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शौक बना सनक का कारण, लड़कियों की हत्या कर अंडरगारमेंट से करता था ऐसा काम जानकर आप भी ...

कहते हैं “शौक बड़ी चीज है” और इसे पूरा करने के लिए व्यक्ति कुछ भी करने को तैयार रहता हैं. जब शौक को पूरा करने के लिए व्यक्ति दीवाना सा होता है तो उसे अपनी जान तक की परवाह नहीं होती है, दिखता है तो बस अपना शौक. दुनिया में कई लोग हैं जिनके तरह-तरह के शौक होते हैं, वहीं आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका शौक लड़कियों का अंडरगारमेंट चुराना था और उसका ये शौक सनक में बदल गया. उसकी खबर तब हुई जब कई लड़कियों की मौत की खबरें सुर्खियां बटोर ने लगी.

इस शख्स को लड़कियों के अंडरगारमेंट्स चुराने का शौक था और वो धीरे-धीरे उसके सिर खून बनकर सवार हो गया, जिसके बाद वो एक सनकी हत्यारा बन बैठा, वो भी ऐसा वैसा नहीं बल्कि एक खूंखार सीरियल किलर.

यूनाइटेड स्टेटस के कंसास में जन्मा ये शख्स खुद को ‘BTK किलर’ सुनना बहुत पसंद करता था. अब आप सोच रहें होंगे भला ये ‘BTK’ होता क्या है या इसका मतलब क्या है, तो आपको बता दें कि BTK में B का मतलब BIND यानि बांधना, T का मतलब TORTURE यानि यातना देना और K का मतलब KILL यानि मार डालना है.

किसी को नहीं हुआ 30 साल तक शक

‘BTK किलर’ के नाम से मश्हूर ये शख्स यूनाइटेड स्टेट्ट के कंसास के सबसे बड़े शहर विचिटा में रहता था, जिसने काफी लंबे वक्त दोतरफा जिंदगी जी और इसका किसी को इल्म तक नहीं होने दिया कि आखिरकार वो असल में है क्या. 30 सालों तक उस पर किसी को भी कोई शक नहीं हुआ.

हत्या कर अंडरगारमेंट्स भी पहनता

आपको बता दें कि ‘BTK किलर’ का असली नाम डेनिस रेडर था, इसकी एक पत्नी और 2 बच्चे है. लोगों की नजर में एक साधारण सी जिंदगी जीने वाले डेनिस के खूनी कारनामों को जानकर तो इंसान क्या शैतान तक का दिल दहला सकता है. लगभग 30 साल तक डेनिस रेडर ने पहले लड़कियों की हत्या की और उसके बाद उनके अंडरगारमेंट्स भी पहनता था. इस तरह की हरकत वो केवल अपनी सेक्शुअल संतुष्टि के लिए किया करता था.

एक परिवार के 4 सदस्यों को बनाया पहला शिकार

डेनिस रेडर ने 15 जनवरी 1974 में सबसे पहली हत्या को अंजाम दिया था, उस दौरान उसके सनक का शिकार एक परिवार के चार सदस्य हुए और उसने उन सभी को बड़ी बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया. इस दौरान 38 साल के जोसेफ, जोसेफ की 34 साल की पत्नी जूली, उनके 11 साल और 9 साल के बेटे को डेनिस रेडर ने हत्या कर दी.

वहीं, इस हत्या के लगभग 1 महीने बाद साल 1974 में डेनिस रेडर की तलाश करते हुए 21 साल की कैथरिन और 19 साल का भाई केविन उसके घर जा पहुंचे जहां रेडर मौजूद था. उस दौरान किसी भी तरह की देरी किए बिना डेनिस ने अपने तमंचे के बल पर दोनों भाई और बहन को सरेंडर करने पर मजबूर कर दिया, जिसके बाद केविन से कहा कि वो अपनी बहन को बांध दें और फिर रेडिन ने केविन को भी अपने ही बिस्तर से बांध दिया.

इस दौरान जब केविन ने अपने आपको छुड़ाने की कोशिश की तो सनकी रेडर ने उसके सिर में 2 गोलियां मार दी जिसके चलते केविन की मौत हो गई. इसके बाद रेडर ने कैथरिन का गला दबाकर हत्या करनी चाही लेकिन कैथरिन ने हिम्मत और बहादुरी दिखाते हुए उससे पूरी ताकत से लड़ी और फिर कैथरिन पुलिस को फोन करने में कामयाब तो रही लेकिन उसे पहले ही गंभीर चोटें लग चुकी थी जिस वजह से उसकी मौत हो गई. इस हत्या को अंजाम देने के लगभग 3 साल बाद रेडर ने फिर एक महिला को अपना शिकार बनाया और ये महिला एक जासूस थी. इस महिला का रेडर ने दम घोंटकर मार डाला.

लेटर में कबुला था अपना गुनाह

रेडर ने अक्टूबर 1974 में एक लेटर लिखा था जिसमें उसने अपने गुनाहों के बारे में जिक्र किया था. लेटर में उसने हर उन हत्याओं का जिक्र किया लिखा था, जिसे उसने बड़ी ही क्रूरता से अंजाम दिया था. इतना ही नहीं, इस लेटर को रेडर ने विचिटा में स्थित एक लाइब्रेरी में एक किताब के अंदर छिपा दिया था. हालांकि ये लेटर बाद में स्थानीय मीडिया के हाथ लगा. रेडर ने साल 1978 में विचिटा रेडियो स्टेशन को एक लेटर लिखा था जिसमें उसमें अपने गुनाहों को कबूल करते हुए सभी हत्यों के बारे में विस्तार से बताया था.

महिलाओं की जान लेने की रेडर की ये सनक साल 1974 से लेकर 1991 तक चरम पर थी. वो चाहता थी कि लोग उसके वैहशी और खूंखार व्यक्तित्व से डरे, जिससे उसकी दहशत में जिंदगी जीने को मजबूर हो और उससे कांप उठें, इतना ही नहीं वो इसके लिए अक्सर ही मीडिया और पुलिस से अपने लेटर के जरिए जुड़ता रहता और उसकी इसी चाहत ने उसकी गिरफ्तारी करवाई.

सीरियल किलर रेडर ने साल 2004 से 2005 के बीच पुलिस को एक फ्लॉपी डिस्क भेजी. इसमें उसने अपने खूनी कारनामों का जिक्र किया था और फिर क्या था पुलिस ने भी टेक्निशियन्स की मदद ली और पता लगा ही लिया कि फ्लॉपी में दिखने वाले शख्स का नाम डेनिस है. आगे की जानकारी में पुलिस को पता चला कि इस फ्लॉपी को पार्क सिटी लाइब्रेरी और Christ Lutheran Church के इलाके में तैयार किया गया है. पुलिस ने पाया कि इस Christ Lutheran Church का प्रेसिडेंट भी डेनिस रेडर है.

