Samosa-Jalebi Warnings News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में बढ़ते मोटापे की समस्या से निपटने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस कदम के तहत अब सिगरेट की तरह सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक संस्थानों में लोकप्रिय नाश्ते जैसे समोसा, कचौरी, पिज्जा, पकौड़े, बर्गर, चॉकलेट पेस्ट्री और अन्य खाद्य पदार्थों में मौजूद तेल और चीनी की मात्रा के बारे में जानकारी देने वाले पोस्टर और डिजिटल बोर्ड लगाए जाएंगे। यह निर्णय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए निर्देशों के तहत लिया गया है, जिसका उद्देश्य जनता को इन खाद्य पदार्थों में छिपे फैट और चीनी के बारे में जागरूक करना है।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बोर्ड लगाने का निर्णय- Samosa-Jalebi Warnings News
यह योजना केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा AIIMS समेत अन्य केंद्रीय संस्थानों को निर्देशित करने के बाद तैयार की गई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इन पोस्टरों और डिजिटल बोर्डों पर साफ तौर पर लिखा होगा कि रोज़ नाश्ता करते समय आप कितनी छिपी हुई चीनी और तेल की मात्रा ले रहे हैं। खास बात यह है कि यह पहली बार है जब जंक फूड पर तंबाकू जैसी चेतावनी देने की तैयारी की जा रही है। यह कदम, जो किसी समय में असाधारण प्रतीत होता, अब स्वास्थ्य संकट को गंभीरता से लेने का संकेत है।
बच्चों में बढ़ता मोटापा एक गंभीर समस्या
नागपुर के कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. अमर आमले का कहना है कि शक्कर और ट्रांस फैट्स आजकल नए तंबाकू के रूप में उभरे हैं। लोग यह जानने के हकदार हैं कि वे क्या खा रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, अनुमान है कि साल 2050 तक भारत में 44.9 करोड़ लोग मोटापे या ओवरवेट का शिकार हो जाएंगे, जिससे भारत अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर होगा। इसका सबसे बड़ा कारण खराब खानपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी है, खासकर बच्चों में बढ़ता मोटापा चिंता का विषय बन चुका है।
क्यों आवश्यक है शक्कर और फैट की जागरूकता?
वरिष्ठ डायबिटोलॉजिस्ट डॉ. सुनील गुप्ता का कहना है, “अगर लोगों को यह पता चले कि एक गुलाब जामुन में पांच चम्मच चीनी हो सकती है, तो शायद वे खाने से पहले दो बार सोचेंगे।” अधिक चीनी और ट्रांस फैट का सेवन डायबिटीज, हृदय रोग, और उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इसलिए यह कदम उठाना जरूरी था, ताकि लोग यह समझ सकें कि वे जो खा रहे हैं, उसमें कितनी मात्रा में हानिकारक तत्व हो सकते हैं।
जंक फूड और मोटापे के लिए सरकार की सख्त चेतावनी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब जंक फूड को तंबाकू की तरह गंभीर खतरे के रूप में देखने की दिशा में पहला कदम उठाया है। इस चेतावनी बोर्ड के जरिए लोगों को बताया जाएगा कि उनके पसंदीदा व्यंजन जैसे लड्डू, वड़ा पाव, पकौड़ा और समोसा में कितनी मात्रा में छिपा हुआ फैट और शक्कर हो सकता है। अब इन बोर्डों का प्रयोग सार्वजनिक स्थानों जैसे कैफे और सरकारी संस्थानों में किया जाएगा।
भारत में बढ़ता मोटापा और उसका प्रभाव
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंतरिक दस्तावेजों में देश में बढ़ते मोटापे और उसकी वजह से हो रही बीमारियों पर चिंता जताई गई है। रिपोर्ट के अनुसार, हर पांच में से एक शहरी वयस्क ओवरवेट है, और बच्चों में बढ़ता मोटापा अधिक चिंता का कारण है। अगर इस समस्या पर जल्द नियंत्रण नहीं पाया गया, तो यह भारत के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य संकट का रूप ले सकता है।
और पढ़ें: मॉनसून में लिवर को स्वस्थ रखने के लिए इन चीज़ों को करें अपनी डाइट में शामिल