय व्यापार को साल 2020 में बढ़ाकर 15 अरब डॉलर पहुंचाने का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में कदम उठाए गए हैं। दोनों देशों के संयुक्त बयान में कहा गया है कि इसी साल 2018 में दोनों देशों के बीच संयुक्त उप-आयोग की अगली बैठक होगी। ये बैठक वियतनाम की राजधानी हनोई में होनी है। इसके साथ ही वियतनाम और भारत के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग मजबूत करने पर सहमति हुई हैं।
बता दें कि इससे पहले शनिवार को अपने तीन दिवसीय यात्रा पर आए वियतनाम के राष्ट्रपति त्रान दायी क्वांग का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे। इससे बाद क्वांग ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से भी मुलाकात की। इसके अलावा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी क्वांग से मुलाकात की।