आखिरकार साल 2005 में पुलिस ने डेनिस को गिरफ्तार कर ही लिया तब जाकर उसके गुनाहों की पोल खुली. वहीं, जब मासूम से चेहरे के पीछे छिपा भयानक चेहरा उसके घरवालों और पड़ोसियों को दिखा तो वो हैरान रह रह गए. साल 2005 में डेनिस पर कई हत्याओं का मुकदमा दर्ज करते हुए 18 अगस्त को उसे 175 साल की जेल की सजा सुनाई गई, जोकि साल 2180 में जाकर पूरी होगी. वहीं, अगर बात करें रेडर की पत्नी की तो उसने उसको तलाक दे दिया और कभी-कभी रेडर की बेटी उससे बात कर लेती है.

इस खूंखार लेडी सीरियल किलर को खून बहाकर मिलता है चरम सुख, एक हॉलीवुड हॉरर मूवी से हुई...

हर किसी की जिंदगी के लक्ष्य अलग होता है, मायने अलग होते हैं. अपने जीवन खुशियों को हासिल करने के लिए सभी की अपनी ही अलग-अलग वजह होती है. कोई अपने परिवार के साथ खुश रहता है तो किसी को अकेले रहने में खुशी मिलती है. कोई किसी की खुशी में अपनी खुशी ढ़ूंढ लेता है, तो कोई किसी को दुख पहुंचाकर खुशियां ढ़ूंढ़ने की कोशिश करता है. खुश होने का सबका अपना ही अलग अलग फॉर्मूला होता है लेकिन क्या आप ये सोच सकते हैं कि किसी को मौत के घाट उतारकर या फिर किसी का खून बहाकर कोई चरम सुख यानि सेक्शुअल प्लेजर को अनुभव कर सकता है.

जी हां, ये आपको जानकर जरूर थोड़ा अजीब लग रहा होगा, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी खूंखार लेडी सीरियल किलर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे खौफ का दूसरा नाम कहा जाए तो गलत नहीं होगा. मॉस्को की रहने वाली 27 वर्षीय महिला जो लोगों को केवल मारती ही नहीं थी बल्कि उनका खून बहाकर सेक्शुअल प्लेजर की अनुभूति भी करती थी, तो आइए आपको इस लेडी सीरियल किलर के बारे में बताते हैं…

ये किस्सा है एलेना लोबाचेवा का जो साल 1998 में आई हॉलीवुड हॉरर मूवी ‘Bride of Chucky’ से इस कदर प्रभावित थी कि उसमें दिखाए गए हत्या वाले भाग को उसने अपने जीवन में ही उतार लिया. इतना ही नहीं, एलेना लोबाचेवा मूवी में दिखाए गई खौफनाक गुड़िया जो कई हत्याएं करती है, उसी गुड़िया का टैटू तक अपने हाथ पर गुदवाया था. यहां तक कि महिला इतनी सनकी थी कि रूस के सबसे खुंखार सीरियल किलर एलेक्जेंडर पिचुस्किन को अपना गुरु मानती थी, और तो और उसकी देवता की तरह पूजा भी करती थी.

बता दें कि एलेक्जेंडर पिचुस्किन ने 49 से अधिक लोगों की हत्या की थी, जिसे एलेना लोबाचेवा अपना गुरु मान बैठी थी. एलेना जल्द ही लोगों को खौफनाक मौत देने लगी और बन बैठी गुनाहों की दुनिया की एक ऐसी खिलाड़ी जिसने एक के बाद एक हत्याओं को अंजाम देने शुरू कर दिया और अपने खतरनाक मंसूबे को अंजाम देने के लिए उसने हत्यारों के एक गैंग को जॉइन कर लिया, जिसका लीडर 23 साल का पावेल वाइटोव था. मॉस्कों को शराबियों और बुरे लोगों से मुक्ति दिलाने के नाम पर इस गैंग ने जुलाई 2014 से फरवरी 2015 के बीच में लगातार 14 हत्याओं को अंजाम दिया था.

एक बार तो इस गैंग ने एक कारपेंटर को मौत के घाट उतारने के लिए उसकी जिस निर्ममता से उस पर वार किया वो दिल दहला देने वाला था. इस गैंग के पांच सदस्यों ने कार्पेंटर को 171 बार चाकू घोंपा था. हद तो तब पार हुई जब लोबाचेवा और विटोव ने एक व्यक्ति की हत्या के लिए एक हथौड़े का उपयोग किया. उसके सिर पर दोनों ने हथौड़े से मारकर हत्या कर दी. हथौड़े से उस शख्स के सिर पर इतना जबरदस्त वार किया कि उसकी खोपड़ी के टुकड़े उसके शव से लगभग 16 फिट दूर जा गिरे.

एलेना लोबाचेवा ज्यादातर उन लोगों का अपना शिकार बनाती थी जो लोग बेघर होते थे और फिर उन्हें डरावने मास्क पहनकर डराते हुए मौत के घाट उतार देती थी. इसके अलावा वो हत्या के बाद जोर जोर से शैतानी हंसी भी हंसती थी.

चाहे कोई भी मुजरिम क्यों न हो उसे एक न एक दिन तो पुलिस के चंगुल में आना ही होता है. ज्यादातर मुजरिमओं की आखिरी नियति यही होती है. ऐसा ही कुछ एलेना लोबाचेवा के साथ भी हुआ और वो भी एक दिन पुलिस के हाथ लग ही गई. जिसके बाद उसने अपने गुनाहों को कबूल कर लिया और बताया कि लोगों की सिलसिलेवार तरीके से एक के बाद एक लोगों की हत्या कर उसे चरम सुख की प्राप्ति होती है. वहीं, जब कोर्ट में उसके मामले की सुनवाई की जा रही थी तब ज्यूरी ने कहा था कि इस महिला को किसी के मरने से बहुत सुख मिलता है. इसने कोर्ट में माना कि गैंग के द्वारा किए गए बहुत से हत्याओं में से 6 में वो शामिल रही.

अगर गैंग के लीडर विटोव की बात की जाए तो उसने कोर्ट के सामने कहा था कि लोबाचेवा जब लोगों को मरती थी तो उसे ऐसे करते देख मुझे बहुत ज्यादा खुशी मिलती थी और वो किसी को भी मारने से पहले उन्हें यातनाएं देने और उनके शव को क्षत-विक्षत करने की बात करती और जब भी हम किसी की हत्या करते तो वो जोर-जोर से हंसा करती थी.

