लखनऊ। यूपी विधानसभा में प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को ध्वस्त करने का आरोप लगाया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने एक प्रेस कॉंफ्रेंस के दौरान ये बात कही।
राजेन्द्र चौधरी ने योगी सरकार पर प्रदेश की सभी स्वास्थ परम्पराओं को ध्वस्त करने की साजिश का आरोप लगाया हैं। उन्होंने कहा कि इन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को समाप्त करने का काम किया हैं। बीजेपी ने युवाशक्ति का मनोबल गिराकर देश के नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी जिस रास्ते पर चल रही है वह देश के भविष्य को अंधेरे की गुफा में ले जा रहा हैं।
चौधरी ने कहा कि गत सात जून को लखनऊ विश्वविद्यालय में मुख्यमंत्री के आगमन पर विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितता के विरोध में अहिंसक प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं का विश्वविद्यालय से निष्कासन कर दिया गया। इस फैसले के विरोध में छात्र नेता कुलपति आवास पर कल भूख हड़ताल पर बैठे थे। पुलिस ने बर्बरतापूर्वक कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया, ये कहा का न्याय हैं।
सपा नेता ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से भूख हड़ताल कर रहे छात्रों में करूणेश द्विवेदी, विवेक सिंह बाबा, सूर्य प्रताप सिंह साईं, धीरज श्रीवास्तव, सतीश शर्मा समर, मनन दूबे, मयंक यादव, प्रेम यादव और अरविन्द यादव थे, जिनकी गिरफ्तारी हुई। उनका कहना था कि हमे विधानपरिषद सदसय सुनील यादव साजन और कुछ दूसरे गिरफ्तार छात्रों से मिलने नहीं दिया गया।
सपा नेता के मुताबिक उनका आरोप था कि गिरफ्तार छात्राओं के साथ जेल में अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। योगी सरकार अपने 90 दिन के कार्यकाल में ही छात्रों और नौजवानों का दमन कर रही हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था में शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन करने की छूट सभी को होती है, लेकिन जबसे योगी सरकार सत्ता में आई है, न्यायोचित आवाज उठाने वालों को जेल में डाला जा रहा है।
सपा नेता ने दावा करते हुए कहा कि प्रदेश में किसानों की घोर उपेक्षा हो रही है। चार किसान कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर चुके हैं। इन किसान परिवारों की योगी सरकार ने कोई सुध नहीं ली हैं।