गौरतलब ये हैं कि जब पुलिस ने इस गैंग के घर की तलाशी ली तो उन्होंने पांच धारदार चाकू बरामद किए. साथ ही पुलिस के हाथ कंप्यूटर से लोगों को सिलसिलेवार मारने का ब्यौरा लगा. हैरतअंगेज बात तो ये है कि कंप्यूटर में से बरामद किए गए ब्यौरा में कुछ वीडियो और तस्वीरें ऐसी थी जिसमें लोगों को मारने से पहले टॉर्चर किया जा रहा था.

आखिरकार साल 2017 में इस गैंग के पांचों सदस्यों को कोर्ट ने सजा सुनाई ही दी. जब कोर्ट ने गैंग के लीडर पावेल विटोव को उम्रकैद की सजा सुनाई तो वो उस दौरान भी हंस रहा था. वहीं, कोर्ट ने लेडी सीरियल किलर एलेना लोबाचेवा को 13 साल की कैद की सजा सुनाई. बता दें कि जब कोर्ट एलेना लोबाचेवा को सजा सुनाई तो उसकी मां ने कहा था कि उन्हें इस बात का थोड़ा सा भी अंदाजा न था कि उनकी बेटी इस कदर खून की प्यासी है.

जानिए कैसा रहेगा 30 जनवरी को आपका दिन

जैसा कि हम सभी जानते हैं ग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन में पड़ता है, जिसके चलते हमें कभी अच्छे तो कभी बुरे दिनों का सामना करना पड़ता। वहीं आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आज का राशिफल आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन लेकर आ सकता है। तो आइए आपको बताते हैं आज के दिन के बारे में आपके सितारे क्या कहते हैं और 30 जनवरी का दिन आपके लिए कैसा रहेगा…

मेष राशि- आपका दिन सामान्य रहेगा। भविष्य से जुड़े फैसलें सोच-समझकर लें। कार्यक्षेत्र में अच्छा दिन बीतेगा। कामों में आ रही अड़चनें दूर होगीं।

वृषभ राशि- दिन की शुरुआत बढ़िया होगीं। परिवार में सुख शांति का माहौल रहेगा। आत्मविश्वास बढ़ेगा। दुश्मनों से थोड़ा सावधान रहें।

मिथुन राशि- आपका दिन ठीक ठाक रहेगा। आर्थिक स्थिति मजबूत होगीं। आज के दिन नए काम शुरू करने से बचें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

कर्क राशि- दिन आपका मिला जुला रहेगा। किसी खास व्यक्ति से मुलाकात हो सकती है। परिवार की चिंता सताएगी। मन उदास रहेगा।

सिंह राशि- दिन आपका ठीक ठाक रहेगा। मेहनत अनुसार नतीजे मिलेंगे। शादीशुदा जिंदगी में चला आ रहा तनाव कम होगा। फिजूलखर्च ना करें।

कन्या राशि- आपका दिन बढ़िया बीतेगा। आज मनचाही चीज खरीद सकते हैं। आर्थिक स्थिति सुधरने के आसार है। जीवनसाथी  के साथ रिश्ते और मजबूत होंगे।

तुला राशि- दिन की शुरुआत तनाव से होगी। सुबह सुबह कोई परेशान करने वाली खबर मिल सकती है। पार्टनर के साथ झगड़ा होने के आसार है। आज के दिन गुस्से पर कंट्रोल रखें।

वृश्चिक राशि- आपका दिन सामान्य रहेगा। संतान की ओर से अच्छी खबर मिलेगीं। लंबे वक्त से चली आ रही परेशानी से छूटकारा मिलेगा। किसी दूसरे के विवाद में उलझने से बचें।

धनु राशि- आपका दिन शानदार बीतेगा। परिवार में हंसी खुशी का माहौल रहेगा। आज किसी खास व्यक्ति से सरप्राइज मिल सकता है। अटके काम पूरे होंगे।

मकर राशि- दिन आपका ठीक ठाक बीतेगा। पुराने रोग परेशान करेंगे। भाग दौड़ करनी पड़ सकती है। कोई भी फैसला जल्दबाजी में ना लें।

कुंभ राशि- आज के दिन थोड़ा सतर्क रहें।  किसी की भी बातों में ना आएं। अनजान व्यक्ति आपका फायदा उठाने की कोशिश कर सकता है। मुसीबत पड़ने पर दोस्तों का साथ मिलेगा।

मीन राशि- दिन अच्छा बीतेगा। व्यापार में तरक्की होने के आसार है। निवेश के लिए दिन अच्छा हैं। दुश्मनों पर आप हावी पड़ेंगे।

जानिए एक सनकी कॉन्सटेबल का खौफनाक सच, रेप और हत्या के बाद चुरा लेता था लड़कियों के अं...

आज हम आपको एक वैहशी दरिंदे के बारे मे बताने जा रहे हैं जिसने लोगों की रक्षा करने के लिए शपथ ली थी, लेकिन किसा को क्या पता था कि वो वर्दी के रूप में रक्षक नहीं बल्कि एक भक्षक है. ये एक ऐसा सीरियल रेपिस्ट, किलर और लुटेरा था जो खूंखार अपराध से पहले एक रक्षक की वर्दी पहनता था, तो आइए आपको इसके बारे में हैरान कर देने वाला मामला बताते हैं…

दरअसल, ये किस्सा कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के माकिल गांव में साल 1969 में पैदा हुए उमेश रेड्डी का है. ये अपने बचपन में एक औसत छात्र था और फिर आगे चलकर उसकी नौकरी सीआरपीएफ में लग गई. जिसके चलते इस नौकरी में उसकी पहली पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में हुई थी. भले ही उसके तन पर वर्दी थी लेकिन दिमाग में खूंखार वारदातों को अंजाम देने की सनक थी.

उमेश को लेकर ऐसा कहा जाता है कि साल 1996 में उसकी नौकरी डिस्ट्रिक्ट आर्म्ड रिजर्व में लगी. उस दौरान उस पर पहली बार नवंबर दिसंबर के महीने में चित्रदुर्ग की ही एक लड़की के साथ रेप करने का आरोप लगाया गया. इसी साल ही उसने एक और वारदात को अंजाम दिया. इस दौरान उसने एक और लड़की का पहले रेप किया फिर उसे मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद तो मानों कॉन्सटेबल उमेश रेड्डी ने एक बात मन में गांठ बांध ली थी कि चाहे वो नौकरी में रहे या न रहे लेकिन वो गुनाहों को अंजाम देना नहीं छोड़ेगा.

हुआ ये कि साल 2002 के आने तक उमेश रेप, हत्या और लूट जैसे कई अपराधों के आरोप लगे. मैसूर, मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरु और बड़ौदा में उसके खिलाफ विभन्न मामले दर्ज किए गए. इसी साल उमेश पर घिनौने वारदातों को अंजाम देने के करीब 19 मामले दर्ज किए गए और फिर साल 2009 के आते आते तो ये वारदात बढ़कर 25 मामले में जुड़ गई. इसी साल उमेश को पुलिस ने धरदबोचा लेकिन वो पुलिस को चकमा देकर मौके से फरार हो गया और उसके बाद भी अपराधों को अंजाम देना बरकरार रखा.

वहीं, जब उमेश, पुलिस के हाथ लगा तब जाकर उसके करतूतों का बंद चिट्ठा खुलता चला गया. बता दें कि उमेश के कत्लेआम और दुष्कर्मों के तरीके हर किसी को दंग कर देने वाला था. जानकारी के अनुसार उमेश ज्यादातर ऐसे वक्त में महिलाओं को अपना शिकार बनाता जब वो अपने घर में अकेली होती थीं. इस दौरान वो सबसे पहले महिला को चाकू दिखाता और उसे अपने कब्जे में ले लेता था. उसके बाद महिला के हाथ बांध देता और फिर बलात्कार करता था. इतना ही नहीं रेप करने के बाद वो घर में चोरी भी करता था और लड़कियों के अंडरगारमेंन्ट्स चुरा ले जाता था. गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को उमेश के बैग से महिलाओं के अंडरगारमेंन्ट्स बरामद किए थे. इतना ही नहीं कहा ये भी जाता है कि वो महिलाओं के कपड़े तक भी पहना करता था.

18 फरवरी 2009 में उमेश रेड्डी को कोर्ट ने उसके अपराधों के लिए मौत की सजा सुनाई. इतनी ही नहीं निचली कोर्ट, हाईकोर्ट यहां तक की सुप्रीम कोर्ट तक में उसकी मौत की सजा माफ करने की अर्जी दी गई लेकिन उसकी इस याचिका को खारिज कर दिया गया. कर्नाटक हाईकोर्ट ने तो सुनवाई के दौरान ही उमेश पर टिप्पणी की थी कि ‘वो तो दानव है.’

बता दें कि साल 2012 में राष्ट्रपति से उमेश की मां ने भी रहम की भीख मांगते हुए अपने इकलौते बेटे की मौत की सजा कम करने की गुहार लगाई पर साल 2013 में राष्ट्रपति ने भी सजा टालने से मना कर दिया. उमेश रेड्डी को हिंदाल्गा में बेलगावी सेंट्रल जेल में बंद कर दिया गया अब वो जेल में अपने जीवन के अंतिम दिन गिन रहा है.

बता दें कि इस दौरान 2013 में उमेश रेड्डी को लेकर एक कन्नड़ फिल्म भी बनाई गई. जिसका नाम तब ‘उमेश रेड्डी’ रखा गया. वहीं, जब फिल्म रिलीज हुई तब उमेश की 75 साल की मां गोवारम्मा ने कोर्ट से अपील की कि उसके बेटे का नाम फिल्म से हटा दिया जाए. जिसके बाद कोर्ट ने फिल्म से ‘रेड्डी’ शब्द हटाने का आदेश जारी किया और फिर 2 सितंबर 2013 को इस फिल्म को फिर से रिलीज किया गया और उमेश रेड्डी नाम हटाकर ‘खतरनाक’ रखा गया.

नोट: उमेश रेड्डी से जुड़ी जानकारी की पुष्टि नेड्रिक न्यूज नहीं करता. इस बारे में सभी जानकारियां अलग अलग श्रोतों से जुटायी गई है

गरीब परिवार से होने के बाद भी एपीजे अब्दुल कलाम ने कभी नहीं मानी हार, लोगों के लिए बन...

APJ अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति होने के साथ एक वैज्ञानिक और इंजीनियर भी थे. इतना ही नहीं इन्हें देश के सर्वोच्च अवॉर्ड भारत रत्न से भी सम्मानित किया जा चुका है. इनको जनता का राष्ट्रपति भी कहा जाता है. आइए आपको APJ अब्दुल कलाम से जुड़ी खास बाते बताते हैं.

APJ अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था. उनका जन्म दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु के रामेश्वरम में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था. APJ अब्दुल कलाम चार दशकों तक मुख्य रूप में वैज्ञानिक के तौर पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) व इसरो को भी संभाला. इसके अलावा देश में सैन्य मिसाइल के विकास के प्रयासों में भी शामिल रहे.

एपीजे अब्दुल कलाम का परिवार पेशे से मछुआरों का था. इनके 5 भाई और 5 बहन थे. इनके पिता एक नाविक थे और मछुआरों को नाव किराए पर दिया करते थे. ऐसा कहा जाता है कि अब्दुल कलाम का बचपन बहुत गरीबी में बीता. वहीं इतने बड़े परिवार का भरन-पोषण के लिए और शिक्षा दिलाने के लिए कलाम साहब के पिता को काफी मुश्किल होने लगी. इस वजह से एपीजे अब्दुल कलाम ने बचपन में अखबार भी बेचे थे. लेकिन उन्होंने कभी भी अपने हालातों के आगे हिम्मत नहीं हारी और सपनों को मरने नहीं दिया.

वहीं, अगर बात करें कलाम की पढ़ाई की तो उन्होंने अपनी पढ़ाई सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से की थी. साल 2002 में वो भारत के राष्ट्रपति बने थे. 5 साल पूरे होने के बाद वो वापस शिक्षा, लेखन और सार्वजनिक सेवा में लौट आए थे.

साल 2015 में हुआ निधन

27 जुलाई, 2015 को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का शिलॉन्ग में निधन हो गया था. उस दौरान वो आईआईएम शिलॉन्ग में लेक्चर देने गए थे और उन्हें अचानक से दिल का दौरा पड़ा. जिसके चलते उनका निधन हो गया था. कलाम साहब के निधन के बाद 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की भी घोषणा की गई थी.

1997 में मिला भारत रत्न

आपको बता दें कि एपीजे अब्दुल कलाम को साल 1997 में भारत रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. इतना ही नहीं उन्हें पद्म विभूषण, मानद डॉक्टेरेट, रामानुजन पुरस्कार, डॉक्टर ऑफ साइंस आदि जैसे कई सम्मान मिल चुके थे.

जानिए रात का पति कैसे बना सुबह का Serial killer! 32 महिलाओं को कुछ ऐसे किया दुनिया से...

“सुहागरत” ये शब्द ज्यादातर लोगों के जीवन में अहम जगह रखता है. इसका अर्थ ही ये बयां कर देता है कि एक सुहागिन महिला अपने पति के साथ रात गुजार रही है, लेकिन अगर इस शब्द का कोई बिल्कुल ही अर्थ बदल दे तो? कुछ ऐसा मोहन नाम के स्कूल टीचर ने किया, उसने सुहागरात के नाम से एक नहीं दो नहीं बल्कि 32 महिलाओं को अपना शिकार बनाया, इतना ही नहीं उन्हें सुहागरात के बाद मौत के घाट भी उतार दिया करता था.

भले ही ऐसे किसी व्यक्ति के बारे में केवल सोचकर ही आपकी रूह कांप उठी हो लेकिन ये एक काला और भयानक सच है. जिसे जानकर हर कोई हैरान है तो आइए आपको इस सीरियल किलर के बारे में विस्तार से बताते हैं…

कर्नाटक का कुख्यात सीरियल किलर साइनाइड मोहन ने 6 साल में 32 महिलाओं को सुहागरात के बाद मौत के घाट उतारा है. ये पहले तो महिलाओं को शादी का झांसा देकर फंसता था और फिर उसके साथ रातभर सुहागरात मनाने के अगले दिन उसे गर्भनिरोधक गोली खाने के लिए कहता था. इस दौरान वो महिलाओं को गोली देते वक्त उसमें साइनाइड मिलाकर उनकी हत्या कर देता था और फिर उनके गहने लूट लेता था.

शादी के झांसे से लेता था जान

साइनाइड मोहन ने साल 2003 में सुनंदा नाम की एक महिला को पहले शादी का झांसा दिया और फिर कुछ दिनों बाद उसकी हत्या कर दी. वो अपने घर से मंदिर जाने के लिए निकली थी, लेकिन उसके बाद वो किसी को नहीं मिली. मिला तो उसका शव वो भी मैसूर बस अड्डे पर.

बस स्टैंड पर ही होती थी महिलाओं की मौत

साल 2009 में मोहन कुमार ने अपना नाम आनंद रखते हुए अनिता को फंसाया. पहले तो उसने अनीता को अपनी गर्लफ्रेंड बनाया और फिर उससे शादी का वादा किया, जिसके चलते अनीता अपने घर से ही भाग गई और फिर कर्नाटक के हसन ज़िले के एक बस स्टैंड से मोहन यूफ आनंद ने अनिता को साथ लिया फिर उसे एक होटल में ले गया. इन दोनों ने योजना बनाई कि वो दूसरे दिन मंदिर में जाकर शादी कर लेंगे, लेकिन अनीता आंनद के षड्यंत्र से अनजान थी. जिसके चलते शादी करने के दिन पहली ही रात को आनंद और अनिता के बीच शारीरिक संबंध बने, जिसके बाद सुबह होते ही अनिता शादी के लिए तैयार हो रही थी. शादी के लिए कुछ इंतज़ाम करने का कह कर आनंद होटल से बाहर निकल गया और अनिता को बस स्टैंड पहुंचने के लिए कह दिया.

थोड़ी देर बाद जब अनीता बस स्टैंड पहुंची तो वहां पर ही आनंद, अनीता को मौत के घाट उतारने के इरादे से था, जिस वजह से उसने अनिता को अपनी जेब से एक टैबलेट निकालकर दी. कोई परेशानी न हो इसके लिए उसने अनिता को टैबलेट सार्वजनिक टॉयलेट में जाकर खाने को कहा और फिर उसके सारे गहने भी अपने पास रख लिए. फिर क्या आनंद के इरादों से अनजान अनीता गर्भनिरोधक गोली के लिए टॉयलेट में गई जहां उसकी मौत हो गई.

हत्या की वारदातों का हुआ खुलासा

वैसे तो ये सुहागरात का खेल काफी समझादारी से खेला जा रहा था लेकिन इस हत्या की गुत्थी को तो एक ना एक दिन सुलझना ही था. जब साल 2003 से 2009 के बीच दक्षिण कर्नाटक में मौत के लगभग 20 ऐसे मामले सामने आए, जिसमें महिलाओं की मौत बस स्टैंड के पास के सार्वजनिक टॉयलेट में ही हु. इन महिलाओं की उम्र 20 से 32 साल थीं और सभी महिलाए दुल्हन ही दिखी. वो भी गायब गहनों के साथ. पुलिस को इन मौतों में कई बातें एक जैसी दिखी थी लेकिन फिर भी वो किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रही थी. वहीं जब अनीता का मामला सामने आया तो सारी पोलपट्टी खुल गई.

16 जून 2009 को बंटवाल से 22 साल की अनिता के गायब होने के बाद इस गुमशुदगी को सांप्रदायिक रंग दिया जाने लगा और फिर हंगामा इतना बढ़ा कि लोगों ने पुलिस स्टेशन जलाने की भी धमकी दी. उसके बाद पुलिस ने लोगों से इस मामले को एक महीने के अंदर सुलझाने का वादा किया. सभी गायब युवतियों के मामले भी अनिता के मामले के साथ ही खुलते गए और फिर तस्वीरें साफ होने लगीं.

सभी युवतियों का गायब होने का एक ही संबंध पुलिस को हाथ लगा, जो था मैंगलूरु का एक गांव. इस गांव में ही गायब हुई सभी युवतियों ने फोन किया था या फिर उन्हें इस गांव से कॉल की गई थी. वहीं पुलिस का शक पहले तो सैक्स रैकेट चलाने के मामले पर गया लेकिन फिर जब गायब हुई एक लड़की के फोन पर धनुष नाम के लड़के से बातचीत की बात सामने आई, जिसके बाद धनुष से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसे अंकल प्रोफेसर मोहन कुमार ने ये फोन दिया और कॉल्स भी उन्हीं के लिए आते थे. इस खुलासे के बाद मोहन की तलाश जारी हुई, इस दौरान पता चला कि मोहन, सुमित्रा नाम की लड़की से मौजूदा समय में घंटों फोन पर बात कर रहा है जो बंटवाल की रहने वाली है. पुलिस को इस गुत्थी को सुलझाते सुलझाते इस बात का पता चला कि वो ‘सायनाइड मोहन’ था.

वहीं, जब पुलिस ने प्रोफेसर मोहन को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो वो शुरुआत में 32 महिलाओं को मारने की बात पर मुकर गया था,. बाद में उसने एक एक कर सभी खुलासे किए, मोहन ने बताया कि वो गरीब परिवार की लड़कियों को ही फंसाता था. इतना ही नहीं शादी की इच्छुक इस लड़कियों को इंप्रेस करने के लिए उनकी जाति का सरनेम लगा कर अपना नाम बताता था.

उसने आगे बताया की शादी के बाद या फिर पहले वो महिला को होटल में ले जाया करता था और वहां सुहागरात मनाने के बाद उन्हें दूसरे दिन किसी सार्वजनिक रेस्ट रूम में जाकर गर्भनिरोधक गोली खाने को कहता था. मोहन एक विज्ञान का शिक्षक था और इन गर्भनिरोधक गोलियों में वो पहले ही सायनाइड मिला देता था. जिसके खाकर महिलाओं की मौत हो जाती थी. उसके बाद मोहन लड़कियों की ज्वैलरी और कीमती सामान लेकर नौ दो ग्यारह हो जाता था.

आपको बता दें कि मोहन ने सीरियल किलिंग के लिए एक सुनार से लंबे समय तक गहनों से संबंधी काम करवाए. इतना ही नहीं हत्या में इस्तेमाल के लिए एक केमिकल डीलर से सायनाइड भी खरीदता रहा. पूछताछ के दौरान इस डीलर ने बताया कि वो सुनार समझकर मोहन को सायनाइड दिया करता था, जिसे ज्वैलरी के पॉलिश में इस्तेमाल किया जाता है. बता दें कि उस दौरान आसानी से सायनाइड केवल 250 रुपये खर्चकर एक किलो खरीदा जा सकता था.

मोहन इतना शातिर था कि वो हर हत्या के लिए हर बार नया नाम इस्तेमाल करता था. कभी आनंद, तो कभी भास्कर, तो कभी स्वामी. इस तरह से उसके लगभग 12 उपनाम थे. इतना ही नहीं वो हर लड़की को बताता था की वो सरकारी नौकरी करता है, जिससे कि लड़कियां जल्दी फंस जाती थी. बता दें कि साल 2009 में ही मोहन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और फिर 4 साल तक उसके खिलाफ केस चला. जिसके चलते जज ने मोहन को कई हत्याओं का दोषी पाते हुए उसे दिसंबर 2013 में फांसी की सजा दे दी. इसके बाद से ही मोहन की पहचान सायनाइड मोहन के नाम होने लगी और फिर साल 2013 में उसे मौत की सज़ा सुना दी गई.

रात के अंधेरे में लेता था लोगों की जान और शवों के साथ करता था रेप, जानिए कौन था ये खु...

वो गलियां जहां अंधेरी रातों में रोशनी ही रोशनी रहती थी, किसी को किसी से मतलब नहीं हुआ करता था और न ही किसी से किसी को डर, उस वक्त मुंबई दिन रात जागती थी. लोग बस कामकाज का बोझ लिए आगे निकलने की कोशिश में लगे थे. अचानक एक खबर ने सबकी सासे थाम ली, अब रोशनी भरी रात में अंधेरा ही अंधेरा छाने लगा, क्योंकि साल 1966 में खबर ये आई कि मुंबई के फूटपाथ पर सो रहे लोगों को कोई जान से मार रहा है.

उस दौर में मुंबई की गलियों में रमन राघव ने सबकी नींदे उड़ा दी थी, क्योंकि ये रात के अंधरे में कुछ इस कदर बेरहमी से अपने शिकार को मौत के घाट उतारता था कि सुबह तक दहशत उस पूरे इलाके को घेर लेती थी. तो आइए आपको मुंबई के इस खुंखार हत्यारे के बारे में बताते हैं जिसे पकड़ने के लिए कई पुलिसकर्मियों को अपनी नींदे गवानी पड़ी थी….

रमन राघव कौन था?

रमन राघव न तो अंडरवर्ल्ड डॉन था, न तो कोई लुटेरा था और न ही किसी गैंग का सदस्य था. वो था दो एक मनोरोगी, जिसके सिर पर सवार खून ने कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया. साल 1929 के आसपास पुणे के बाहरी इलाके में जन्मे रमन राघव के सिर पर खून कैसे सवार हो गया और वो मनोरोगी कैसे बना इस बारे में पता नहीं चल सका लेकिन इतना जरूर साफ है कि खून करने की उसकी सनक ने लोगों में दहशत फैलाई हुई थी. जो लोग बचपन से रमन राघव को जानते थे उनका कहना है कि उसे बचपन से तो कोई खास बीमारी नहीं थी लेकिन वो चोरी बहुत करता था, इसलिए वो पढ़ाई भी नहीं कर पाया.

60 के दशक में लोगों के दंग कर देने वाली हत्या की घटनाएं होने लगी. बाहरी मुंबई के इलाकों में एक के बाद एक हत्याएं हुईं. इन सभी हत्याओं को राघव रात के समय अंजाम देता था, ऐसे करते-करते उसने 40 से अधिक लोगों को मार डाला. इसके शिकार केवल झोपड़ियों और फुटपाथ पर अपना गुजारा करने वाले लोग हुआ करते थे, जिन्हें वो बिना धार वाले हथियारों से मौत के घाट उतारता था. हैरान कर देने वाली वारदातों हुई जब वो महिलाओं के शवों से रेप भी करता था.

इस तरह से लोगों की हत्या करने का सिलसिला साल 1965-66 तक चला. उस दौरान एक मामला ऐसा भी सामने आया जिसमें एक साथ 19 लोगों पर जानलेवा हमला किया गया और हमले में 9 लोगों की जान गई, 10 लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए. इस घटना के बाद से ही लोगों की हत्या करने वाले के बारे में जानकारी मिल पाई. घायलों में से एक कृतिका नाम की महिला ने रमन राघव के बारे में पुलिस को जानकारी दी और फिर सीरियल किलर रमन राघव की पहचान की जा सकी.

एक डकैती में पांच साल जेल में कैद रहे रमन राघव ने सबसे शर्मनाक और इंसानियत को तार तार करने वाला अपराध तब किया जब उसने अपनी ही बहन का भी रेप कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था. इसका रिकॉर्ड पुलिस के पास मौजूद था. कई हत्या करने के बाद भी उनमें से बचा कोई भी व्यक्ति उसे देख नहीं पाया था. लेकिन साल 1968 में एक बार फिर कई हत्याओं का मामला सामने आए तब मुंबई पुलिस सीआईडी के डिप्टी कमिश्नर रमाकांत कुलकर्णी ने शक के घेरे में आए कई लोगों को पकड़ा और इन्हीं पकड़े गए लोगों में से एक था सीरियल किलर रमन राघव, जो आखिरकार पुलिस के चंगुल में था.

लंबी कद-काठी, कम पढ़ा लिखा और बेहद ज़िद्दी इंसान था रमण राघव. जिसने पकड़े जाने के बाद पुलिस हिरासत में पूछताछ के वक्त ही अपनी कुछ मांगे रखी थी. चिकन, वेश्या और साजो सामान मिल जाने पर ही उसने अपना मुंह खोला था. पुलिस 23 हत्याओं का जुर्म रमन राघव से कबूल करवा सकी. कहा जाता है कि उसे खुद ठीक ठीक याद नहीं था कि उसने कितनी जानें ली हैं.

पुलिस की गिरफ्तारी के बाद जब रमन के खिलाफ केस चलाया गया तब उसे मनोरोगी होने का भी दावा किया गया लेकिन पुलिस ने डॉक्टरों के तर्क को नहीं माना. इसे लेकर एक जानकारी और सामने आई थी कि पुलिस ने जब रमन को कोर्ट में जज के सामने पेश किया तो उसने जज के सावलों का भी जवा‌ब देने से साफ इनकार कर दिया था. इस तरह से उसने कई बार किया, वहीं जब पुलिस उसकी चिकन खाने की बात मान लेती थी तब जाकर वो सवालों के जवाब दिया करता था. उसने कोर्ट में अपने पापों का पूरा चिट्ठा खोल दिया. किस तरह से वो लोगों की जान लेता था और उन्हें मारने के लिए क्या हथियार इस्तेमाल करता था आदि उसने कोर्ट को बताया दिया.

हालांकि मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम ने जेल में ही रमन राघव का इंटरव्यू लिया, जिसके आधार टीम ने जानकारी दी कि वो एक गंभीर मानसिक रोगी है और उसे पैरानॉयड सीजोफेरिया बीमारी है. ऐसे में किसी शख्स पर सख्त कानूनी कार्रवाई करना कानून का उल्लंघन होता है, इसलिए उसको पुणे के येरवाड़ा जेल में कैद किया गया और फिर साल 1987 में हाईकोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया. उसके बाद जेल में कैद रमन की मौत किडनी की बीमारी की वजह से हो गई लेकिन उसका खौफ आज भी दिल को दहला देता है.

नोट: सीरियल किलर रमन राघव से जुड़ी तमाम जानकारी विभन्न स्त्रोतों से उठाई गई हैं. इन जानकारियों की पुष्टि नेड्रिक न्यूज नहीं करता है.

Cyber Crime: QR कोड स्कैन करने से साफ हो सकता है आपका बैंक अकाउंट, जानिए इस फर्जीवाड़...

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देश में डिजिटल पेमेंट का चलन आजकल काफी बढ़ गया है। लोग झटपट हर चीज का भुगतान अपने मोबाइल फोन के जरिए कर देते है। लेकिन जैसे जैसे इंडिया डिजिटल होता जा रहा है, वैसे वैसे फर्जीवाड़े भी बढ़ रहे हैं। साइबर ठग अलग-अलग तरीकों से लोगों को अपना शिकार बनाते हुए नजर आ रहे हैं।

गृह मंत्रालय की ओर से किया गया अलर्ट

इनमें से एक तरीका क्यूआर कोड का भी है। यही वजह से केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से लोगों को आगाह किया गया कि किसी भी अनजान स्त्रोत से फोन पर आए क्यूआर कोड को भूल से भी स्कैन ना करें। इससे आपका बैक अकाउंट खाली हो सकता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से ‘साइबर दोस्त’ ने एक ट्वीट करते हुए कहा- ‘किसी अज्ञात स्रोत से प्राप्‍त क्‍यूआर कोड को स्‍कैन न करें। इससे आपके खाते से अनधिकृत रूप से धन निकाला जा सकता है।’ बता दें कि साइबर दोस्त साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में लोगों में जागरूक करने के लिए एक सोशल मीडिया का प्लेटफॉर्म है। क्या होता है क्यूआर कोड और कैसे इसके जरिए फर्जीवाड़ा होता है, आइए आपको बताते है…

जानिए क्या होता है QR कोड?

क्यूआर कोड यानी Quick Response Code। ये कोड संकेत अक्षरों के रूप में होता है, जिसको हम नहीं पढ़ सकते। इसको पढ़ने के लिए उपकरण में लगे स्कैनर की जरूरत होती है। ये एक तरह का मैट्रिक्स बारकोड है, जिसके अंदर कई तरह की जानकारियां मौजूद होती हैं।

वैसे तो QR Code मोटर वाहन उद्योग के लिए शुरू किया गया। लेकिन अब इसका दायरा काफी बढ़ चुका है। ऐसा शायद ही कोई सेक्टर होगा, जहां पर इसका इस्तेमाल ना होता हो। QR Code के बढ़ते इस्तेमाल के साथ इससे होने वाली फर्जीवाड़े भी लगातार बढ़ रहे हैं। 0

आजकल हर प्रोडक्ट पर एक QR कोड होता है, जिसमें उस प्रोडक्ट से जुड़ी सभी जानकारी होती है। इसका इस्तेमाल पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) पर मोबाइल पेमेंट्स के लिए भी किया जाता है। कोरोना काल के दौरान इसका चलन देखने को बढ़ा है। कोरोना काल में जब लोग किसी भी को छुने से डरने लगे, तब दूध की दुकान से लेकर राशन, ऑटो रिक्शन सब जगह इसका इस्तेमाल किया जाने लगा।

कैसे होता है इससे फर्जीवाड़ा?

मोबाइल पेमेंट के लिए QR कोड का काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। इस कोड को स्कैन करते ही वॉलेट या फिर बैंक अकाउंमट से पेमेंट की जा सकती है। जिसके चलते कैश रखने की झंझट लोगों को नहीं होती। लेकिन ये उतना भी सुरक्षित नहीं। किसी अनजान स्त्रोत पर अगर आप QR कोड को स्कैन कर लेते हैं, तो ठगी का शिकार हो सकते हैं और आपका बैंक अकाउंट तक साफ हो सकता है।

सवाल ये भी है कि आखिर QR कोड के जरिए फर्जीवाड़ा होता कैसे है? दरअसल, जो लोग ठगना चाहते है वो मोबाइल फोन पर किसी तरह क्यूआर कोड भेजते हैं, जिसके बाद ये उसे स्कैन कराने के लिए लोगों झांसे में लेते है। इसके लिए वो कई तरह के लालच भी देते हैं। लेकिन कोड के स्कैन करते ही कुछ ऐसी जानकारियां ठग के हाथों लग जाती, जिससे वो आपके अकाउंट को खाली कर सकते हैं। ऐसे कई मामले सामने आ चुके है, जब लोग QR कोड स्कैन करने की वजह से ठगी का शिकार हुए। यही वजह है कि सरकार इससे लोगों को अलर्ट करती रहती है और कहती है कि जब तक आपको QR कोड की पूरी जानकारी ना हो तब तक इसे स्कैन ना करें।

अब सिंघु बॉर्डर पर हंगामा: प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाने पहुंचे स्थानीय लोग, लाठी-...

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गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई जबरदस्त हिंसा के बाद भी किसान आंदोलन के नाम पर हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा। लाल किले पर प्रदर्शनकारियों ने जो किया, उसको लेकर देश के लोग उन पर आगबबूला है। यही वजह है कि अब किसानों को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है। 

धरना खत्म कराने पहुंचे स्थानीय लोग

शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर एक बार फिर से हंगामा देखने को मिला। जब खुद को स्थानीय निवासी बताने वाले कुछ लोग वहां पर पहुंच गए और किसानों का धरना प्रदर्शन खत्म कर रास्ता खोलने की बात कहने लगे। खुद को स्थानीय बताने वाले इस लोगों ने वहां पर ‘सिंघु बॉर्डर खाली करो’ के नारे भी लगाए। 

इसके बाद ही वहां पर हालात बिगड़ गए। स्थानीय लोग और प्रदर्शनकारी आपस में भिड़ गए। इस दौरान यहां पर पत्थरबाजी हुईं और लाठी-डंडे भी चले। हालत तनावपूर्ण देख पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पडे़। वहीं अफरा-तफरी के इस माहौल के बीच एक प्रदर्शनकारी की तलवार से अलीपुर के SHO प्रदीप पालीवाल घायल हो गए।

गौरतलब है कि 26 जनवरी को हुई  हिंसा के बाद से ही सिंघु बॉर्डर पर तनाव की स्थिति बनी हुई थीं। जिसके चलते यहां पर भारी पुलिस बल की तैनाती पहले से ही थीं। शुक्रवार सुबह यहां पर पुलिस की तैनाती और बढ़ा दी गई थीं। 2 किलोमीटर पहले ही गाड़ियों को रोका जा रहा था। इस दौरान कुछ लोग पुलिस फोर्स की तैनाती वाली जगह पर आ गए और खुद को पास के गांव का बताने लगे। 

पत्थर-तलवार भी चले

पुलिस ने इन लोगों को पहले ही रोक दिया था, लेकिन फिर भी ये आगे बढ़ने लगे। खुद को स्थानीय बताने वाले इन लोगों ने सिंघु बॉर्डर पर किसानों के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और इसी दौरान किसानों और इन स्थानीयों के बीच झड़प होने लगी। खुद को पास के गांव का बताने वाले इन लोगों ने किसानों पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। जिसके बाद किसानों की ओर से भी पलटवार  किया गया। फिर दोनों गुटों के बीच पत्थरबाजी भी शुरू हो गई। 

तलवार से हमले में घायल हुए SHO

इस पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मियों को चोटें आई। वहीं तलवार से हमले में एक SHO घायल हुए। हालातों पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों का सहारा लिया। इस दौरान खुद को स्थानीय बताने वाले एक शख्स ने ये आरोप लगाया कि पहले किसानों ने हमला शुरू किया और तलवार से वार भी उन्हीं के द्वारा  किया गया। 

वहीं पुलिस के जवानों का भी यही कहना है कि किसानों ने तलवार का इस्तेमाल किया, जिस दौरान एक तलवार जब्त भी की गई।

जानकारी के मुताबिक सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाने के लिए बवाना और नरेला गांव से कथित स्थानीय लोग पहुंचे थे। उनका कहना है कि किसानों के प्रदर्शन की वजह से हाईवे बंद है, जिसके चलते उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ रहा है। 

Bigg Boss 14: एंटरटेनमेंट के नाम पर राखी सावंत ने की हदें पार, अभिनव शुक्ला के साथ की...

बिग बॉस का सीजन 14 कई महीनों से लोगों को एंटरटेंन कर रहा है। पिछले सीजन के मुकाबला बिग बॉस 14 का मजा थोड़ा फीका पड़ता हुआ नजर आ रहा था। लेकिन कुछ एक्स कंटेस्टेंट की एंट्री के बाद शो में दम आया। ड्रामा क्वीन राखी सावंत भी शो का हिस्सा बनीं हैं और वो लोगों को एंटेरटेंन करने में कोई कसर नहीं छोड़ती हुई नजर आ रहीं।

राखी की हरकतों से परेशान हुए अभिनव

राखी रोजाना ही ऐसा कुछ ना कुछ कर देती हैं, जिसके चलते वो सुर्खियों बटोरी लेती हैं। बिग बॉस 14 में राखी कंटेस्टेंट अभिनव शुक्ला के प्यार में पड़ चुकी हैं। वो किसी ना किसी तरीके अभिनव को छेड़ते हुए नजर आती रहती है। लेकिन राखी का प्यार अब पागलपन का रूप लेता जा रहा है। जहां एक ओर अभिनव भी उनकी हरकतों से तंग आने लगे है, तो दूसरी ओर बाहर शो के दर्शकों का भी गुस्सा उस पर फूट रहा है।

हाल के ही एपिसोड में राखी ने अपनी पूरी बॉडी पर ‘आई लव अभिनव’ लिखवा लिया था। आने वाले एपिसोड में भी राखी सांवत एक और ऐसी ही हरकत नजर आएगीं। जिसको लेकर अभिनव की पत्नी रुबीना आगबबूला हो जाएगी। ये पूरा माजरा क्या है, आइए आपको बताते हैं…

अब राखी सावंत ने की ये हरकत

बिग बॉस के अपकमिंग एपिसोड का एक प्रोमो सामने आया है, जिसमें राखी सावंत अभिनव के शॉट्स के स्ट्रिंग खोलते हुए नजर आ रही हैं। वो अभिनव के पैंट उतारने की कोशिश कर रही होती है, जिसको लेकर अभिनव भी चौंक जाते हैं।

प्रोमो में देखने मिल रहा है कि राखी अभिनव का पीछा कर रही होती है और वो लगातार उनको तंग करने की कोशिश करती है। अभिनव उनसे बहुत इरिरेट होने लगते है। इसके बाद दोनों खड़े होते है, तो राखी अचानक ही अभिनव के शॉर्ट्स की इलास्टिक को खींच देती है। जिसको देखकर हर कोई हैरान रह गया। वहीं अभिनव भी पीछे हटते हुए इससे खुद को बचाने की कोशिश करते नजर आते है।

फूट पड़ा रुबीना का गुस्सा

इस घटना के बाद रुबीना के सब्र का बांध भी टूट जाएगा और वो राखी को खरी-खोटी सुनाएगी। प्रोमो में जैसे देखने को मिला उसके मुताबिक रुबीना, राखी से कहती हैं- ‘आप, अपनी लिमिट क्रॉस मत करो।’ रुबीना कहती हैं कि अगर तुम मेरे पति की इज्जत नहीं करोगी, तो मैं सबसे पहले तुम्हारे सामने खड़ी रहूंगी।

जिसके बाद राखी और रुबीना के बीच काफी तीखी जुबानी जंग भी हो जाती है। रुबीना को जवाब देते हुए राखी कहती हैं कि वो रियल लाइफ में तुम्हारा पति होगा, लेकिन यहां एक कंटेस्टेंट हैं। साथ ही राखी ने ये भी कहा कि जो उनको एंटेरटेनमेंट लगता है, उसके वो करेगी।

बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं जब राखी अपनी इस तरह की हरकतों को लेकर लाइमलाइट में आई हो। इससे कुछ दिन पहले भी उन्होनें इस तरह की हरकत राहुल महाजन के साथ भी की थीं।